जेल मुखिया रामवीर को सिखायेंगे सबक

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड बनने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात सुनील राठी हमेशा राज्य की पूर्व सरकारों और पुलिस महकमे को बडी चुनौती देकर राज्य के व्यापारियों के मन में एक बडा खौफ पैदा करता रहा। राठी ने उद्यमियों से फिरौती मांगने का बार-बार तांडव मचाया लेकिन हरिद्वार के तत्कालीन पुलिस कप्तान रहे अभिनव कुमार ने सुनील राठी की नाक में नकेल डालने का जो बडा जज्बा दिखाया था उससे सुनील राठी से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बाहरी राज्यों के अपराधियों के मन में एक बडा खौफ देखने को मिला था। सुनील राठी ने हमेशा पुलिस महकमे को अपने कुख्यातपन का जो दृश्य दिखाया उससे हमेशा राज्य के व्यापारियों के मन में बडा डर बना रहता था। अब एक लम्बे समय से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात रामवीर ने उत्तराखण्ड की सरकारों को खुली ललकार दिखाते हुए एक के बाद एक हत्या व कई बडे अपराध किये उससे आज कुख्यात रामवीर धामी सरकार के लिए बडा सिरदर्द बना हुआ है। टिहरी की मुनि रेती में एक रेस्तरा मालिक को भाडे के दो हत्यारों से मरवाकर रामवीर ने फिर पुलिस सिस्टम को बडी चुनौती दी है। जेल मे बैठकर रेस्तरा मालिक की हत्या कराने वाले रामवीर को लेकर जेल चीफ का पारा सातवे आसमान पर है और उन्होंने जेल के कुछ अफसरों से भी जवाब तलब किया है कि आखिरकार रामवीर ने कैसे और किसके साथ हत्या की साजिश रची थी? जेल चीफ जो कि अपराधियों के खिलाफ हमेशा मुखर दिखाई देते रहे हैं उन्होंने अब इस कुख्यात की नाक मे नकेल डालने के लिए कमर कस ली है जिससे कि भविष्य मे कभी भी जेल मे कैद कोई अपराधी किसी भी अपराध को अंजाम देने का सपना भी न देख सके।
उत्तराखण्ड मे एक दशक से राज्य की काफी जेलों में कैद कुछ कुख्यात अपराधी वहीं से अपना गैंग बेखौफ होकर चलाते रहे यह किसी से छिपा नहीं है। सुनील राठी से लेकर काफी कुख्यात बदमाशों ने जेलों में बैठकर ही किसी की हत्या कराई तो किसी ने किसी को डराने के लिए उस पर गोली चलवाने के लिए अपना हुक्म दिया था। एक समय में राजधानी के जेल मे बंद एक कुख्यात बदमाश ने जेल से ही फोन के द्वारा उधमसिंहनगर के कालाढूंगी में एक बडा कांड करवाया था जो उत्तराखण्ड के इतिहास में सबसे दिल दहला देने वाला कांड ही माना जाता है। उत्तराखण्ड सरकार ने जब आईपीएस अभिनव कुमार को कार्यवाहक डीजीपी की कमान सौंपी थी तो उन्होंने अपराधियों को खुली चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने अपराध करने का दुसाहस किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी। अभिनव कुमार ने अपनी पहली पत्रकार वार्ता में जेलों में कैद अपराधियों को भी खुला अल्टीमेटम दिया था कि अगर उन्होंने जेलों से अपराध करने का दुसाहस किया या किसी से फिरौती मांगी तो उन्हें इसका बडा खामियाजा भुगतना पडेगा। कार्यवाहक डीजीपी रहे अभिनव कुमार के कार्यकाल में जेलों में बंद सुनील राठी से लेकर दर्जनों कुख्यात बदमाशों ने जेल से एक भी अपराध करने का दुसाहस नहीं किया था क्योंकि उन्हें डर था कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो यह उनके जीवन पर एक बडा संकट खडा कर देगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने का संकल्प लिया हुआ है और वह राज्य के अन्दर अपराध का सफाया करने का खुला संदेश देते आ रहे हैं।
वहीं एक लम्बे दशक से सरकारों और पुलिस महकमे को ललकारते आ रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश रामवीर ने एक के बाद एक हत्यायें करने का जो तांडव मचा रखा है वह पुलिस महकमे के लिए एक बहुत बडी चुनौती है। पुलिस महकमे के साथ-साथ एसटीएफ के लिए भी यह चुनौती है कि जब उसके पास जेल से बाहर व जेल के अन्दर बंद कुख्यात बदमाशों पर नजर रखने का जिम्मा है तो फिर कैसे कुख्यात रामवीर ने टिहरी के मुनि की रेती मे एक रेस्तरा मालिक की भाडे के दो हत्यारों से हत्या करा दी? जेल मे बंद कुख्यात रामवीर के इस दुसाहस को लेकर जेल चीफ अभिनव कुमार जेल महकमे के अफसरों से बेहद नाराज हैं और उन्होंने अब जेल मे बंद कुख्यात रामवीर की नाक मे नकेल डालने के लिए सख्त एक्शन लेने का मन बनाया है। जेल चीफ ने जिस तरह से इस कुख्यात के दुसाहस को लेकर सख्त रूख अपना रखा है उसको देखते हुए यह यकीन है कि भविष्य में अब कोई भी अपराधी जेल से कोई भी अपराध करने का दुसाहस नहीं कर पायेगा।

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