डीजीपी की रडार पर प्रोपर्टी डीलर बने दरोगा!

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वदी की आड़ में दौलत कमाने का खेल होगा खत्म?
पहाडांे मे दिखाई देंगे प्रोपर्टी डिलिंग करने वाले खाकीधारी
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड मे अधिकांश एक्स डीजीपी सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए ही राजनेताओं की चौखट पर उनकी परिक्रमा करते हुए दिखाई देते थे जिसके चलते वह कभी भी खाकी के काफी अधिकारी और दरोगाओं की उस चाल को समझ ही नहीं पाये जिसके चलते वह आवाम को अपनी वर्दी की ताकत दिखाकर उनके मन मे एक डर पैदा किया करते थे? हैरानी वाली बात है कि उत्तराखण्ड के अधिकांश एक्स डीजीपी का नेटवर्क इतना कमजोर था कि उन्हें इस बात का इल्म ही नहीं हो पाया कि वर्दी की आड़ में काफी खाकीधारी उत्तराखण्ड के कुछ जिलों मे प्रोपर्टी डिलिंग का खेल बडे नाटकीय ढंग से खेल रहे हैं और इस खेल मे उनके साथ कुछ भूमाफिया और बडे-बडे प्रोपर्टी डीलर के बीच उनका गठजोड़ बना हुआ था? उत्तराखण्ड के एक एक्स डीजीपी तो विवादित जमीनों पर हमेशा अपनी गिद्द जैसी नजर लगाकर रखते थे और पर्दे के पीछे रहकर उन्होंने अपने करीबियों के लिए विवादित जमीनों का जो रास्ता खोला उसके चलते आवाम के मन मे पुलिस के कुछ बडे अफसरांे को लेकर यह भय बना रहता था कि अगर उन्होंने अपनी जमीन पर हो रहे कब्जे को लेकर उनसे शिकायत की तो उन्हें किसी न किसी बडे षडयंत्र के तहत फसाया जा सकता है? अब राजधानी के रायपुर इलाके मे जबसे तीन लोगों को गोलियां मारने का सनसनीखेज कांड सामने आया है तबसे राज्य की डीजीपी काफी सख्त नजर आ रहे हैं और ऐसी सम्भावना है कि खाकी पहनकर जो दरोगा प्रापर्टी डीलरों के साथ गुप्त गठजोड़ कर प्रोपर्टी डिलिंग का खेल खेल रहे हैं उन पर अब डीजीपी की रडार लग गई है क्योंकि वह खुफिया विभाग के भी चीफ हैं और उनकी नजर से हर वो खाकीधारी नहीं बच पायेगा जो वर्दी की गरिमा को तार-तार कर गुप्त रूप से प्रोपर्टी डिलिंग करने का वर्षों से खेल खेलता आ रहा है? ऐसे खाकीधारी अब डीजीपी की रडार पर हैं और यह तय माना जा रहा है कि आने वाले कुछ समय के भीतर प्रोपर्टी डिलिंग करने वाले हर दरोगा को पहाड़ में तैनाती देकर उन्हें संदेश दिया जायेगा कि उनके राज मे पुलिस सिर्फ आवाम की सेवा के लिए बनी है।
उत्तराखण्ड का जन्म होने के बाद से ही राज्य पुलिस के काफी छोटे बडे अधिकारियों पर दाग लगते रहे कि वह खाकी की गरिमा को तार-तार करने से कभी पीछे नहीं हटे हैं और उन्होंने अपने पद का भौकाल दिखाते हुए काफी प्रोपर्टी डीलरों के साथ पर्दे के पीछे से गुप्त गठबंधन किया और उसके चलते वह जमीनों के धंधे मे खूब दौलत कमाते चले गये थे? उत्तराखण्ड के चंद पुलिस अफसरों पर तो हमेशा प्रोपर्टी डीलर होने का आरोप लगा लेकिन उनकी धमक के आगे कोई भी इस बात के लिए सीधी आवाज उठाने का दम नहीं दिखा पाता था हालांकि उनके द्वारा जमीनों पर कब्जे कराने का जो कुछ पूर्व डीजीपी के कार्यकाल मे बडा खेल खेला गया था वह आज भी राज्य के अन्दर चर्चा का विषय बना हुआ है? सवाल उठते रहे कि जमीनों को विवादित दिखाकर उस पर जिस तरह से भूमाफिया कब्जा करते थे और उसके बाद पुलिस के कुछ अधिकारियों का उन्हें जिस तरह से खुला संरक्षण मिलता था वह किसी से छिपा नहीं था? उत्तराखण्ड की राजधानी मे काफी विवादित जमीनों पर पुलिस के दो बडे अधिकारियों ने गोल्डन फोरेस्ट की जमीनों को रहस्यमय अंदाज मे अपने नाम कराया और उसके बाद प्रशासन के चंद अफसरों के साथ मिलकर इन जमीनों को उन्होंने एक बडा खेल खेलते हुए बेचा था वह भी राजधानी के गलियारों मे लम्बे समय तक चर्चा का विषय बना था?
उत्तराखण्ड बनने के बाद से ही राज्य के काफी छोटे-बडे अधिकारियों और दरोगाओं पर यह सवालिया निशान लगता आ रहा है कि वह वर्दी की आड़ में प्रोपर्टी डिलिंग का गुप्त खेल बडे नाटकीय ढंग से खेलते आ रहे हैं? चर्चा तो यहां तक है कि खाली पडी जमीनों पर भूमाफियाओं की नजर रहती है और वह खाकी के कुछ दरोगाओं के साथ मिलकर उन जमीनों पर अपनी पॉवर दिखाकर उन पर कब्जा करते हैं और पुलिस जब उन्हें मामला सिविल का बताकर थाने-चौकी से चलता करती है तो जमीन के असली मालिक के सामने अपनी जमीन बचाने का एक बडा संकट खडा हो जाता है? अब उत्तराखण्ड की कमान तेज तर्रार और सत्य की राह पर चलने वाले डीजीपी अभिनव कुमार के हाथो मे है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन पर अभेद भरोसा कर खुफिया विभाग के चीफ की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप रखी है इसके चलते अब उत्तराखण्ड के अन्दर खाकी पहनकर प्रोपर्टी डिलिंग करने वाले छोटे से लेकर बडे पर डीजीपी की रडार लग गई है और ऐसे कर्मियों को चिन्हित करने का भी गोपनीय मिशन शुरू हो गया है जिसके बाद उन्हें पहाड़ों मे तैनात करने का डीजीपी ऑपरेशन चलायेंगे।

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