देहरादून(संवाददाता)। केदारनाथ व चारधाम मार्ग पर बार बार हो रहे हेलीकॉप्टर हादसों को लेकर कांग्रेस से लेकर कुछ संगठन सरकार के खिलाफ तल्ख हो रखे है और उनका साफ कहना है कि राज्य में हेलीकॉप्टर उड़ानों को लेकर न कोई नियम है और न ही कोई कानून। हवा में उड़ रहे हेलीकॉप्टरों में मानकों को तार तार करने के कारण ही हादसों में अब तक तेरह श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है लेकिन इन मौतों का जिम्मेदार कौन है यह आज भी एक पहेली से ज्यादा कुछ नहीं है। कांग्रेस का साफ आरोप है कि सरकार की लापरवाही का ही परिणाम है कि हेलीकॉप्टर हादसे हो रहे है। हेलीकॉप्टर हादसे में भाजपा प्रदेश प्रभारी का मीडिया के सामने दिया गया तीखा बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और उससे कांग्रेस से लेकर सोशल मीडिया में भाजपा प्रदेश प्रभारी के बयान पर तीखी नाराजगी देखने को मिल रही है तो वहीं कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष ने भी हेलीकॉप्टर हादसे को लेकर सरकार की घेराबंदी की है और भाजपा प्रदेश प्रभारी के बयान को लेकर भी कड़ा ऐतराज जताया है।
इस अवसर पर महानगर कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा है कि हेलीकॉप्टर हादसा सरकार की लापरवाही का परिणाम है और न ही यह कोई प्राकृतिक त्रासदी है। उन्होंने कहा कि असंवेदनशील व अहंकारी शर्मनाक बयान पर भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम को पद से हटाया जाये। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में हुए हृदयविदारक हेलीकॉप्टर हादसे में एक मासूम सहित सात श्रद्धालुओं की जान चली गई और इस घटना में उत्तराखंड सरकार की व्यवस्थाओं और हेलीकॉप्टर सेवाओं के संचालन की पोल खोल कर रख दी। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि इस त्रासदी के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह कह रहे हैं कि अब जाकर एक एसओपी तैयार करने के लिए समिति गठित की गई है। उन्होंने कहा कि जब राज्य में वर्षों से बड़े पैमाने पर हेलीकॉप्टर सेवाएं संचालित हो रही हैं, चारधाम यात्रा में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आ-जा रहे हैं, तो यह एसओपी पहले क्यों नहीं बनी और बिना किसी मानक प्रक्रिया के लोगों की जान जोखिम में डालकर हवाई सेवाएं ऑपरेट करना क्या सीधा आपराधिक कृत्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार मुख्यमंत्री की सिंगल सेंट्रल कमांड की अब की गई घोषणा यह सिद्ध करती है कि अब तक संचालन बेतरतीब, असंगठित और गैर-जिम्मेदाराना तरीके से किया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सामने आया है कि कुछ हवाई कंपनियां दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में पायलट्स को ट्रायल टेक ऑफ और लैंडिंग के बिना उड़ान भरने भेज रही हैं, जो यात्रियों की जान से सीधा खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि क्या सरकार को यह सब दिखाई नहीं देता था या जानबूझकर नजरअंदाज किया गया। शर्मा ने कहा है कि हद तो तब हो गई जब भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने मीडिया के सवाल पर तंज कसते हुए कहा कि अगर आपके पास दुर्घटनाएं रोकने की योजना है तो आप हेलीकॉप्टर उड़ाइए। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ एक असंवेदनशील और अहंकारी बयान है, बल्कि दुर्घटना में मारे गए लोगों और उनके परिजनों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। उन्होंने कहा कि क्या अब पत्रकारों और जनता को भाजपा नेता सरकार भी चलाने और हेलीकॉप्टर भी उड़ाने को कहेंगें और उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की स्पष्ट माँगें है कि मुख्यमंत्री यह स्पष्ट करें कि एसओपी अब तक क्यों नहीं बनी और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने कहा कि पांच बजे सुबह हेलीकॉप्टर उड़ान की अनुमति किसने दी, इसकी न्यायिक जांच हो।
उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर संचालन से पहले पायलट्स के पर्वतीय ट्रायल अनिवार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि यूकाडा को एक प्रभावी, तकनीकी रूप से सक्षम, स्वतंत्र निगरानी संस्था के रूप में पुनर्गठित किया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम को उनके शर्मनाक बयान पर पद से हटाया जाए और उनसे सार्वजनिक माफी मंगवाई जाए। उन्होंने कहा कि सभी मृतकों के परिजनों को रूपये एक करोड़ की आर्थिक सहायता दी जाए। शर्मा ने कहा है कि उत्तराखंड की जनता भाजपा सरकार की इन घातक विफलताओं को भूलेगी नहीं। उन्होंने कहा कि यह हादसा कोई प्राकृतिक आपदा नहीं था, यह नीतिगत, व्यवस्थागत और राजनीतिक लापरवाही का परिणाम है।