इंसाफ के ‘मसीहा’

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड की सरकार चला रहे मुख्यमंत्री को इंसाफ का मसीहा माना जा रहा है क्योंकि उन्हांेने अब तक अपने कार्यकाल में किसी के साथ भी द्वेष भावना के साथ काम नहीं किया और विपक्ष को भी वह हमेशा साथ लेकर चलने मे ही विश्वास रख रहे हैं। उत्तराखण्डवासियांे के बीच मुख्यमंत्री सरल राजनेता के रूप में उनके साथ हमेशा मौजूद रहते हैं और उसी के चलते उन्हें उत्तराखण्ड की जनता अपना रक्षक मानकर उनपर अभेद विश्वास कर रही है वहीं राज्य की जनता की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने इंसाफ के मसीहा माने जाने वाले आईपीएस अभिनव कुमार को डीजीपी के पद पर तैनात किया हुआ है और उन्होंने अपने कार्यकाल मे पुलिस के अन्दर पारदर्शिता का जो आईना दिखा रखा है उससे आवाम के बीच भी एक अच्छा संदेश जा रहा है कि अब उत्तराखण्ड पुलिस का वो रूप बदल गया है जिस रूप को देखकर वह उससे डरा करती थी। उधमसिंह नगर के पंतनगर थाना प्रभारी पर जब दाग लगा कि उसने एक युवती के साथ अश्लील बातें फोन पर की हैं तो उन्हांेने इसकी जांच कराई और उसके बाद उन्होंने थाना प्रभारी को निलम्बित करके यह संदेश दे दिया कि वह इंसाफ परस्त अफसर हैं और वह सच को सच और झूठ को झूठ कहने में कभी पीछे नहीं हटे और न कभी हटेंगे। डीजीपी के इस फैसले से एक बार फिर साफ हो गया कि वह इंसाफ के मसीहा हैं और वह अपने किसी भी दरोगा या अफसर की गलती पर पर्दा नहीं डालेंगे और उन्हें दण्ड देने के लिए वह हमेशा आगे खडे रहेंगे क्यांेकि उनकी पुलिसिंग करने का अंदाज पुलिस महकमे से लेकर आम इंसान जानता हैं कि वह किसी भी राजनीतिक दबाव मे कभी काम करने के लिए आगे नहीं आये और उनकी इसी कार्यशैली से वो लोग काफी सहमे रहते हैं जो कुछ पूर्व डीजीपी के कार्यकाल मे अपने अदृश्य काम कराने में सफल हो जाते थे?
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य को पारदर्शिता के साथ चलाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ा रखे हैं और उन्हांेने मुख्यमंत्री की शपथ लेने के दौरान साफ संदेश दिया था कि वह द्वेष भावना से सरकार नहीं चलायेंगे और सबको साथ लेकर ही वह सरकार चलाने के लिए आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड से अपराधियों का अंत करने का बडा जिम्मा तेज तर्रार आईपीएस अभिनव कुमार को सौंपा हुआ है और उसी के चलते अभिनव कुमार ने राज्य को अपराधमुक्त करने की दिशा मे सभी जनपदों की पुलिस को अपराधियांे के खिलाफ सख्त रूख अपनाकर उन्हें राज्य मे प्रवेश न करने देने का टास्क दिया हुुआ है। वहीं राज्य की एसटीएफ मे तेज तर्रार सीओ आरबी चमोला भी अपराधियों के खिलाफ बडे ऑपरेशन चलाने के लिए एक रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। उत्तराखण्ड में डीजीपी अभिनव कुमार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तर्ज पर इंसाफ के मसीहा बने हुये हैं और उनके कार्यकाल मे अगर कहीं से भी पुलिस द्वारा किसी का उत्पीडन किये जाने की आवाज आती है तो वह उस आवाज को दबाने मे तिनकाभर भी देर नहीं करते। डीजीपी को करीब से पहचानने वाले जानते हैं कि डीजीपी अभिनव कुमार ने पोस्टिंग के लिए कभी भी किसी का दरवाजा नहीं खटखटाया और वह सत्य की राह पर चलते हुए अपनी स्वच्छ पुलिसिंग की पारी खेल रहे हैं।
डीजीपी के सामने जब कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने पंतनगर थाना प्रभारी की शिकायत करते हुए बताया कि वह एक परिवार की लडकी के साथ फोन पर अश्लील बातें कर उसे अपनी वर्दी का रौब दिखा रहा है जिसके बाद इंसाफ के लिए मसीहा बने अभिनव कुमार ने इस मामले की जांच डीआईजी पी रेनूका देवी को दी और उसके बाद एसओ को निलम्बित कर दिया गया। डीजीपी ने पुलिस महकमे को साफ संदेश दिया कि अगर विभाग मे रहकर कोई भी पुलिस की छवि को खराब करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी और किसी को ऐसे कृत्य पर बक्शा नहीं जायेगा। डीजीपी अभिनव कुमार ने पुलिस महकमे मे संदेश दे रखा है कि चाहे कोई दरोगा हो और चाहे कोई बडा अफसर अगर किसी ने भी पुलिस की छवि को धुमिल करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी। डीजीपी अभिनव कुमार ने हमेशा पुलिस की गरिमा को चार चांद लगाने के लिए हमेशा काम किया है और वह विभाग मे रहते हुए कभी भी किसी कर्मचारी या अधिकारी के साथ भेदभाव करते हुए नजर नहीं आये जिसके चलते राज्य की पुलिस को यकीन है कि कोई भी उनके साथ अन्याय नहीं कर पायेगा। बता दें कि पंतनगर मे जो मामला घटित हुआ है उसको लेकर राज्य की पुलिस मे भी काफी सुगबुगाहट है कि अगर यह मामला उत्तराखण्ड के दो पूर्व डीजीपी के कार्यकाल मे होता तो इस मामले को पलटते हुए युवती को ही इस मामले मे धेरने का चक्रव्यूह रच दिया जाता? हालांकि तिलक राज बेहड़ को पहले दिन ही उम्मीद थी कि उत्तराखण्ड के डीजीपी जो कि हमेशा इंसाफ करने के लिए जाने जाते हैं वह इस मामले मे पारदर्शिता के साथ कार्यवाही करेंगे और जैसे ही थाना प्रभारी को निलम्बित किया गया उसके बाद यह बात फिर सच साबित हो गई कि अभिनव कुमार इंसाफ के मसीहा हैं।

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