प्राइवेट स्कूलों पर अंकुश न लगा तो मंत्री-अधिकारियों का होगा तख्तापलट

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विकासनगर(संवाददाता)। उत्तराखंड बनने के बाद से ही राज्य के हर दूसरे प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के अभिभावकों को लूटने का जो खेल चलता आ रहा है वह किसी से छिपा नहीं है और लंबे अर्से से यह आवाज बुलंद होती आ रही है कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों के अभिभावकों से फीस के नाम पर उन्हें जो अपनी हेकड़ी दिखाकर उनका शोषण करती आ रही है उस पर सरकार हमेशा मौन धारण क्यों करे रहती है। अब कुछ नामी प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों के अभिभावकों से लेट फीस के नाम पर उनसे वसूली का जो खेल चल रहा है उसे अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जन संघर्ष मोर्चा ने यहां तक अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर प्राइवेट स्कूलों की इस हठधर्मिता पर अंकुश न लगा तो मंत्री व अधिकारियों का तख्ता पलट होगा और यहां तक आरोप लगाया की आखिर इन स्कूलों के आगे अधिकारी क्यों बौने बने रहते है।
यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वैसे तो प्रदेश भर के अधिकांश नामी गिरामी प्राइवेट स्कूल लेट फीस के नाम पर जुर्माना (जजिया कर) वसूलते हैं, लेकिन डीपीएसजी नामक प्राइवेट स्कूल्स लेट फीस के नाम पर रूपये 5० प्रतिदिन एवं जिस दिन फीस जमा कराई गई रूपये 5० प्रतिदिन के हिसाब से एवं एक माह की निर्धारित अवधि के पश्चात अतिरिक्त जुर्माना रूपये पांच हजार वसूल रहे हैं ,जो कि खुली लूट है।
उन्होंने जोर देकर कहा है कि लेकिन अधिकारियों का ध्यान इस ओर बिल्कुल नहीं है और अभिभावक डर के कारण आवाज नहीं उठा पाते,जिसका भरपूर फायदा ये लूटपाट केंद्र बन चुके प्राइवेट स्कूल्स उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन स्कूल स्वामियों की संवेदनाएं बिल्कुल मर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि लेट फीस लेने के मामले में अन्य नामी- गिरामी स्कूल भी पीछे नहीं हैं । इस अवसर पर नेगी ने कहा कि मध्यम वर्गीय व गरीब अभिभावक अपना पेट काटकर अपने बच्चों को अच्छी तालीम दिलाने के उद्देश्य से इन प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ाते हैं, लेकिन किसी कारण यथा बीमारी, दुर्घटना, रोजगार में मंदी, शादी-विवाह इत्यादि आकस्मिक खर्चों की वजह से फीस जमा करने में थोड़ा बहुत देर कर देते हैं, जिसका फायदा उठाना यह प्राइवेट विद्यालय बखूबी जानते हैं।
इस दौरान नेगी ने हैरानी जताई कि यह विद्यालय एडवांस में दो-तीन माह की फीस जमा करवा लेते हैं पर कोई अलग से ब्याज व पारितोषिक नहीं देते, लेकिन दो दिन भी फीस लेट हो जाए तो जुर्माना वसूल लेते हैं। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि यह सारा खेल अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है। उन्होंने कहा कि लेकिन इन स्कूलों के आगे इनकी घिग्गी बंध जाती है। उन्होंने कहा कि मोर्चा मंत्री व अधिकारियों को आगाह करता है कि इसका संज्ञान लें, अन्यथा आर -पार की लड़ाई होगी और तख्तापलट भी किया जायेगा। इस अवसर पर पत्रकार वार्ता में अशोक चंडोक, मुजीबुर्रहमान सलीम, अमित जैन व मुकेश पसपोला शामिल थे।

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