पहाड़ की जवानी और पानी को रोक पाएंगे तीरथ?

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चार साल पहले चुनावी भाषण में पीएम ने कहा था पहाड़ का पानी और जवानी अब पहाड़ के काम आएगी
चंद्र प्रकाश बुड़ाकोटी
देहरादून। पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम नही आती यह कहावत सदियों से चली आ रही है और इसमें सच्चाई भी है।लेकिन चार साल पूर्व जब देश के प्रधानमंत्री के मुखारबिन्दु से ये शब्द निकले ष्अब पहाड़ का पानी भी और जवानी भी पहाड़ के काम ही आएगीष् तो लोगो को उम्मीद जगी अब दिन बहुरने वाले है। लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी प्रधानमंत्री की इन बातों का सरकार से लेकर सिस्टम ने कोई ध्यान नही दिया,एक इंच भी आगे नही बढ़े,न ही जवानी रोकने के लिए कोई कारगर योजनाए ही बनाई गई ओर न ही पानी को। अब प्रदेश की कमान पौड़ी गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत के हाथों में है,पीएम के द्वारा दिखाए गए सपनो को तीरथ साकार कर पाएंगे यह बड़ा सवाल है ? गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव रैली में प्रदेश की जनता को भरोसा दिलाया था कि अब पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम आएगी।भोली भाले पहाडिय़ों ने चुनावी वादे को सच मान पूरा समर्थन भाजपा को दिया। सत्तर सीटों बाली उत्तराखंड विधानसभा में 57 बिधायक भाजपा के जिता दिये। वही 2०19 लोक सभा चुनाव में पांचो लोक सभा सीट भाजपा की झोली में डाल दी।अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पांचो सांसदों ने भी इन सालो विकास के लिए मिली सांसद निधि को आधा भी खर्च नही किया यही हाल उत्तराखंड कोटे से कांग्रेस के राज्य सभा सासंदो का भी रहा इन्होंने ने भी मिली निधि को खर्च करने में कंजूसी दिखाई। राज्य निर्माण के बीस साल बाद भी उत्तराखंड की अरबों मूल्य की सम्पति पर उत्तर प्रदेश कब्जा किये हुए है। वन विभाग, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, पेयजल, ग्रामीण विकास, पशुधन जैसे कई विभागों की कई सम्पतियों,राजस्व का मालिकाना हक अभी भी उत्तर प्रदेश के पास है।डबल इंजन की सरकार के बाबजूद एक तरफ उत्तराखंड अपने कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए हर महीने बाहरी एजेंसी से कर्ज ले रहा है और दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार से अपने राजस्व की स्पष्ट एवं पुख्ता मांग नहीं कर रहा।

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