मोदी-शाह संकट में धामी के संकटमोचन

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड को एक दबंग और स्वच्छता के साथ राजनीति करने वाले पुष्कर सिंह धामी को देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने तीन साल पहले मुख्यमंत्री की कमान यह सोचकर दी थी कि वह उत्तराखण्ड की सियासत मे एक नया अध्याय लिखकर राज्य को विकास की नई उडान पर ले जायेंगे। मोदी और शाह के बताये रास्ते पर चलने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने कदम आगे बढा रखे हैं और उन्होंने राज्य को गुलजार करने के लिए जिस विजन के साथ अपने कदम आगे बढा रखे हैं उससे वह मोदी शाह की राजनीतिक पाठशाला में हमेशा अव्वल आ रहे हैं। उत्तराखण्ड में जब भी बडी से बडी कोई आपदा आई और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के सामने उस आपदा से लडने के लिए एक बडा संकट खडा हुआ तो उस दौर में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री राज्य के मुख्यमंत्री के संकटमोचन बनकर उनके सामने खडे हो गये और हर आपदा का मुख्यमंत्री ने जिस दिलेरी के साथ सामना किया वह राज्यवासियों को एक सुखद भाव दे गया। उत्तराखण्ड में जबसे मुख्यमंत्री ने कमान संभाली है तबसे राज्य के अन्दर एक के बाद एक कई आपदायें आई और यह आपदायें इतनी भंयकर थी कि राज्यवासी भी उसे देखकर भयभीत नजर आये थे लेकिन ऐसी आपदाओं के बाद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री की पीठ पर हमेशा हाथ रखकर राज्य मे आई आपदाओं को आनन-फानन में ऐसे दूर किया जैसे राज्य में कोई छोटी-मोटी आपदा आई हो। चमोली के माणा में ग्लेशियर टूटने से आई भयंकर आपदा से उत्तराखण्ड सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें पड गई थी और उसके बाद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने इस आपदा का सामना करने के लिए सेना से लेकर कई एजेंसियों को बर्फ में उतारा और वहां एक बडा खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन चला तो सेना की ब्रिक्स ब्रिगेड ने श्रमिकों को निकालने का ऑपरेशन चलाया और पचास श्रमिकों को निकाला गया लेकिन उसमें चार श्रमिकों की मौत हो गई अभी लगभग चार श्रमिको ंको बचाने का बडा ऑपरेशन चलाया जा रहा है जिसमें दो सौ से ज्यादा जवान तैनात हैं।
चमोली के माणा में एक बडा ग्लेशियर टूटने से बीआरओ के लगभग 57 श्रमिक उसमें फंस गये थे और उन्हें सकुशल बचाना उत्तराखण्ड सरकार के लिए एक बडी चुनौती बन गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस चुनौती को चैलेंज के रूप में स्वीकार किया और उसके बाद उन्होंने आपदा से निपटने के लिए खुद मोर्चे की कमान अपने हाथो मे ली और अफसरों के साथ मिलकर उन्होंने बर्फ में दबे श्रमिकों को सकुशल निकालने के लिए एक लम्बा मंथन किया। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने माणा मे आई इस भीषण आपदा से लडने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मद्द की अपील की। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षामंत्री ने आनन-फानन में माणा मे बचाव व राहत कार्य के लिए भारतीय सेना से लेकर एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीमों को माणा रवाना किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने माणा मे चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी से पल-पल की जानकारी ली और उन्हें विश्वास दिलाया कि इस आपरेशन में केन्द्र सरकार उत्तराखण्ड सरकार को हर मद्द देगी और उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आकाश से लेकर जमीन तक माणा में चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की बागडोर खुद संभाली और उन्होंने इस आपदा से लडने के लिए जो अपना अटल मन बनाया उसी का परिणाम है कि मात्र दो दिन के भीतर सेना की आईस ब्रिग्रेड ने बर्फ मे दबे पचास श्रमिकों को बाहर निकाला जिसमें चार श्रमिकों के गंभीर रूप से घायल हो जाने के कारण उनकी मौत हो गई और 46 श्रमिकों को बेहतर इलाज देने का मिशन शुरू किया हुआ है। इस आपदा में अभी चार श्रमिक लापता चल रहे हैं जिन्हें खोज निकालने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने सभी एजेंसियों से तालमेल बनाकर उन्हें जल्द से जल्द ऑपरेशन को खत्म करने की अपील की है। सेना के हैलीकाप्टर और सेना के जवान अभी भी लापता चल रहे चार श्रमिकों को बर्फवारी के बीच खोज निकालने के मिशन मे सुबह से ही लगे हुये हैं।
यहां यह कहना जरूरी है कि मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने शुरूआती दौर से ही देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बताये मंत्र पर स्वच्छता के साथ सरकार चलाने का जो सिलसिला शुरू किया हुआ है उसके चलते वह देश के दोनो दिग्गज राजनेताओं की राजनीतिक पाठशाला में हमेशा अव्वल आये हैं और यही कारण है कि उत्तराखण्ड के अन्दर जब भी बडी से बडी कोई आपदा आती है तो उस आपदा के संकट से मुख्यमंत्री को उभारने के लिए मोदी और शाह सबसे आगे खडे हुये नजर आ रहे हैं।

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