देहरादून। उत्तराखण्ड की वादियां अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहां होने वाली चार धाम यात्रा का प्रभाव पूरे विश्व में नजऱ आता है। कुंभ नगरियों में से एक हरिद्वार भी देवभूमि उत्तराखण्ड में ही स्थापित है और हिल स्टेशनों की तो यहा मानो भरमार ही है। बावजूद इसके एक लंबे समय तक उत्तराखण्ड में तीर्थाटन और पर्यटन को पंख क्यों नहीं लग पाए, यह सवाल उत्तराखण्ड की जनता के मन में काफी लंबे समय तक उठता रहा। उत्तर प्रदेश से अलग होने के लंबे समय बाद तक ऐसा क्यों हुआ कि जिस तीर्थाटन और पर्यटन को उत्तराखण्ड के प्रमुख आय स्रोत होना था, वह कभी आय स्रोत की मुख्य धारा से जुड़ ही नहीं पाया? कहते हैं कि बीती बातों को भूलकर हमें वर्तमान में जीना चाहिए और भविष्य के बारे में विचार करना चाहिए। बात करें उत्तराखण्ड के वर्तमान की तो इस दौर को तो पहाड़ी के अभी तक का स्वर्णीम दौर ही कहा जाएगा क्योंकि जिस वक्त से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने गद्दी संभाली है, मानों उसे समय से उत्तराखण्ड के अच्छे दिनों की शुरूआत हो गई है। अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई ऐसा कार्यों को अमलीजामा पहनाया है, जिससे उत्तराखण्ड की ख्याति को तो चार चांद लगे ही हैं, साथ ही साथ देवभूमि का नाम समूचे विश्व में एक आदर्श राज्य के रूप में लिया जाने लगा है। आस्था की दृष्टि से देखा जाए तो उत्तराखण्ड में प्रत्येक वर्ष होने वाली चार धाम यात्रा, जिसमें कि देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं की हर सुख सुविधा की व्यवस्था को सुनिश्चित करने का काम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बहुत ही बेहतरीन ढंग से किया है और लगातार करते आ रहे हैं। वहीं आर्थिक दृष्टिकोण से उत्तराखण्ड को मजबूत करने के लिए सीएम धामी ने पर्यटन को इतना वैश्विक बना दिया है कि अब लोग दूर-दूर से उत्तराखण्ड आने लगे हैं। यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि धामी की राज्य में जब से धमक दिखी है, तब से उत्तराखण्ड चमक गया है और लगातार चमकता जा रहा है।
एक वक्त था जब लोग दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करने से पहले होने वाली डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए देश के गोवा, ऊटी, पुडुचेरी, कश्मीर, शिमला आदि जैसे पर्यटक स्थलों पर जाते थे क्योंकि यह सभी स्थल अपनी मनमोहक सुदंरता के लिए प्रसिद्ध थे। ऐसा नहीं है कि भारत में सिर्फ कुछ गिने चुने पर्यटक स्थल ही हैं। भारत में नैसर्गिक सुंदरता की दृष्टि ऐसे सैंकड़ों स्थल हैं, जहां की खूबसूरती से लोग एक समय तक वाकिफ ही नहीं थे। उत्तराखण्ड की हसीन वादियां इस बात का प्रमाण हुआ करती थी। उत्तराखण्ड की प्राकृतिक सुंदरता को वैश्विक बनाने की सोच को लेकर आगे बढऩे का काम मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया है और यहीं कारण है कि अब दूर-दराज से लोग यहां पर्यटन के लिए तो आते ही हैं, साथ ही साथ डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए अब लोगों को उत्तराखण्ड ही प्यारा लगाता है। पर्यटन को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरगामी सोच का ही यह परिणाम है कि अब नामचीन सेलेब्रिटी भी यहां आकर अपने आयोजनों को आयोजित कर रही हैं।
फिल्म इंडस्ट्री को तो मानो उत्तराखण्ड से मोहब्बत ही हो गई है। यहीं कारण है कि पिछले कुछ समय से देश के विख्यात अभिनेता-अभिनेत्रियां यहां आकर अपनी फिल्मों और वेब सीरीज़ की शूंटिग कर रही हैं। मौजूदा समय उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में अपने समय ब्लॉकबस्टर फिल्म बार्डर के सीक्वल की शूटिंग हो रही है। इस उत्तराखण्ड की एक बड़ी उपलब्धि ही कहा जाएगा, जो इतने विख्यात लोग उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इस उपलब्धि का पूरा श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह है प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।
हाल ही में उत्तराखण्ड में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगमन हुआ था। अपने इस दौरे के दौरान सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने घाम तापो पर्यटन का जिक्र किया था। बता दें गढ़वाली भाषा के शब्दों ‘घाम तापोÓ का अर्थ पहाड़ में धूप सेंकने से संबंधित है। देश के कई मेट्रो शहरों में प्रदूषण के चलते वातावरण दूषित हो चला है और शीत ऋतु में वहां के लोग धूप सेंकने के लिए अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते हैं। प्रधानमंत्री ने घाम तापने को बढ़ावा देने लिए ही, ऐसे शहर के लोगों से अपील की है कि वे उत्तराखण्ड आएं और यहां घाम तापें। उनका अभिप्राय यह भी समझा जा सकता है कि उत्तराखंड राज्य पर्यावरण के दृष्टिकोण से काफी साफ सुथरा क्षेत्र है और यहां पहाड़ों पर हर बार धूप छाई रहती है, इसलिए सभी लोग सर्दियों के मौसम में पहाड़ों पर आकर धूप का आनंद लें।
इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यटन से जोड़कर एक नया नाम भी दिया था ‘घाम तापो पर्यटनÓ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में उत्तराखण्ड में सैन्य धाम का निर्माण कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है। कहा जाता है कि उत्तराखण्ड में सैन्य धाम बनाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और उसको पूरा करने के लिए सीएम धामी जुटे हुए हैं। यहां इस बात को तो स्वीकारना ही होगा कि पुष्कर सिंह धामी के राज में उत्तराखण्ड में तीर्थाटन और पर्यटन को पंख लगे हैं और इन से जुड़े कामगारों की पिछले कुछ समय से बल्ले-बल्ले हो रही है।