देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड में सुपर अंदाज में सरकार चला रहे मुख्यमंत्री के संसदीय कार्यमंत्री ने विधानसभा के बजट सत्र में पहाडवासियों के लिए आवेश मे आकर जो वक्तव्य दिया उसी दिन से उनकी राजनीति का सूर्यस्त होना शुरू हो गया था? उत्तराखण्ड से लेकर दिल्ली तक मंत्री के अशब्दों ने भाजपा के दिग्गज राजनेताओं को कटघरे मे लाकर खडा कर दिया था और हर तरफ उन्हें मंत्रिमण्डल से बाहर किये जाने का शोर मचने लगा था। सोशल मीडिया पर भी मंत्री के खिलाफ एक बडा माहौल बनाया गया और उनके इस्तीफे को लेकर जो उबाल मचने लगा उसकी गूंज दिल्ली में भाजपा हाईकमान के कानो मे भी गूंजी और हर तरफ राज्य के अन्दर मंत्री के खिलाफ धरने, प्रदर्शन और मशाल जुलूस में आम जनमानस का बडी संख्या में उमडकर आगे आना भाजपा के लिए एक जी का जंजाल बनता चला गया और आखिरकार हाईकमान के दबाव में बीते रोज मंत्री ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री के आवास पर जाकर सौंप दिया था। आज मंत्री का इस्तीफा राज्यपाल ने मंजूर कर लिया और उन्होंने मुख्यमंत्री को मंत्री के आवंटित विभाग अग्रिम आदेशों तक उन्हें सौंपने का आदेश दिया है। मंत्री परिषद अनुभाग ने आज अधिसूचना जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि मंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है और अब मंत्री के विभाग मुख्यमंत्री के पास अग्रिम आदेशों तक रहेंगे।
आज उत्तराखण्ड शासन के मंत्री परिषद अनुभाग ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा राज्यपाल द्वारा स्वीकार किये जाने की अधिसूचना जारी की है। मुख्य सचिव राधा रतूडी के हस्ताक्षर से यह अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचना मे कहा गया है कि उत्तराखण्ड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री की सलाह पर, प्रेमचंद अग्रवाल मंत्री, वित्त, शहरी विकास, आवास, संसदीय कार्य, पुर्नगठन एवं जनगणना विभाग को एतद्द्वारा उत्तराखण्ड मंत्री मण्डल की सदस्यता से पदमुक्त करते हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सलाह पर यह भी आदेश दिये हैं कि प्रेमचंद अग्रवाल को आवंटित विषय/विभाग अग्रिम आदेशों तक, मुख्यमंत्री के पास अतिरिक्त कार्य प्रभार के रूप में रहेंगे और समसंख्यक अधिसूचना दिनांक 29 मार्च, 2०22 एवं एक मई 2०23 को तद्नुसार संशोधित समझी जायेगी।
मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का आज इस्तीफा स्वीकार हो जाने के बाद यह बात साफ हो गई कि वह अब मंत्रिमण्डल से बाहर हो गये हैं और अब उनके सभी विभागों का कार्यभार भी मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ही अग्रिम आदेशों तक देखते रहेंगे। गौरतलब है कि बीते रोज जब एक्स कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मीडिया से रूबरू होकर यह ऐलान किया था कि वह अपना इस्तीफा देने के लिए मुख्यमंत्री के पास जा रहे हैं और उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में जाकर मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। मंत्री द्वारा इस्तीफा दिये जाने से उनके सैकडो समर्थकों में बडी नाराजगी देखने को मिली और वह सरकार पर यह दबाव बना रहे थे कि मंत्री का इस्तीफा मंजूर न किया जाये। हालांकि यह बात शीशे की तरह साफ नजर आ रही थी कि मंत्री का इस्तीफा मंजूर कर लिया जायेगा और आज आखिरकार मंत्री परिषद ने अधिसूचना जारी करके साफ कर दिया कि प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है।