प्रमुख संवाददाता
देहरादून/हरिद्वार। उत्तराखण्ड का इतिहास रहा है कि जब-जब बडे-बडे घोटाले सामने आये तो उसके बाद जोरशोर से इन घोटालों की जांच का डंका बजा और यह दिखाई देता था कि जांच के बाद बडे-बडे गुनाहगार बेनकाब होंगे लेकिन राज्य बनने के बाद से आज तक बडे-बडे घोटालों में सिर्फ भ्रष्टाचार करने वाले छोटे-छोटे अफसर ही बेनकाब हो पाये और बडे किसी अफसर पर कार्यवाही हुई हो ऐसा शायद आवाम को याद नहीं है? भाजपा व कांग्रेस शासनकाल में दर्जनों बडे-बडे घोटाले हुये और इन घोटालों की गूंज न्यायालयों में भी खूब गूंजी लेकिन बडे-बडे घोटालों को अंजाम देने वाले बडे गुनाहगार शायद कभी भी आवाम की नजर में नहीं आ पाये? अब हरिद्वार के नगर निगम में भूमि घोटाले का खूब शोर मच रहा है और सरकार ने इस मामले की जांच एक आईएएस को सौंप रखी है जिन्होंंने जांच मे अब तक कुछ चंद छोटे अधिकारियों को अपनी रडार पर लिया है लेकिन उत्तराखण्ड के अन्दर एक ही आवाज गूंज रही है कि क्या भूमि घोटाले के बडे गुनाहगार बेनकाब हो पायेंगे? उत्तराखण्ड के अन्दर यह सवाल भी पनप रहा है कि सरकार को चाहिए कि वह इस मामले की जांच एक आईएएस से न कराकर सीबीसीआईडी से कराये तो उससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा? हालांकि सवाल उठ रहे हैं कि सरकार भूमि घोटाले की जांच सीबीसीआईडी से कराने का बडा कदम उठायेगी? भूमि घोटाले को लेकर उत्तराखण्ड के अन्दर जो तूफान मचा हुआ है वह यह सवाल पैदा कर रहा है कि क्या इस तूफान की जद मे वो बडे अफसर भी आयेंगे जिन्होंने इस घोटाले का नाटकीय ढंग से तानाबाना बुना था?
धर्मनगरी हरिद्वार में नगर निगम के भूमि घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने सख्त रूख अपनाया और उन्होंने इसकी जंाच आईएएस रणबीर सिंह चौहान को सौंप रखी है। चर्चाएं हैं कि भूमि घोटाले मे आये दिन नई-नई कहानियां निकलकर सामने आ रही हैं और सवाल तैर रहे हैं कि अगर यह कहानियां सच हैं तो क्या फिर वो अफसर भी जांच अधिकारी की रडार पर आयेंगे जिन्होंने भूमि घोटाले की सारी स्क्रिप्ट बडे नाटकीय ढंग से तैयार की थी? चर्चाएं यहां तक हैं कि इस जांच की कमान एक अफसर खुद अपने हाथ में लेने का तानाबाना बुन रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने इस घोटाले का सच सामने लाने के लिए रणबीर सिंह चौहान पर भरोसा कर उन्हें घोटाले के सारे राज बेनकाब करने का खुला आदेश दिया हुआ है और उससे संभावनायें प्रबल हैं कि वो चंद बडे अफसर भी जरूर बेनकाब होंगे जिन्होंने इस मामले में अपना गोपनीय खेल खेला था। चर्चाएं यहां तक हैं कि इस घोटाले मे चंद अफसरों को भी फसाने का कुचक्र रचा जा रहा है लेकिन वह अपने इस कुचक्र में सफल होंगे या नहीं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन जिस तरह से यह घोटाला अब सुर्खियां बटोरता हुआ नजर आ रहा है उससे यही सवाल पनप रहे हैं कि आखिर जिन्होंने इस घोटाले का सारा तानाबाना बुना था वह जांच अधिकारी की रडार पर आयेंगे या वह अपनी तिकडम से अपने आपको बचाने के खेल मे सफल होने की कोशिश करेंगे? मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी के सख्त रूख के चलते इस घोटाले मे शामिल हर छोटे-बडे की सांसे फूली हुई हैं क्योंकि चंद दिन पूर्व जांच अधिकारी रणबीर सिंह चौहान ने हरिद्वार पहुंचकर वहां जमीन का मौका मुआयना कर वहां जांच पडताल की थी। बता दें कि शुरूआती जांच मे ही यह स्पष्ट हो गया था कि घोटाला हुआ है जिसमें चंद बडे अधिकारियों की भी भूमिका संदेह के दायरे मे है? उत्तराखण्ड के अन्दर एक बार फिर नगर निगम के भूमि खरीद में हुये घोटाले को लेकर एक जबरदस्त हलचल मची हुई नजर आ रही है और हर तरफ एक ही चर्चा है कि इस घोटाले में जिस तरह से कुछ बडे अफसरों की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगे हुये हैं और उन पर शक की सुई भी जा रही है उसको लेकर यह शंका भी उठने लगी है कि क्या एक आईएएस अफसर इस मामले की निष्पक्ष जांच को अंजाम तक पहुंचाने मे कामयाब हो पायेंगे? हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि घोटाले की जांच निष्पक्ष हो रही है और जो भी इसमें दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी। हालंाकि राज्य के अन्दर यह आवाज भी उठ रही है कि सरकार इस घोटाले के सारे राज बेनकाब करने के लिए इसकी जांच अगर सीबीसीआईडी को सौंप दें तो उससे कोई भी अफसर अपने बचाव की तिकडम नहीं कर पायेगा और जांच में दूध का दूध और पानी का पानी भी जरूर हो जायेगा?