चमोली/देहरादून। चमोली के तहसील जोशीमठ के अन्तर्गत ग्राम माणा के निकट भारी हिमस्खलन होने के कारण बीआरओ के 55 श्रमिक ग्लेशियर के अन्दर दब गये थे और उसके बाद मुख्यमंत्री ने इन श्रमिकों को बचाने के लिए एक बडा रेस्क्यू ऑपरेशन चलवाया और रेस्क्यू की कमान अपने हाथ मे ली और तीन दिन के भीतर ही इस बडे रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीम ने बेहतर काम किया था। इस ऑपरेशन में 46 श्रमिकों को मौत के मुंह से बचा लिया गया जबकि आठ श्रमिक मौत की नींद सो गये थे। डबल इंजन सरकार ने इस बडे रेस्क्यू ऑपरेशन को जिस साहस के साथ अंजाम दिया उससे श्रमिकों के परिजनों ने सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी और सेना का धन्यवाद भी किया। वहीं इस हादसे में श्रमिकों की हुई मौत को देखते हुए जनपद के डीएम ने इसकी मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिये हैं और इस जांच का जिम्मा जोशीमठ के एसडीएम को दिया गया है और पन्द्रह दिन के भीतर जांच पूरी करने के भी आदेश दिये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि 28 फरवरी को प्रात: लगभग सात बजकर पन्द्रह मिनट पर जोशीमठ अन्तर्गत ग्राम माणा के निकट बीआरओ के बीआरओ के 55 श्रमिक जो बीआरओ के सडक निर्माण कार्य हेतु कन्टेनरों मे थे कि अचानक हिमस्खलन होने के कारण वे ग्लेशियर के अन्दर दब गये थे। इस भयंकर हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बचाव व राहत कार्य के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत कर सेना और एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर भेजने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री के आग्रह पर नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने आनन-फानन में ग्लेशियर मे दबे श्रमिकों को बचाने के लिए सेना की आईस ब्रिगेड, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और वायु सेना के हैलीकाप्टर मद्द के लिए भेजे थे। इस बडे रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संभाली थी और उन्होंने दिन-रात एक करके ग्लेशियर मे दबे श्रमिकों को बाहर निकालने का ऑपरेशन शुरू करवाया जिसमें 46 श्रमिकों का जीवन बचा लिया गया जबकि आठ श्रमिक बर्फ में अधिक घायल होने के कारण बच नहीं पाये थे। इतने बडे ऑपरेशन को मात्र चंद दिन में पूरा कराकर मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने यह साबित कर दिया था कि वह राज्य मे आने वाली हर आपदा से टकराने के लिए खुद आगे खडे रहेंगे। माणा में हुये हादसे में आठ श्रमिकों की मौत के बाद चमोली जिले के डीएम संदीप तिवारी ने इस हादसे की मजिस्ट्रीयल जांच करने के आदेश दिये हैं। डीएम ने अपने आदेश मे कहा है कि 28 फरवरी को अचानक हिमस्खलन होने के कारण ग्लेशियर के अन्दर दबे श्रमिकों को भारतीय सेना, आईटीबीपी एवं प्रशासन के सहयोग से सकुशल बचाया गया और कुछ मजदूरों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि चूंकि हिमस्खलन होने के कारण जानमाल की क्षति हुई है इसलिए उक्त घटना की मजिस्ट्रीयल जांच की जानी आवश्यक हैं। इस घटना की मजिस्ट्रीयल जांच हेतु परगना मजिस्ट्रेट, उप जिला मजिस्ट्रेट ज्योतिर्मठ को जांच अधिकारी नियुक्त किया है तथा उन्हें र्निदेश दिया है कि वह घटना की शीघ्र जांच कर रिपोर्ट पन्द्रह दिन के अन्दर उपलब्ध करायें। आदेश मे यह भी लिखा है कि जांच अधिकारी अपनी जांच आख्या में घटना के कारणों तथा घटना मे मृतक, गंभीर घायल, घायल एवं लापता व्यक्तियों के सम्बन्ध मे भी अपनी विस्तृत जांच से अवगत करायें।