धामी में दिखता मोदी का अक्स

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन हुआ। इसका शुभारंभ करने खुद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देवभूमि की राजधानी देहरादून पंहुचे। उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कुछ ऐसा कह दिया, जिसको सुन उत्तराखण्ड वासियों की आंखों में खूशी के आंसू छलक गए। उन्होंने कहा कि ‘देवभूमि ऊर्जा से और दिव्य हो उठी हैÓ। उनका यह कथन देवभूमि उत्तराखण्ड से उनका आत्मियतापूर्ण और आध्यात्मिक संबंध को दर्शाता है। देश के अधिकतर राज्यों में भाजपा या एनडीए की सरकारें हैं। इन सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपना आदर्श मानते हैं और उनकी तरह बनने की दिशा में कदम उठाते हुए नजर आते हैं। हालांकि एक मुख्यमंत्री ऐसे भी हैं जिनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सीधे तौर पर अक्स नजर आता है। वे मुख्यमंत्री और कोई नहीं बल्कि उत्तराखण्ड सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी हैं।
पुष्कर सिंह धामी ने अपने कुछ वर्षों के कार्यकाल में बहुत कुछ ऐसा कर दिया है, जिसकी वजह से उन्होंने न सिर्फ प्रदेश में बल्कि समूचे देश में अपनी कार्यशैली का लोहा मनवाया है। उन्होंने, प्रदेश के चंहुमुखी विकास में अपना अहम् योगदान दिया है। राज्य में पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम का निर्माण उनके ही शासनकाल में संभव हो रहा है। शीतकालीन आध्यात्मिक यात्रा की शुरूआत करके सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक ऐसे अनूठे प्रयोग को सार्थक किया है जिससे उत्तराखण्ड की आर्थिकी में चार चांद लगेंगे और उनके इस कदम की प्रशंसा खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 38वें राष्ट्रीय खेलों के मंच से खुद की थी। सीएम धामी को अपना ‘मित्रÓ कहने वाले पीएम मोदी को भी संभवत: इस बात का आभास है कि उनकी टीम में एक ऐसा कर्मठ व्यक्ति है, जो ठीक उन्हीं की तरह अपने राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि जिस तर्ज पर मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में गुजरात का विकास किया था, ठीक उसी तर्ज पर मौजूदा दौर में धामी उत्तराखण्ड का विकास कर रहे हैं। ऐसे में यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि धामी में अब मोदी का अक्स दिखने लगा है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग की। उनका कहना था कि उत्तराखंड को अपने विकास के लिए और भी नए रास्ते बनाने होंगे। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था सिर्फ चारधाम यात्रा पर निर्भर नहीं रह सकती। सरकार सुविधाएं बढ़ाकर चारधाम यात्रा का आकर्षण लगातार बढ़ा रही। हर यात्रा सीजन में श्रद्धालुओं की संख्या भी नए रिकॉर्ड बना रही और इसके साथ-साथ उत्तराखंड में शीतकालीन यात्राओं को प्रोत्साहित करना जरूरी है। लगभग ढाई दशक पुराने राज्य उत्तराखण्ड के विकास के लिए किसी प्रधानमंत्री को इतना चिंतित होते हुए शायद ही पहले कभी किसी देखा हो। रह-रहकर उनकी वो बात याद आती है जिसमें वह कहते थे कि उत्तराखण्ड राज्य, जिसे वाजपेई जी ने बनाया था और हम इसे संवारेंगे। उत्तराखण्ड को संवारने के लिए ही उन्होंने पुष्कर सिंह धामी जैसे सेनापति का चुनाव किया है, जिनके सुशासन की बदौलत उत्तराखण्ड नित नए आयामों को छू रहा है। पुष्कर सिंह धामी ने नकलरोधी कानून को लाकर जहां युवाओं को सदृढ़ बनाने की दिशा में जहां एक ठोस कदम उठाया था, वहंी वर्ष 2०25 के पहले माह में ही उन्होंने उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लाकर प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वासÓ वाले नारे को सार्थक किया है। पुष्कर द्वारा निरंतर उठाए जा रहे ऐसे क्रांतिकारी कदमों से अब यह आभास होने लगा है कि वह उत्तराखण्ड में एक नई इबारत लिखते जा रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जोकि पुष्कर सिंह धामी के मित्र भी है, उनकी तर्ज पर उत्तराखण्ड को गुजरात के विकास मॉडल की तरह स्थापित करने की दिशा में निरंतर कदम उठा रहे हैं। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जनहित और प्रदेशहित में किए जा रहे कार्य भी इस ओर इशारा कर रहे है कि आने वाले समय में उत्तराखण्ड में भी विपक्ष सत्ता का स्वाद चखने को तरस जाए।

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