कपाट खुलने से पहले वैदिक मंत्रों से द्वार पूजन और किया जाएगा

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उत्तरकाशी(संवाददाता)। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम और यमुनोत्री तीर्थ धाम के कपाट अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर 3० अप्रैल को देश विदेशों और यात्रियों के लिए खोल दिया जाएंगे। मंगलवार को मां गंगा की उत्सव डोली मुखबा धाम से ठीक 11.57 अपने शीतकालीन प्रवास से उत्सव डोली सोमेश्वर देवता और आर्मी बैंड स्थानीय श्रद्धालुओं देश विदेशों से आए यात्रियों के साथ प्रस्थान किया है । मां गंगा की उत्सव डोली पैदल यात्रा छ: किलोमीटर झाँगला से होते हुए आनंद भैरव देवता मंदिर तक चलेगी । मां गंगा के द्वारपाल कहे जाने वाले भैरव देवता मंदिर में मां गंगा जी एक रात विश्राम करती है । यह यह प्रथा सदियों से चली आ रही है। भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम करने के बाद कल सुबह सात बजे मां गंगा की उत्सव डोली भैरव मंदिर से गंगोत्री धाम तक नौ किलोमीटर यात्रा की जाएगी । मां गंगा के जय जय कारों के नारे और आर्मी बैंड के साथ गंगोत्री धाम पहुंचेगी। जहां गंगा पूजन, वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ सुबह साढे दस पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
पांच मंदिर समिति सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि आज मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा गांव से विधिवत पूजा अर्चना के बाद 11 बजकर 57 बजे आनंद भैरव देवता के लिए प्रस्थान कर गई। कल अक्षय तृतीया पर उत्तराखंड की चारधाम यात्रा यमुनोत्री धाम से शुरू होने जा रही है। ये चारधाम यात्रा वामावर्ती होती है। यानी बाएं से दाई ओर। इसमें सबसे बाईं ओर पहला धाम यमुनोत्री है। दूसरा गंगोत्री, तीसरा केदारनाथ और चौथा बदरीनाथ है। सभी धामों के कपाट शुभ मुहूर्त के अनुसार खोले जाते हैं। इस कारण सबसे पहले गंगोत्री फिर यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे। देवी यमुना की डोली खरसाली गांव से कल सुबह यमुनोत्री धाम के लिए निकलेगी। कपाट खुलने से पहले वैदिक मंत्रों से द्वार पूजन और किया जाएगा। इसके बाद कपाट खुलेंगे। फिर भोग मूर्ति यानी देवी का चलित विग्रह गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा। फिर वैदिक मंत्रों के साथ देवी का आव्हान और स्थापना होगी। यमुनाजी की मंगल आरती के बाद दर्शन शुरू होते है ।

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