अंकिता हत्याकांड में उम्रकैद अंकित, आरिफ और सौरभ भास्कर जीवनभर जेल में रहेंगे कैद

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के पौडी गढ़वाल मे रहने वाली अंकिता भंडारी की जब हत्या हुई तो उससे गढ़वाल में चप्पे-चप्पे पर कातिलों को फांसी दिये जाने को लेकर धरने-प्रदर्शन होते रहे और उससे उत्तराखण्ड की फिजाओं में एक आक्रोश की ज्वाला जलती रही कि आखिरकार कातिलों को कब सख्त से सख्त सजा मिलेगी। हालांकि अंकिता भंडारी का परिवार तीनों कातिलों को फांसी दिये जाने की मांग को लेकर अपना आंदोलन भी करता रहा। अंकिता भंडारी हत्याकांड उत्तराखण्ड की सियासत मे एक बडा भूचाल मचाये हुये था और विपक्ष भी सरकार को कटघरे मे खडा करके उस पर सवाल दाग रही थी कि वह कातिलों को फांसी पर पहुंचाने के लिए क्या ऐसे सबूत न्यायालय में पेश करेगी जिससे कि उत्तराखण्ड के अन्दर एक नजीर बने कि अगर किसी ने ऐसा कत्ल करने का दुसाहस किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी। अंकिता भंडारी हत्याकांड से उत्तराखण्ड की वादियांे में दिखाई देने वाली तपिश को भापकर मुख्यमंत्री ने अंकिता के परिवार को वचन दिया था कि सरकार अंकिता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कार्यवाही करेगी और समूची सरकार अंकिता के परिवार के साथ खडी है। पौड़ी न्यायालय ने इस कत्ल की सालों सुनवाई हुई और आज आखिरकार इस मामले में न्यायालय ने फैसला देने के लिए समय तय किया हुआ था जिसको देखते हुए न्यायालय की ओर जाने वाले रास्ते पर सख्त पेहरा लगाया गया था। न्यायालय ने सुबह अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों गुनाहगारों को दोषी करार दिया और दोपहर बाद न्यायालय ने हत्याकांड मे शामिल तीनों गुनाहगारों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों कातिलों को उम्रकैद की सजा सुनाये जाने पर आम जनमानस बोला कि पहाड़ की बेटी को आज इंसाफ मिल ही गया।
गढ़वाल के पौड़ी जनपद में अंकिता भंडारी हत्याकांड हुआ तो उससे उत्तराखण्ड के अन्दर अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए एक बडा आंदोलन विकराल रूप ले गया था और उसके चलते गढवाल के अधिकांश जनपदों में अंकिता भंडारी के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने को लेकर सडकों पर प्रदर्शन शुरू हुये और यह प्रदर्शन एक विकराल रूप लेते चले गये तो उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए वचन लिया कि वह इस हत्याकांड में सभी गुनाहगारों को जल्द से जल्द सख्त सजा दिलाने के लिए आगे रहेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रूख के चलते यह साफ नजर आ रहा था कि हत्याकांड में शामिल सभी गुनाहगारों को सख्त से सख्त सजा मिलना तय है। अंकिता भंडारी के पिता और मां सभी कातिलों को फांसी की सजा दिलाये जाने की मांग सरकार के मुखिया पुष्कर ंिसह धामी से करते रहे। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव कार्रवाई करने का संकल्प लिया था और धामी के निर्देश पर इस घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। अंकिता की हत्या के बाद आरोपियों को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा गया। आरोपी अभी भी सलाखों के पीछे हैं। यही नहीं उनके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है। कोर्ट में सरकारी अधिवक्ता की ओर से प्रभावी पैरवी की गई है। और यही वजह रही कि आरोपियों की ओर से बार बार दाखिल की गई जमानत अर्जी हर बार खारिज कर दी गई। अंकिता के परिजनों की मांग पर तीन बार सरकारी वकील बदल दिए गए। मामले में 500 पन्नों की चार्ज शीट तैयार की गई। 100 गवाहों के बयान भी शामिल किए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूरी उत्तराखण्ड सरकार इस मामले में लगातार अंकिता के परिवार के साथ खड़ी रही है। अंकिता के परिवार को 25 लाख की आर्थिक मदद दी गई। दिवंगत बेटी अंकिता के भाई और उसके पिता को सरकारी नौकरी दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार अंकिता भंडारी केस में न्यायालय में हो रही कार्यवाही की खुद भी समीक्षा करते हुए उस पर नजर रख रहे थे। न्यायालय ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज फैसला सुनाने का आदेश दिया था। आज सुबह से ही न्यायालय की ओर जाने वाले रास्तों पर पुलिस ने बैराकेटिंग कर रखी थी और चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही थी। न्यायालय ने दोपहर बाद हत्याकांड मे शामिल तीनों कातिलों को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ उन पर पचास हजार का जुर्माना लगाया। अंकिता भंडारी के तीनों कातिलों को उम्रकैद की सजा सुनाये जाने पर आम जनमानस बोल रहा था कि सरकार की ओर से न्यायालय में मजबूती के साथ की गई पैरवी के चलते ही अंकिता भंडारी के तीनों कातिलों को उम्रकैद की सजा हो पाई है।

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