उत्तरकाशी। भागीरथी घाटी के सीमांत टकनौर क्षेत्र इन दिनों ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने को तैयार है। यहाँ के वाशिंदों को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बेसब्री से इंतजार है । 6 मार्च को एक दिवसीय दौरे के तहत हर्षिल-मुखवा में पदार्पण कर रहे हैं। यह दौरा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्र के पर्यटन, बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास के लिए भी नए अवसर लेकर आ सकता है। पीएम मोदी उत्तरकाशी ही नहीं अपितु उत्तराखंड के चार धाम शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग करेंगे। इससे उत्तराखंड के चार धाम शीतकालीन यात्रा बढेगी और यहां के पर्यटन और तीर्थाटन पर नए पंख लगें। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के भव्य स्वागत के लिए बडा खाका बनाया है और जब हर्षिल में प्रधानमंत्री कदम रखेंगे तो वहंा की वादियां गुलजार होती हुई नजर आयेंगी क्योंकि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के वैलकम के लिए जो रूपरेखा तैयार की है वह अलौकिक नजर आयेगी।
गौरतलब है कि हर्षिल-मुखवा और गंगा घाटी आस्था, प्रकृति और संस्कृति का संगम भागीरथी नदी के तट पर बसा हर्षिल अपनी सुरम्यता के लिए प्रसिद्ध है, तो मुखवा धार्मिक आस्था का केंद्र है, जहाँ शीतकाल में माँ गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम से विराजमान होती है।
इस क्षेत्र का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व देशभर के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। प्रधानमंत्री जी की यात्रा से निश्चित रूप से इस क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी, जिससे यहाँ के पर्यटन को नई गति मिलेगी।