प्रमुख संवाददाता
देहरादून। अपने एक दशक से ऊपर की शासनकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने कई ऐसे अभूतपूर्व कार्य किए हैं, जिसकी शौर्यगाथा देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में सुनाई दे रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी इस बात को साफ समझते हैं कि देश के विकास के लिए राज्यों का विश्वास अति महत्वपूर्ण हैं। यहीं कारण समझा जाता है कि उन्होंने सबसे पहले राज्यों में भाजपा की डबल इंजन सरकारों का मिशन शुरू किया और उसके बाद वहां ऐसे शासकों की नियुक्तियां जो तन मन धन से सिर्फ और सिर्फ अपने-अपने राज्यों में विकास को एक नई उंचाई तक पंहुचाएं। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का ही परिणाम है कि मौजूदा समय में देश के कई प्रदेशों में भाजपा की डबल इंजन सरकार विराजमान हैं। बाते करें खास तौर पर उत्तर भारत की तो यहां पर कुछ राज्यों को यदि छोड़ दिया जाए, तो अधिकतम में भाजपा की ही डबल ईंजन की सरकारें है। ऐसी ही एक डबल इंजन उत्तराखण्ड में भी विराजमान हैं और उस सरकार के मुखिया हैं पुष्कर सिंह धामी। भाजपा ने जिन परिस्थितियों पुष्कर सिहं धामी को उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनाया था, वह परिस्थितियां भाजपा के लिए उस दौरान अनुकूल नहीं समझी जा रही थी। हालांकि, युवा सीएम ने इस जिम्मेदारी को बड़ी कुशलता के साथ निभाया और यह उन्हीं का विलक्षण का प्रताप था कि उत्तराखण्ड में इतिहास रचते हुए लगातार भाजपा ने दूसरी बार सरकार बनाई। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पारखी नजर ही कहेंगे जो उन्होंने पुष्कर जैसे हीरे को चुना, जिसने की उत्तराखण्ड में ही नहीं बल्कि बाकी राज्यों में भी भाजपा की जीत को सुनिश्चित किया। जिस वक्त से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखण्ड सरकार के मुखिया के रूप में पुष्कर सिंह धामी का चुनाव किया हैं, उसी वक्त से सीएम धामी ने नितनए ऐसे उत्कृष्ठ कार्य राज्य में किए हैं, जिनसे न सिर्फ उत्तराखण्ड की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई बल्कि, पहाड़ी राज्य विकास की बुलंदियों पर पंहुचा। यहां यह कहना भी गलत नहीं होगा कि देश में मोदी के काल में, उत्तराखण्ड में धामी कमाल कर रहे हैं।
तेलंगाना राज्य में हाल ही में हुए टनल हादसे ने समूचे देश की जनता को हिला डाला था। बताया गया कि उस हादसे में टनल के अंदर आधा दर्जन से अधिक लोग फंस गए थे। चर्चाएं यह भी रहीं कई दिनों के बाद भी वहां के शासन और प्रशासन को टनल के लोगों को बाहर निकालने में सफलता प्राप्त नहीं हो पाई थी। ज्ञात हो कि ऐसा एक हादसा उत्तराखण्ड में भी हुआ था जब उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में लगभग तीन दर्जन से अधिक श्रमिक फंस गए थे। उस समय यह देखना को मिला था कि उत्तराखण्ड शासन और प्रशासन ने बड़ी ही मुस्तैदी के साथ श्रमिकों के रेस्क्यू को अंजाम दिया था और सभी श्रमिकों को सकुशल निकाल लिया था। राजनीतिक के वरिष्ठ जानकार और काव्य के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले एक मशहूर आदमी ने अपने एक साक्षतकार में उत्तराखण्ड के इस रेस्क्यू का उदाहरण देकर यह बात कही थी कि यह नरेन्द्र मोदी के शासन में ही संभव हो पाया है कि ऐसी एक दैवीय आपदा में समूची राज्य सरकार उन श्रमिकों की सकुशल वापसी के लिए मौके पर डटी रही। इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन में पुष्कर सिंह धामी की भूमिका की तारीफ देश में ही नहीं विदेशों में भी हुई।
कई बार यह सुनने को मिला है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बड़े बड़े मंचों से सीएम पुष्कर सिंह धामी को ‘मित्रÓ कहकर संबोधित करते हैं। यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि दो मित्रों की जोड़ी से उत्तराखण्ड विकास की पराकाष्ठा को लगातार पार करता जा रहा है।