प्रेम, ब्लैकमेलिंग और कत्ल

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पटेलनगर(संवाददाता)। पटेलनगर में एक व्यक्ति ने इलाके की एक महिला के साथ प्रेम सम्बन्ध बनाये और उसके बाद यह सम्बन्ध एक ब्लैकमेलिंग के रूप में सामने आने लगे और ब्लैकमेलिंग का खेल जब बुजुर्ग समझ गया तो वह उनसे बचने के लिए तडपने लगा लेकिन तब तक बुजुर्ग को महिला व उसके पति ने उसका कत्ल कर उसके शव के टुकडे-टुकडे करने के बाद थैलों में बांधकर उसे नहर में फेंक दिया था। बुजुर्ग की हत्या का राज बेनकाब करने के लिए पुलिस कप्तान ने खुद कमान संभाली और उन्होंने पटेलनगर कोतवाल और एसओजी की टीम को कातिलों की तलाश में लगाया और आखिरकार 25 हजार के ईनामी पति-पत्नी को पुलिस टीमों ने पंजाब से दबोच लिया और उसके बाद उन्होंने पुलिस के सामने कत्ल का सारा राज बेनकाब कर दिया। इश्कबाजी में श्यामलाल को मौत मिली और इलाके के लोगों को इस बात की भनक भी नहीं थी कि श्यामलाल दो बेटियों का बाप होने के बावजूद एक महिला के प्रेम में इतना लीन हो गया था कि उसे इश्कबाजी में मौत हासिल हुई।
पुलिस कप्तान अजय सिंह ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि सात फरवरी को पटेलनगर चंद्रमणी निवासी श्यामलाल घर से बिना बताये मोटर साइकिल पर गया था और उसके बाद वह नहीं लौटा लेकिन उसकी मोटरसाइकिल पुलिस ने लावारिस अवस्था में बरामद कर ली थी उन्होंने बताया कि पुलिस ने सर्विलांस के दौरान महिला गीता के मायके देवबंद सहारनपुर में दबिश देकर उसके भाई अजय कुमार को हिरासत मे लिया था जिसके बाद यह बात सामने आई थी कि गीता और उसके पति हिमांशु ने श्यामलाल का कत्ल करके उसके शव को ठिकाने लगा दिया है। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उन्होंने बताया कि कत्ल के बाद से गीता और उसका पति हिमांशु मोबाइल फोन बंद करके फरार हो गये जिनकी तलाश में राजस्थान, जयपुर, कोटा, दिल्ली के कई इलाकों में छापे मारे गये लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला जिस पर दोनो कातिलों के सिर पर 25 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया। कप्तान अजय सिंह ने बताया कि मुखबिर की सटीक सूचना पर पटेलनगर कोतवाल प्रदीप राणा और उसकी टीम ने एसओजी के साथ मिलकर अमृतसर पंजाब से हिमांशु और गीता को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कप्तान ने बताया कि पूछताछ में गीता द्वारा बताया गया कि मृतक श्याम लाल से विगत 12 वर्षों से उसके अवैध सम्बन्ध थे, जिसके चलते वह पिछले ०3 सालों से अपनी पुत्री के साथ अपने पहले पति से अलग रह रही थी तथा मई 2०24 में उसके द्वारा अभियुक्त हिमांशु चौधरी से मन्दिर में शादी की थी। अभियुक्त हिमांशु चौधरी देहरादून से एमबीबीएस की पढाई कर रहा था तथा बार-बार ड्राप आउट होने के कारण उसकी पढाई पर काफी खर्चा हो गया था। पैसों की तंगी को पूरा करने के लिये दोनो दम्पत्ति अभियुक्तों ने मृतक श्यामलाल की अभियुक्ता गीता के साथ अश्लील विडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर उससे पैसा ऐंठने की योजना बनाई। उन्होंने बताया कि योजना के मुताबिक अभियुक्तों द्वारा किशननगर एक्स्टेंशन में अपने किराये के कमरे से थोडी दूरी पर एक अन्य कमरा किराये पर लिया तथा दो फरवरी को अभियुक्ता गीता द्वारा मृतक श्याम लाल को फोन कर किराये पर लिये गये दूसर कमरे पर बुलाया गया, जहां अभियुक्त हिमांशु चौधरी पहले से ही मौजूद था, जो छिपकर दोनो की अश्लील वीडियो बनाने की फिराक में था। कमरे में पहुंचने के बाद मृतक श्यमालाल को दोनो अभियुक्तों की योजना की भनक लगने पर वो जोर-जोर से हल्ला करने लगा। इस दौरान अभियुक्तों द्वारा उसे बांधकर उस पर काबू करने का प्रयास किया गया परन्तु मृतक श्यामलाल के लगातार जोर-जोर से चिल्लाने पर दोनो अभियुक्तों ने उसका मूंह बन्द कर दिया तथा गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
हत्या के पश्चात अभियुक्तों द्वारा मृतक के शव को उक्त कमरे में ही छोड दिया तथा घटना के अगले दिन अभियुक्ता गीता द्वारा उक्त घटना की जानकारी देते हुए अपने भाई अजय को तथा चार फरवरी को अपने बहनोई धनराज चावला को देते हुए उन्हें देवबंद सहारनपुर से देहरादून बुलाया। चूकिं अभियुक्त हिमांशु एमबीबीएस की पढाई कर रहा था, तो उसे जानकारी थी कि शव को एक दो दिन रखने के बाद शरीर में खून जम जाता है तथा उसे काटने पर शरीर से खून नहीं निकलता है, जिस पर अभियुक्त हिमांशु चौधरी द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर मृतक श्यामलाल के शव के अलग-अलग टुकडे कर उन्हें रस्सी से बांधकर प्लास्टिक के अलग-अलग कट्टों में डाल दिया तथा अभियुक्त धनराज चावला द्वारा लाये गये वाहन में घरेलू सामान के साथ रखकर देहरादून से देवबंद ले गये तथा शव को देवबंद में साखन की नहर में फेंक दिया। घटना के बाद पुलिस को गुमराह करने के लिये अभियुक्तों द्वारा मृतक की मोटर साइकिल को आईएसबीटी के पास सडक किनारे एक खाली प्लाट में खडा कर दिया तथा वाहन की नम्बर प्लेट को उखाडकर कबाड में फेंक दिया। घटना के बाद अभियुक्त हिमाशु चौधरी देवबंद से रूडकी आ गया। जहां से वह गीता के साथ पुलिस से बचने के लिये पहले मुम्बई फिर जयपुर, प्रयागराज, कुरूक्षेत्र तथा अमृतसर में अलग-अलग स्थानों में छिपकर रह रहा था।

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