भूमाफियाओं को कौन दे रहा पनाह!
गुरमेल बोलाः सीएम साहब कभी मुझे भी फोन कर पूछना कि जनता दरबार में मिला न्याय
भूमाफियाओं का साम्राज्य खत्म करने में सिस्टम धड़ाम!
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में अगर कोई भूमाफिया किसी व्यक्ति की जमीन पर कब्जा करने का दुसाहस करता है तो उस भूमाफिया को मिट्टी में मिलाने के लिए बाबा योगी का सिस्टम फरियादी को न्याय दिलाने के लिए तुरंत उसके साथ खडा होकर उसकी जमीन पर हो रखे कब्जे को भूमाफियाओं से खाली कराकर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने मे कोई देर नहीं कर रहा है जिससे वहां की जनता के मन में अपने मुख्यमंत्री को लेकर एक आशा की किरण है कि उनके होते हुए कोई अपराधी या माफिया उन्हें अपनी हैकडी नहीं दिखा पायेगा। वहीं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री जो कि आवाम को हमेशा न्याय दिलाने के लिए अगली पक्ति मे खडे रहते हैं और उन्होंने सभी जिलों के प्रशासन व पुलिस अफसरों को आदेश दिया हुआ है कि उनके कार्यालय मे आने वाले फरियादियों की फरियाद सुनकर उन्हें तुरंत न्याय दिलायें जिससे कि उनके मन में सरकार की इच्छाशक्ति को लेकर एक विश्वास बना रहे। राजधानी में लम्बे समय से देखने मे आ रहा है कि काफी खाली पडी जमीनों पर जब भूमाफियाओं की नजर पडी तो उन्होंने आनन-फानन में उनके फर्जी दस्तावेज बनाकर उस पर कब्जे कर लिये और जब जमीन का असली मालिक पुलिस के पास पहुंचता है तो उसे मामला सिविल का बताकर न्यायालय में जाने का ज्ञान पढाया जाता है जिसे देखकर साफ नजर आता है कि न्यायालय में ऐसे मुकदमों कितने वर्षों तक चलते रहते हैं जिसके चलते भूमाफिया तो जमीन कब्जाकर अपने आपको बाहुबली बन जाता है लेकिन जमीन मालिक अपनी जमीन खाली कराने के लिए इधर-उधर रेंगता रहता है। एक दौर में एक एक्स मुख्यमंत्री ने डीएम और पुलिस कप्तानों को आदेश दिये थे कि अगर कोई भी भूमाफिया किसी जमीन पर कब्जा करे तो प्रशासन की टीम तत्काल उस जमीन पर जाकर जांच पडताल करके जमीन के असली मालिक को कब्जा दिलाये जिससे कि उसे न्यायालय में वर्षों तक मुकदमा न लडना पडे। वहीं सतर साल के बुजुर्ग के मन में पीडा है कि जिन भूमाफियाओं ने उसकी रजिस्ट्री और दाखिल खारिज वाली जमीन पर कब्जा किया हुआ है उन भूमाफियाओं को आखिर कौन पनाह दे रहा है?
मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने राज्यवासियों की फरियाद सुनने के लिए अपनी हैल्प लाइन का गठन किया हुआ है और वह कभी-कभी उन लोगों से भी सीधा संवाद करते हैं जिन्होंने अपनी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की होती है लेकिन मुख्यमंत्री शायद जनता दरबारों में आने वाले फरियादियों के साथ संवाद करने से अपनी व्यस्ता के चलते शायद चूक जाते हैं? गजब की बात यह है कि सतर साल का एक बुजुर्ग गुरमेल सिंह पिछले छह महीनों से राजधानी के डीएम के जनता दरबार में हर बार अपनी शिकायत लेकर जाता है कि उसकी जमीन पर कुछ भूमाफियाओं ने कब्जा किया हुआ है और प्रशासन से लेकर पुलिस तक बार-बार अपनी रिपोट में यह लिख भी रही है कि प्रशासन के सरकारी अभिलेखों में गुरमेल सिंह की जमीन ही अंकित है लेकिन उसकी जमीन कैसे आजाद होगी यह गुरमेल सिंह आज तक समझ नहीं पा रहा। गुरमेल ंिसह की आंखो में आंसू हैं कि वह अकेला है तो उसकी जमीन आजाद नहीं हो पा रही जबकि भूमाफिया अपनी पावर दिखाकर मौके पर कुछ लोगों को लाकर उसे डराने का जो कृत्य कर रहे हैं तो फिर वह अपनी जमीन भूमाफियाओं से आजाद कराने के लिए आखिर किसकी चौखट पर जाये? गुरमेल सिंह ने बातचीत में कहा कि कोई दिन ऐसा भी आये जब राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी जो अकसर सीएम पोर्टल पर आने वाली शिकायतों को लेकर कुछ लोगों से फोन पर संवाद करके पूछते हैं कि तुम्हारी समस्या हल हुई की नहीं तो उसी तरह से वह भी उन्हें कभी फोन करके पूछ लें कि भूमाफियाओं ने तुम्हारी जमीन पर जो कब्जा किया हुआ है वह कब्जा खाली हुआ की नहीं?
सतर साल का बुजुर्ग बताता है कि एक दिन वह जनता दरबार में अपना जन्म प्रमाण पत्र भी ले गया था जिसमें उसकी उम्र सतर वर्ष अंकित थी तो उसे वहां सम्मान तो दिया गया लेकिन हर बार उसकी शिकायत पर जांच और सिर्फ जांच का आदेश देना उसे हैरान कर रहा है। बुजुर्ग का कहना है कि वह अपनी जमीन से कब्जा हटवाना चाहता है और जिला प्रशासन चाहे तो एक घंटे के भीतर मौके पर प्रशासनिक टीम भेजकर वहां दूध का दूध और पानी का पानी कर सकता है कि जमीन का असली मालिक है कौन? अपने हाथ में अपनी जमीन के दस्तावेज लेकर सरकार और सिस्टम से मायूस हो चुके बुजुर्ग ने कहा कि अगर वह इस मामले को न्यायालय मे ले जाये तो यह मामला उसकी मौत के बाद भी शायद खत्म नहीं होगा। बुजुर्ग की पीडा की गूंज आखिर कौन मुख्यमंत्री के सामने रखेगा जिससे कि वह उसे इंसाफ दिलाने के लिए खुद आगे आये। देखा जाये तो राजधानी में काफी भूमाफियाओं का साम्राज्य इतना विशाल हो रखा है कि उसे भेद पाना असम्भव ही नजर आता है?