रूद्रप्रयाग/देहरादून(संवाददाता)। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को 2०25 तक ड्रग फ्री करने का आदेश दिया हुआ है और उसी के चलते सभी जनपदों के पुलिस कप्तानों ने नशा तस्करों पर शिकंजा कसने का लम्बे समय से भले ही ऑपरेशन चला रखा हो लेकिन राज्य के अन्दर नशा तस्करी का चला आ रहा खुला तांडव रूकने का नाम नहीं ले रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक आज भी नशा तस्करों का मकडजाल बना हुआ है जो युवा पीढी को नशे के दलदल में धकेलने के लिए एक साजिश के तहत आगे बढता जा रहा है जिससे युवा पीढी के परिवारों में एक डर बना हुआ है कि अगर उनके लॉडले नशे के मकडजाल से बाहर नहीं आये तो उनका जीवन खतरे मे रहेगा। हैरानी वाली बात है कि रूद्रप्रयाग पुलिस ने जब दो नशा तस्करों को दबोचा तो उनके पास से जो नशा बरामद हुआ उसने पुलिस के पैरों तले जमीन खिसका दी क्योंकि जो नशा उनसे बरामद हुआ उसे पंजाब में ‘चिट्टे पॉउडरÓ के नाम से जाना जाता है और इस ‘चिट्टा पॉउडरÓ के नशे से पंजाब की युवा पीढी बर्बाद हो चुकी है। उत्तराखण्ड के अन्दर अब पंजाब के इस ‘चिट्टा पॉउडरÓ की एंट्री ने पुलिस अफसरों के माथे पर जरूर चिंता की लकीरें डाल दी होंगी क्योंिक नशा तस्करों ने इस राज से पर्दा उठाया है कि वह यह नशा चण्डीगढ़ से लाकर कुमांऊ के एक पहाड़ी जनपद में बेचने के लिए आ रहे थे।
रूद्रप्रयाग पुलिस कप्तान अक्षय प्रहलाद कोंडे ने जनपद के सभी थाना प्रभारियों व ए.एन.टी.एफ को ड्रग फ्री देवभूमि बनाये जाने के उद्देश्य से ड्रग्स व नशे की तस्करी का काला कारोबार करने वालों के विरूद्व ऑपरेशन चलाने के आदेश दिये हुये हैं। पुलिस कप्तान ने मुख्यमंत्री के ड्रग फ्री उत्तराखण्ड के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए खुद मोर्चा संभाल रखा है और वह नशा तस्करों के खिलाफ लगातार आक्रामक रूख मे नजर आ रहे हैं। पुलिस कप्तान ने कोतवाली प्रभारी मनोज नेगी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर उन्हें इलाके में नशा तस्करों पर नजर रखने के लिए विशेष कमान सौंप रखी है। कोतवाली प्रभारी नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए लगातार एक बडे मिशन के तहत काम कर रहे हैं। पुलिस कप्तान के बिछाये जाल में दो खतरनाक नशा तस्कर उस समय कोतवाली प्रभारी मनोज नेगी व उसकी टीम के शिकंजे में फंस गये जब वह ‘चिट्टा पॉउडरÓ तस्करी करके ले जा रहे थे। कोतवाली प्रभारी मनोज नेगी ने जब पकडे गये नशा तस्करों से पूछताछ की तो एक ने अपना नाम गौरव कांडपाल निवासी मोहाली चण्डीगढ़ बताया तो वहीं उसके साथी करनवीर सिंह ने बताया कि वह भी चण्डीगढ़ का रहने वाला है। कोतवाली प्रभारी ने जब नशा तस्करों से सख्ती के साथ पूछताछ की तो इस बात से पर्दा उठा कि गौरव कांडपाल मूल रूप से कुमांऊ के बागेश्वर का रहने वाला है लेकिन मौजूदा समय में वह चण्डीगढ़ रहता है और वहीं से वह ‘चिट्टा पॉउडरÓ लाकर उसकी तस्करी करता है। पुलिस को नशा तस्करों ने बताया कि वह यह ‘चिट्टा पॉउडरÓ चण्डीगढ़ से बागेश्वर बेचने के लिए ले जा रहे थे।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि नशा तस्करों से जो ‘चिट्टा पॉउडरÓ बरामद हुआ है उससे पंजाब की युवा पीढी बर्बाद हुई है और हमेशा यह बात उठती रही है कि पंजाब के हजारों युवाओं को ‘चिट्टा पॉउडरÓ के नशे ने बर्बाद कर दिया था। अब पंजाब से उत्तराखण्ड की ओर इस ‘चिट्टा पॉउडरÓ की एंट्री ने पुलिस प्रशासन की नींद जरूर उडा दी होगी क्योंकि यह नशा स्मैक का ग्रेट वर्जन है और इस नशे को काफी घातक माना जाता है इसलिए अब पुलिस प्रशासन के लिए भी यह चुनौती हो गया है कि वह इस बात की पडताल करे कि कहीं पंजाब की तरह उत्तराखण्ड मे भी ‘चिट्टा पॉउडरÓ तस्करी करके युवा पीढी की नशों मे तो नहीं डाला जा रहा?