सीएम धामी का होगा फैसला!

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अभिनव ही उत्तराखण्डवासियों के बनेंगे ‘सुरक्षा कवच’
अपराधमुक्त उत्तराखण्ड का विजन पर आक्रामक पुलिसिंग कर रहे अभिनव
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। दिल्ली में उत्तराखण्ड के डीजीपी को लेकर डीपीसी हो चुकी है और राज्यवासियों से लेकर अफसरशाही की नजरें मुख्यमंत्री के फैसले पर टिकी हुई हैं कि वह उत्तराखण्ड में किस आईपीएस अफसर को डीजीपी की कमान सौंपेंगे? हालांकि काफी अफसरशाही से लेकर राज्यवासियों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री का फैसला होगा कि उत्तराखण्ड के सुरक्षा कवच अभिनव कुमार ही बनेंगे। उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने का जो उन्होंने विजन मन में धारण किया हुआ है उसे धरातल पर उतारने के लिए तेज तर्रार डीजीपी अभिनव कुमार अपराधियों के खिलाफ आक्रामक पुलिसिंग करते हुए नजर आ रहे हैं और उससे अपराधजगत में हाहाकार मच गया है कि अगर उन्हांेने अभिनव कुमार के कार्यकाल में अपराध किया तो उनका मिट्टी में मिलना तय है। डेढ करोड राज्यवासियों की सुरक्षा का वचन अभिनव कुमार ने लिया हुआ है और उस पर वह हमेशा खरे उतरते आये हैं जिसके चलते राज्यवासियों को इस बात का इल्म हो चुका है कि डीजीपी अभिनव कुमार के कार्यकाल में वह अपने आपको अपराधियों और माफियाओं से हमेशा आजाद ही पायेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यवासियों को अपराधियों और माफियाओं से हमेशा के लिए मुक्ति दिलाने के लिए अभिनव कुमार को प्रभारी डीजीपी के रूप में तैनात करके अपराधियों के मन में एक बडा खौफ पैदा कर दिया था। उत्तराखण्ड के अन्दर जब भी कोई बडा अपराध हुआ तो डीजीपी अभिनव कुमार ने खुद मोर्चा संभाला और वह तब तक शांत नहीं बैठे जब तक उन्होंने अपराधियों को उनके दुसाहस की सजा नहीं दे दी। डीजीपी के कार्यकाल में दो बडे अपराध में शामिल कुख्यातों को मुठभेड में ढेर करके उन्होंने यह साबित कर दिया था कि उनके कार्यकाल में अपराध करना सबसे बडा गुनाह है और वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अपराधमुक्त उत्तराखण्ड के विजन को धरातल पर उतारने तक शांत नहीं बैठेंगे। आज दिल्ली में उत्तराखण्ड के डीजीपी के नामों को लेकर डीपीसी हुई और सबकी निगाहें इस बात पर टिकी रही कि आखिरकार राज्य का डीजीपी कौन होगा? हालांकि राज्य की अधिकांश अफसरशाही और राज्य की जनता के मन में यह विश्वास था कि मुख्यमंत्री धामी का फैसला डीजीपी अभिनव कुमार के हक में ही जायेगा क्योंकि वह उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने का जो वचन राज्य की जनता को दे चुके हैं उससे राज्यवासियों को अब उनके कार्यकाल में अपराधियों के खौफ से आजादी मिलनी शुरू हो गई है। दिल्ली में डीपीसी हो गई और सबको यही विश्वास है कि धाकड मुख्यमंत्री पुलिस महकमे की कमान एक बार फिर अपराधियों पर शिकंजा कसने वाले अभिनव कुमार को सौंपेंगे और अब सिर्फ उनके फैसले का इंतजार है लेकिन आवाम को विश्वास है कि सीएम का फैसला अभिनव कुमार के हक मे आना तय है।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड के कुछ पहाडी जिलों को दहशतगर्द चंद पूर्व सरकारों के कार्यकाल में अपने निशाने पर लेने के लिए वहां अपनी धमक दिखाते थे और चंद मैदानी जिलों में भी उन्होंने जिस तरह से अपना वर्चस्व कायम करके रखा हुआ था उससे उत्तराखण्ड की जनता के मन में दहशतगर्दों और अपराध जगत के लोगों से डर बना रहता था। रणवीर मुठभेड कांड के बाद से ही राज्य की पुलिस ने अपने आपको बैकफुट पर लाकर खडा कर दिया था जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद होते चले गये और उन्होंने राज्य के कुछ जिलों में अपने आपको पॉवरफुल बनाने के लिए वहां अपनी धमक दिखानी शुरू कर दी थी ? याद रहे कि अभिनव कुमार ने पदभार संभालते ही अपराध और माफिया जगत के गुनाहगारों को साफ अल्टीमेटम दे दिया था कि अगर उन्होंने उत्तराखण्ड मे ंअपराध और माफियागिरी करने का ख्वाब भी देखा तो उन्हें मिट्टी में मिला दिया जायेगा। डीजीपी ने जेलों से अपराध करने वाले कुख्यात अपराधियों को भी खुला अल्टीमेटम दिया था कि अगर उन्होंने अपराध करने का दुसाहस किया या किसी से फिरौती मांगने के लिए उन्होंने किसी को कॉल किया तो यह कॉल उनकी आखिरी कॉल हो जायेगी। डीजीपी अभिनव कुमार ने अपने अब तक के कार्यकाल मंे दो बडे ईनामी अपराधियों को मुठभेड में ढेर कराकर जहां अपराध जगत में खलबली मचा रखी है वहीं लूट, डकैती और दहशत फैलाने वालों से पुलिस की हो रही आमने-सामने की मुठभेड में एक के बाद एक जिस तरह से अपराधी पुलिस की गोलियांे से घायल होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपने जीवन की भीख मांग रहे हैं उससे उत्तराखण्डवासी मुख्यमंत्री और डीजीपी को अपना रक्षक मान चुके हैं। अब डीजीपी के लिए आज दिल्ली में डीपीसी हुई और अब सबकी नजर मुख्यमंत्री के फैसले पर टिकी हुई है कि वह अपने नये डीजीपी के रूप मंे किसे ताज पहनायेंगे? हालांकि अधिकंाश अफसरशाही और राज्यवासियों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कभी भी फैसला आ जायेगा कि अभिनव ही उत्तराखण्डवासियों के सुरक्षा कवच बनकर राज्य को अपराधमुक्त करने की दिशा में आगे बढते रहेंगे।

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