घोटाले की जांच अब अंतिम दौर में

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देहरादून/हरिद्वार(संवाददाता)। मुख्यमंत्री ने अपने शासनकाल में साफ संदेश दिया हुआ है कि अगर किसी ने भी पुराने शासनकाल में कोई घोटाला किया और उसकी गूंज उनके सामने आई तो उसमे शामिल एक-एक गुनाहगार को इसका खामियाजा भुगतना पडेगा? मुख्यमंत्री ने अपना नेटवर्क इतना विशाल कर रखा है कि उनकी रडार से कोई भी भ्रष्टाचारी या घोटालेबाज बच नहीं सकता। हरिद्वार के नगर निगम में एक बडा भूमि घोटाला सामने आने पर मुख्यमंत्री ने अपने सख्त तेवर दिखाये और उन्होंने इस मामले की जांच एक आईएएस अफसर को सौंपते हुए उन्हें दो टूक संदेश दिया कि इस घोटाले मे चाहे कोई कितना भी बडा अफसर या राजनेता शामिल हो तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी। मुख्यमंत्री के आदेश पर इस घोटाले की जांच तेजी के साथ आगे बढ़ रही है और उत्तराखण्ड के अन्दर अब सबकी निगाहें हरिद्वार के नगर निगम मे हुये भूमि घोटाले पर टिकी हुई है? जांच अफसर ने अपनी जांच का दायरा बढाना शुरू कर दिया है इससे यह सवाल भी पनपने लगे हैं कि कहीं इस घोटाले मे कुछ कथित भूमाफिया और चंद अफसरों ने अपना कोई सिंडिकेट तो नहीं बना रखा था जिसके चलते उन्होंने इस भूमि घोटाले को अंजाम देने के दौरान सरकार का कोई भय अपने मन में नहीं पाला? जांच अधिकारी के सामने चंद अफसरों और एक कंप्यूटर ऑपरेटर के दून मे बयान दर्ज होने की बात भी सामने आ रही है? वहीं इस घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री का सख्त रूख यह बता रहा है कि घोटाले में जो-जो शामिल रहे हैं वह सरकार की रडार से नहीं बच पायेंगे और जांच के बाद सरकार की उन पर बडी कार्यवाही होना तय माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने जबसे सत्ता संभाली है तबसे वह भ्रष्टाचार और घोटालों के खिलाफ एक बडा युद्ध लड रहे हैं और उन्होंने सत्ता संभालने के बाद यह ऐलान कर दिया था कि उनके सामने अगर कोई भी भ्रष्टाचार या घोटाले का मामला सामने आया तो वह उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और जो भी इसमें शामिल होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी। मुख्यमंत्री के शासनकाल मे तो भ्रष्टाचारी और घोटालेबाजों के मन में एक बडा डर देखने को मिलता आ रहा है और जैसे ही मुख्यमंत्री को हरिद्वार के नगर निगम में भूमि घोटाले का एक बडा खेल पता चला तो वह इस घोटाले को लेकर बेहद नाराज दिखाई दे रहे हैं और उन्होंने इस घोटाले मे दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए एक बडे युद्ध का आगाज कर दिया है जिससे कि राज्य के अन्दर यह नजीर बन सके कि अगर किसी ने भी घोटालों का खेल खेलकर यह सोचा कि वह पुष्कर राज में बच जायेंगे तो यह सम्भव नहीं होगा? उत्तराखण्ड के अन्दर इन दिनों हरिद्वार मे हुआ भूमि घोटाला सुर्खियां बटोरे हुये है और यह बहस भी जन्म ले रही है कि इस घोटाले मे क्या छोटे-छोटे अधिकारी ही जांच की जद मे आयेंगे या फिर जिन चंद बडों ने भी इस घोटाले मे कथित रूप से कोई खेल खेला है वह अपने आपको जांच की आंच से बच जायेगा? मुख्यमंत्री के आदेश पर आईएएस अफसर रणबीर सिंह चौहान जांच कर रहे हैं जिसके बाद यह साफ दिखाई दे रहा है कि इस जांच का दायरा बडा हो चला है और जिसने भी इस घोटाले मे अपना रोल प्ले किया है वह सम्भवत: किसी भी कीमत पर नहीं बच पायेगा? चर्चाओं का बाजार गर्म है कि इस घोटाले मे साक्ष्यों का काफी अम्बार है और जांच अधिकारी के पास कहीं न कहीं ऐसे दस्तावेज जरूर हैं जिनके आधार पर वह अपनी जांच को पारदर्शिता के साथ आगे बढाते हुए हर उस अफसर को अपनी जांच के दायरे मे ले आयेंगे जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस घोटाले में अपनी भूमिका निभाई थी?
गौरतलब है कि धर्मनगरी हरिद्वार में नगर निगम के भूमि घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने सख्त रूख अपनाया और उन्होंने इसकी जंाच आईएएस रणबीर सिंह चौहान को सौंप रखी है। चर्चाएं हैं कि भूमि घोटाले मे आये दिन नई-नई कहानियां निकलकर सामने आ रही हैं और सवाल तैर रहे हैं कि अगर यह कहानियां सच हैं तो क्या फिर वो अफसर भी जांच अधिकारी की रडार पर आयेंगे जिन्होंने भूमि घोटाले की सारी स्क्रिप्ट बडे नाटकीय ढंग से तैयार की थी? चर्चाएं यहां तक हैं कि इस जांच की कमान एक अफसर खुद अपने हाथ में लेने का तानाबाना बुन रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने इस घोटाले का सच सामने लाने के लिए रणबीर सिंह चौहान पर भरोसा कर उन्हें घोटाले के सारे राज बेनकाब करने का खुला आदेश दिया हुआ है और उससे संभावनायें प्रबल हैं कि वो चंद बडे अफसर भी जरूर बेनकाब होंगे जिन्होंने इस मामले में अपना गोपनीय खेल खेला था।
चर्चाएं यहां तक हैं कि इस घोटाले मे चंद अफसरों को भी फसाने का कुचक्र रचा जा रहा है लेकिन वह अपने इस कुचक्र में सफल होंगे या नहीं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन जिस तरह से यह घोटाला अब सुर्खियां बटोरता हुआ नजर आ रहा है उससे यही सवाल पनप रहे हैं कि आखिर जिन्होंने इस घोटाले का सारा तानाबाना बुना था वह जांच अधिकारी की रडार पर आयेंगे या वह अपनी तिकडम से अपने आपको बचाने के खेल मे सफल होने की कोशिश करेंगे? चर्चा है कि मुख्यमंत्री को इस बात का इल्म हो चुका है कि इस घोटाले में कहीं न कहीं कुछ बडे अफसरों ने भी एक बडा खेल खेला था? अब यह जांच अंतिम दौर में आती हुई दिखाई दे रही है और चर्चा है कि जमीन खरीद घोटाले में दो अफसरों सहित एक कम्प्यूटर ऑपरेटर के बयान भी दर्ज हुये हैं और सबकी नजर इस घोटाले पर मुख्यमंत्री के सख्त एक्शन पर लग गई हैं?

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