प्रमुख संवाददाता
देहरादून। संगठित अपराधों का खात्मा करने के लिए बनाई गई एसटीएफ आखिरकार सट्टेबाजों और जुए के अड्डे चलाने वालों पर क्यों लम्बे समय से चुप्पी साधे हुये है यह उसकी कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगाता रहा है? नशे की तरह सट्टे और जुए का धंधा भी एक खतरनाक धंधा है जिसकी चपेट मे आकर काफी परिवार बर्बाद हो चुके हैं और हमेशा यह बहस चलती है कि आखिरकार इस गैंग को पनाह देने वाले काफी खाकीधारी, सफेदपोश और राजनेता कब तक इन्हें बचाने के एजेंडे पर चलते रहेंगे? मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने संगठित अपराधियों पर नकेल लगाने का आदेश दिया हुआ है लेकिन जुए और सट्टे का बडा धंधा करने वाले इस संगठित गैंग की नाक मे नकेल कौन डालेगा यह हमेशा से ही एक बडा सवाल पनपता रहा है? एसटीएफ पर उम्मीदे रही कि वह इस संगठित गैंग को बेनकाब कर इनकी नाक मे नकेल डालेगी और इनकी अपराध से कमाई गई सम्पत्तियों को भी वह सील करके यह संदेश देगी कि उत्तराखण्ड के अन्दर संगठित अपराध करने वाला कोई नहीं बच पायेगा? हालांकि राजधानी के पुलिस कप्तान की रडार इस संगठित गैंग पर जा टिकी है और उसे नेस्तनाबूत करने के लिए पुलिस कप्तान ने बडी रणनीति के तहत काम करना शुरू किया है और आने वाले समय में इस संगठित गैंग की कमर तोडने के लिए पुलिस कप्तान खुद मोर्चा संभालकर उन्हें नेस्तनाबूत करते हुए दिखाई दे सकते हैं?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संगठित अपराधियों पर नकेल लगाने का खुला फरमान दे रखा है जिसके चलते उत्तराखण्ड के अन्दर लगातार बडे-बडे अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं। संगठित अपराधियों की कमर तोडने के लिए एसटीएफ को आगे रहना चाहिए लेकिन उसका मिशन कभी भी कुख्यात सट्टेबाजों और जुए के अड्डे चलाने वालों पर कभी दिखा नहीं जिसके चलते ऐसे गैंग सर उठाते हुए हमेशा नजर आये हैं? हालांकि राजधानी के पुलिस कप्तान अजय सिंह ने सट्टेबाजों और जुए के अड्डे चलाने वालों की एक बडी रणनीति के तहत कुंडली खंगालने का गुप्त ऑपरेशन शुरू किया है और इस ऑपरेशन के तहत उन्होंने हर उस चेहरे को स्कैन करना शुरू कर दिया है जो इस गैंग को पर्दे के पीछे और सामने से ऑपरेट कर रहे हैं। पुलिस कप्तान का साफ कहना है कि राजधानी को अपराधमुक्त करना उनका पहला विजन है और अपराध से कमाई गई सम्पत्तियों को शासन मे निहित कराने का ऑपरेशन भी जल्द पुलिस चलायेगी जिससे उन अपराधियों को यह समझ आ जायेगा कि वह चाहे जितने भी पॉवरफुल क्यों न हो पुलिस के सामने वह जीरो ही रहेंगे।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में एसटीएफ का गठन इसलिए किया गया था कि वह संगठित गैंगों के खिलाफ बडा ऑपरेशन चलाकर उनके नेटवर्क को नेस्तनाबूत कर देगी। एसटीएफ अकसर ईनामी अपराधियों से लेकर अपराध करके पुलिस महकमे को चुनौती देने वाले अपराधियों के खिलाफ अकसर कार्यवाही जरूर करती है लेकिन एसटीएफ का वो दबदबा संगठित गैंगों पर दिखाई नहीं दे रहा जैसा होना चाहिए था। उत्तराखण्ड की कुछ जेलों में पहले बडे-बडे अपराधी वहीं से अपना गैंग चलाकर बडी-बडी वारदातें कराने मे सफल होते रहे और फिरौती के लिए वह जेलों से ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल सारे सिस्टम को चुनौती देते हुए करते रहे हैं यह भी किसी से छिपा नहीं है। उत्तराखण्ड के कुछ जनपदों में क्रिकेट, सट्टा, नम्बररिंग सट्टा और दाने का बडा जुआ बडी खामोशी के साथ कुछ पॉवरफुल सट्टाकिंग खेलते और खिलाते आ रहे हैं और हैरानी वाली बात है कि कुछ सट्टा गैंगों के खिलाफ प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक भी शिकायतें हुई हैं लेकिन सट्टे का काला कारोबार चलाने वाले कुछ सट्टाकिंग इतने पॉवरफुल हैं कि वह अपने खिलाफ आई शिकायतों को कहां दफन करा देते हैं यह भी काफी हैरान करने जैसा ही देखने को मिला था। उत्तराखण्ड की अस्थाई राजधानी के कुछ इलाकों में क्रिकेट और नम्बरिंग सट्टा कराने वाले कुछ सट्टाकिंग अपने इस धंधे के बल पर पॉवरफुल और दौलतमंद बनते चले गये और यह गैंग संगठित होकर अपने इस धंधे को बेखौफ होकर आज भी अंजाम देता आ रहा है। सट्टेबाजों के इस संगठित गैंग को नेस्तनाबूत करने के लिए एसटीएफ की खामोशी समझ से परे है। एसटीएफ के पास सर्विंलास का बडा सिस्टम है और अगर वह सट्टेबाजों के इन गैंगों को बेनकाब करने के लिए आगे बढे तो युवा पीढी को सट्टे के चस्के में लीन करा चुके इस गैंग का नेस्तनाबूत होना कोई बडी बात नहीं है। उत्तराखण्ड की अस्थाई राजधानी में कई बार यह बात सामने आ चुकी है कि सट्टे के इस काले कारोबार को अंजाम देने वाले दबंग और पॉवरफुल बन चुके सट्टाकिंगों की पुलिस के कुछ लोगों से भी पर्दे के पीछे खूब यारी है और इस यारी का सारा आईना राजधानी के पूर्व पुलिस कप्तान रहे दलीप कुवर के सामने भी हुआ था और उन दरोगा और पुलिसकर्मियों के नाम भी उनकी डायरी में नोट हुये थे लेकिन वह आखिरकार क्यों और किससे भयभीत होकर सट्टेबाजों के इस संगठित गैंग की नाक में नकेल लगाने से डर गये थे यह उस समय कुछ लोगों को काफी हैरान कर गया था जिन्होंने सट्टे के इस काले खेल को बेनकाब करने के लिए पुलिस कप्तान के सामने शातिरों के नाम उनकी डायरी में अंकित कराये थे। बता दें कि राजधानी के पुलिस कप्तान एक दबंग पुलिस अफसर हैं जिन्होंने हमेशा अपराधियों और माफियाओं के साथ संगठित अपराध करने वालों को भी मिट्टी मे मिलने से कभी गुरेज नहीं किया और सम्भावना है कि जल्द पुलिस कप्तान इस गैंग का किला नेस्तनाबूत कर देंगे।