ओवररेटिंग का चलता रहस्यमय खेल

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देहरादून(संवाददाता)। हैरानी वाली बात है कि राज्य के मुख्यमंत्री साफ अल्टीमेटम दे चुके है कि अगर किसी ने भी शराब की ओवररेटिंग की तो उसे किसी भी कीमत बख्शा नहीं जायेगा और ऐसी दुकानों पर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भी अगर राजधानी में शराब की ओवररेटिंग रोकने में आबकारी महकमा सफल नहीं हो पा रहा है तो उससे कई सवाल खडे होने तय है कि आखिरकार किसकी शह पर राजधानी के अंदर ओवररेटिंग का खेल चल रहा है? क्या आबकारी महकमा ऐसी दुकानों को चिन्हित कर उनके लाइसेंस निरस्त करने के लिए आगे आयेगा?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास आबकारी महकमा है और वह राज्य के अंदर शराब की ओवररेटिंग को लेकर हमेशा नाराज दिखाई दिये है और उन्होंने अफसरों को दो टूक संदेश दे रखा है कि अगर किसी दुकानदार ने ओवररेटिंग करने का दुस्साहस किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री राज्य के अंदर नकली शराब और ओवररेटिंग को लेकर अपने तल्ख तेवर दिखाये हुए है, हालांकि बार बार सोशल मीडिया पर ओवररेटिंग को लेकर जो फोटो और अधिक लिये गये पैसे का लेखा जोखा डाला जा रहा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी भी शराब का धंधा करने वाले कुछ शराब ठेकेदार अपनी दुकानों पर आखिर किसके इशारे पर ओवररेटिंग का काला कारोबार कर रहे है। सोशल मीडिया पर राज्य के वरिष्ठ पत्रकार अविकल थपलियाल ने सोशल मीडिया पर शराब की ओवररेटिंग को लेकर सबूत के साथ एक पोस्ट शेयर की है और यह बताया है कि जिस दुकान से बीयर पर दस रूपये ज्यादा लिये गये वह भानियावाला तिराहे पर मौजूद है। पत्रकार ने सवाल दागा कि क्या इस दुकान का लाइसेंस निलंबित करेगा आबकारी विभाग या ठगी जारी रहेगी। उन्होंने लिखा की बीयर के दाम ज्यादा वसूल लिए कहां धरी रह गई सारी कवायद। अब सवाल उठता है कि क्या शराब की कुछ दुकानों के मालिकों को सरकार का कोई भय नहीं है जिसके चलते वह ओवररेटिंग करने से बाज नहीं आ रहे है।

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