देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड मे चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है और सहस्रधारा से लेकर फाटा में खडे हैलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को बाबा केदारनाथ के द्वार तक ले जाने के लिए उडते हैं लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि हैली की खतरनाक उडाने श्रद्धालुओं के जीवन के साथ कहीं न कहीं एक बडा खिलवाड़ कर रही हैं? केदारनाथ में श्रद्धालुओं को हैलीकॉप्टर से लाया जाता है लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि स्टार्ट हैलीकॉप्टर मे ही श्रद्धालुओं को उतारने और बैठाने का खतरनाक खेल खेला जाता है जिससे सवाल खडे हो रहे हैं कि हैलीकॉप्टर कोई टैक्सी तो है नहीं कि उसे रोका और उसमे सवारी बिठाकर आगे बढ चले? हैलीकॉप्टर की उडाने देखकर साफ पता चलता है कि वह अपनी लगातार उडाने किस तरह से तेजी के साथ करने के लिए आगे बढ़ जाता है? सवाल है कि जब हैलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को बाबा के द्वार या अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचे तो उसके बाद उसे कुछ देर तक वहीं हैलीकॉप्टर को विश्राम देना चाहिए और उसके बाद ही उसे अगली उडान भरने के लिए आगे बढना चाहिए? उत्तरकाशी मे हैलीकाप्टर के क्रैश होने से उसमें छह श्रद्धालुओं की मौत हुई तो उससे बहस छिड गई कि आखिरकार उसके क्रैश होने का कारण आखिर था क्या? बाबा के द्वार पर उडाने भरने वाले हैलीकॉप्टरों की लगातार उडानों पर आखिरकार सरकार को भी नजर रखनी चाहिए जिससे कि किसी भी श्रद्धालु के जीवन के साथ कोई खिलवाड न हो पाये? उत्तराखण्ड मे चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है और सहस्रधारा से चारोधाम की यात्रा वर्षों से कराई जा रही है तो वहीं बाबा केदारनाथ के द्वार पर जाने के लिए फाटा से भी हैली सेवा अपनी सेवायें देती आ रही है। देखने मे आता रहा है कि जब फाटा से केदारनाथ के लिए कोई हैलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को लेकर उडान भरता है तो उसके बाद वह हैलीपैड पर हैलीकॉप्टर को स्टार्ट करके ही उसमे सवार श्रद्धालुओं को उतारने का जोखिम रखता है और स्टार्ट हैलीकॉप्टर मे ही श्रद्धालुओं को केदारनाथ हैलीपैड से बिठाकर उन्हें फाटा ले जाया जाता है। देखने मे आता है कि एक-एक हैलीकॉप्टर स्टार्ट हैलीकॉप्टर से ही काफी-काफी उडाने भरता रहता है जिससे अकसर यह सवाल भी पनपते रहते हैं कि आखिरकार एक हैलीकॉप्टर स्टार्ट होने के बाद कितनी बार फाटा से केदारनाथ और केदारनाथ से फाटा उडान भरता रहेगा? हैली सेवाओं के बारे में जानकारी रखने वाले कुछ जानकारों से जब केदारनाथ मे लगातार उडान भरने वाले हैलीकॉप्टरों के बारे में जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि जब हैलीकॉप्टर एक स्थान से उडकर दूसरे स्थान पर पहुंचता है और उसमे सवार यात्रियों को उतारता है तो वहां उसे कुछ देर तक हैलीकॉप्टर को बंद रखना होता है क्योंकि उडान भरने के बाद उसमे कोई फाल्ट तो नहीं है यह चैक करना चाहिए लेकिन देखने मे आता है कि जब फाटा और केदारनाथ के बीच उडान भरने वाले हैलीकॉप्टर अपने गंतव्य पर पहुंचने के बाद हैलीकॉप्टर को स्टार्ट करके ही श्रद्धालुओं को उतारते और बिठाते हैं वह सुरक्षा की दृष्टि से काफी घातक होता है?
बीते रोज उत्तरकाशी के हर्षिल गंगोत्री जा रहा एक हैलीकॉप्टर क्रैश हो गया था और उसमे सवार पायलट समेत छह श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई थी जिसके बाद यह सवाल खडे हुये कि आखिरकार वो क्या कारण रहे जिसके चलते हैलीकॉप्टर क्रैश हो गया था? मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के भी आदेश दिये हैं तो वहीं यह बहस भी छिड गई है कि सरकार को इस बात पर भी नजर रखनी चाहिए कि आखिरकार फाटा और केदारनाथ के बीच उडने वाले हैलीकॉप्टर स्टार्ट हैलीकॉप्टर से लगातार कितनी उडाने उड रहे हैं और हर उडान के बाद वह अपने हैलीकॉप्टर को कुछ समय विराम क्यों नहंी दे रहे हैं?