यमुनोत्री धाम बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए मशीनें वायु सेना करेगी एयर लिफ्ट

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उत्तरकाशी(संवाददाता)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यमुनोत्री धाम में केदारनाथ की तर्ज पर यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों के लिए भारतीय वायु सेना की मदद से भारी मशीनों को एयर लिफ्ट करवाने जा रहें हैं। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों पर यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए आवश्यक मशीनों को भारतीय वायुसेना के सहयोग से एयरलिफ्ट किया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि बुधवार को भारतीय वायु सेना के चीता हेलीकॉप्टर से यमुनोत्री हेलीपेड की रेकी करेंगे। रेकी के बाद भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर लैंडिंग की ट्रायल करेंगे। सफल लैंडिंग के बाद यमुनोत्री धाम में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से वायु सेना के मालवाहक चिनूक हेलीकॉप्टर भारी मशीनों को यमुनोत्री धाम पहुंचायेगी जिससे धाम में बाढ़ सुरक्षा कार्यों में तेजी आयेगी।
गौरतलब है कि यमुनोत्री धाम की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और 6 किलोमीटर के पैदल मार्ग के कारण यह जेसीबी, पोकलैंड , आदि भारी मशीनों को नहीं पहुंचा जा सकता। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को तेजी से पूरा करने और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कार्यों में गति लाने और बड़ी मशीनों की आवश्यकता को देखते हुए भारतीय वायुसेना से मदद मांगी गई है। इसी क्रम में 15 अप्रैल को चीता हेलीकॉप्टर के माध्यम से यमुनोत्री धाम में निर्मित हेलीपेड की रेकी की जाएगी। रेकी सफल होने के पश्चात 16 अप्रैल को चिनूक हेलीकॉप्टर की ट्रायल लैंडिंग की जाएगी। ट्रायल लैंडिंग सफल होने के बाद सिंचाई विभाग द्वारा आवश्यक मशीनों की लैंडिंग की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी, जिससे यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सकेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि यमुनोत्री धाम में मंदिर और जानकीचट्टी में राम मंदिर से अखोली पुल तक यमुना नदी के दोनों किनारों पर 1956.85 लाख रुपये की लागत से बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं। निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने और बड़ी मशीनों की आवश्यकता को देखते हुए भारतीय वायुसेना की मदद मांगी गई है। 16 अप्रैल को चिनूक हेलीकॉप्टर की ट्रायल लैंडिंग के बाद मशीनों को एयरलिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य यमुनोत्री धाम और आसपास के क्षेत्रों को बाढ़ की संभावित आपदाओं से सुरक्षित करना है। तथा जिला प्रशासन मानव संसाधन और तकनीकी सहयोग के साथ इस कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने हेतु प्रतिबद्ध है।

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