देहरादून(संवाददाता)। हरिद्वार में हुये नगर निगम भूमि घोटाले में आईएएस द्वारा जांच करने के बाद सरकार ने बारह लोगों को निलम्बित कर इस मामले की जांच विजिलेंस के हवाले की है लेकिन उसी समय से यह बहस चली आ रही है कि आखिरकार इस घोटाले के मास्टरमाइंड के चेहरे से कब नकाब हटेगा जिससे कि यह साफ हो सके कि घोटाला किसके इशारे पर हुआ था। आईएएस की जांच रिपोट के बाद भी अब तक विजिलेंस ने भ्रष्टाचार अधिनियम का मामला दर्ज नहीं किया है जिससे लगातार शंकाओं का दौर चल रहा है कि जब आईएएस की रिपोट में घोटाला साबित हो गया तो फिर मुकदमा दर्ज क्यों नहीं हो पा रहा? अब नगर निगम भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड व जालसाजों की सीबीआई से जांच कराने व भ्रष्टाचारियों पर मुकदमा दर्ज करने को लेकर मोर्चे के अध्यक्ष और सैकडों लोगों ने विकासनगर तहसील का घेराव किया और साफ हुकार लगाई कि इस घोटाले में अच्छी दखल रखने वाले मास्टरमाइंड, जालसाज अधिकारी के दबाव के कारण ही इस घोटाले को अंजाम दिया गया है और यह भी दावा किया कि असली मास्टरमाइंड अभी पिक्चर से बाहर है जिस पर शिकंजा कसना आवश्यक है। मोर्चे ने कहा कि जालसाज अधिकारी ने सरकार की छवि को धूमिल करने का काम किया है और अगर इस मामले में सीबीआई जांच व भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई तो मोर्चा न्यायालय की शरण लेगा।
जन संघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व मे हरिद्वार नगर निगम भूमि खरीद घोटाले के मुख्य मास्टरमाइंड, जालसाज पर शिकंजा कसने व घोटाले के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ सीबीआई जांच तथा एफआईआर दर्ज कराने को लेकर तहसील में घेराव, प्रदर्शन कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी, विकासनगर की गैर मौजूदगी में पेशकार सरिता जोशी को सौंपा। नेगी ने कहा कि उक्त घोटाले में सरकार में अच्छी दखल रखने वाले मास्टरमाइंड, जालसाज अधिकारी के निर्देश व दबाव के कारण ही इस घोटाले को अंजाम दिया गया। यह अलग बात है कि अधिकारियों ने दबाव में आकर यह घोटाला किया, जिसमें इनको निलंबित कर दिया गया एवं विजिलेंस जांच के आदेश भी सरकार द्वारा दिए गए, जोकि सराहनीय कदम है ,लेकिन असली मास्टरमाइंड इस पिक्चर से बाहर है, जिस पर शिकंजा कसा जाना अति आवश्यक है। सूत्र बताते हैं कि उक्त मास्टरमाइंड अधिकारी के मोबाइल द्वारा अधिकारियों से की गई घोटाले की चैटिंग भी मीडिया तक पहुंच गई है, जिसमें मास्टरमाइंड अधिकारी द्वारा इन पर दबाव बनाकर इनको काम जल्दी करने के निर्देश दिए गए। नेगी ने कहा कि सवाल इस बात का है कि उक्त अधिकारियों द्वारा कैसे कूड़े के ढेर से लगती लगभग 3० बीघा भूमि का लैंड यूज चेंज कर 14 करोड़ की भूमि 54 करोड़ में रातों-रात खरीद ली गई, जिससे सरकार को लगभग 4० करोड रुपए की चपत लगी। नेगी ने कहा कि वैसे तो उक्त घोटाले की जांच आईएएस अधिकारी रणवीर सिंह चौहान द्वारा की जा चुकी है, जिसके परिणाम स्वरूप कुल मिलाकर 12 अधिकारियों को निलंबित, सेवा विस्तार समाप्त किया जा चुका है। अब तक उक्त घोटाले में इन अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक आपराधिक षड्यंत्र व भ्रष्टाचार निवारण एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हो जानी चाहिए थी ,लेकिन नहीं हुई। नेगी ने कहा कि उक्त जालसाज अधिकारी के कुकर्मों का दंड ये अधिकारी भुगत रहे हैं, जिनको निलंबित किया जा चुका है। उक्त जालसाज अधिकारी ने सरकार की छवि को धूमिल करने का काम किया है। मोर्चा ने आगाह किया कि अगर शीघ्र ही उक्त जालसाज, मास्टरमाइंड अधिकारी के खिलाफ सीबीआई जांच व भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज नहीं की गई तो मोर्चा न्यायालय की शरण लेगा।