धामी की कुशल रणनीति के चलते उत्तराखण्ड के धार्मिक स्थलों पर उमड़ रहा सैलाब

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चारधाम यात्रा मे सीएम ने लगाये ‘चार चांद’
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री की सोच का ही परिणाम है कि आज राज्य एक नई उडान पर तेजी के साथ उडता जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने के लिए अपनी किचन टीम के साथ मिलकर जो प्लान तैयार किया है उसी का परिणाम है कि आज हर तरफ विकास की नई बयार बह रही है और उत्तराखण्ड मे चारधाम यात्रा को सकुशल और सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने जिस विजन के साथ यात्रा आरम्भ कराई थी उसके चलते चारधाम यात्रा मे चार चांद लग गये हैं और हर कोई श्रद्धालु सुगम यात्रा करके उत्तराखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री को सैल्यूट कर रहा है। मुख्यमंत्री की सफल रणनीति का ही परिणाम है कि उत्तराखण्ड मे चारधाम यात्रा मे ही नहीं बल्कि राज्य के सभी धार्मिक स्थलांे पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है और गढवाल और कुमांऊ के सभी धार्मिक स्थलों पर देशभर के श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है उसका श्रेय मुख्यमंत्री को ही जाता है जिन्हांेने धार्मिक स्थलों पर आने के लिए श्रद्धालुओं को वचन दे रखा है कि उन्हें सुगम और सुरक्षित दर्शन कराने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। गढवाल और कुमांऊ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुआंे का आना सरकार और वहां के व्यापारियों के लिए एक वरदान बन रहा है तो वहीं योग दिवस पर मुख्यमंत्री ने गूंजी मे योग किया तो उससे वहां के धार्मिक स्थल पर आने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगने की आसा सरकार को दिखाई देने लगी है।
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर उमड़ रहा सैलाब इस बात की तस्वीर बयां कर रहा है कि राज्य सरकार की तरफ से चार धाम में किस तरह की व्यवस्था की हुई है शुरुआती दौर में जिस चार धाम यात्रा को लेकर विपक्ष हल्ले मचा रहा था अब वहीं विपक्ष पुष्कर सिंह धामी की व्यवस्था को देखकर खामोश हो गया है। इतना ही नहीं चार धाम के अलावा राज्य सरकार उन धार्मिक स्थलों को भी बढ़ावा दे रही है जिन धार्मिक स्थलों की नजर अब तक भक्तों पर नहीं थी। कुमाऊं के नैनीताल में कैंची धाम से लेकर हरिद्वार ऋषिकेश अल्मोड़ा और उत्तरकाशी के वह धार्मिक स्थल भी इस वक्त भक्तों की भीड़ से गुलजार है जहां बहुत कम भक्त आया करते थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तमाम अधिकारियों को राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को बेहतर बनाने के लिए जो आदेश दिये उस आदेश का राज्य में अब साफ असर होता दिखाई दे रहा है। पुष्कर सिंह धामी के विरोधी भले ही यह बात कहें कि उन्हें अभी इतना अनुभव नहीं है लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने राज्य सरकार की तमाम व्यवस्थाओं को बारीकी से समझा और परखा है उसका ही नतीजा है कि अब पुष्कर सिंह धामी एक परिपक्त मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शालीनता के साथ सरकार चला रहे हैं और उनकी किचन टीम मे एक से एक धाकड़ अफसर तैनात हैं जो उन्हें उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने के लिए हर वो पाठ पढ़ा रहे हैं जिसे पढ़कर मुख्यमंत्री एक नई कार्यशैली के साथ उत्तराखण्ड के लुप्त दिखाई देने वाले धार्मिक स्थलों को एक नई पहचान दिलाने के लिए रात-दिन काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कुमांऊ के धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को जो हैली सेवाओं का तोहफा दिया है उसके चलते श्रद्धालुओं की यात्रा का समय कुछ ही घंटों का हो गया है और उसके चलते धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने का सारा सेहरा मुख्यमंत्री धामी के सिर पर ही बंध रहा है। मुख्यमंत्री एक बडी सोच के राजनेता हैं जो सबको साथ लेकर चलने मे ही विश्वास रखते हैं और वह श्रद्धालुओं के बीच जाकर भी उनसे उनके सुझाव पूछते हैं कि धार्मिक स्थलों को और बेहतर बनाने के लिए सरकार को क्या-क्या कदम उठाने चाहिए। कुल मिलाकर कहा जाये तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने अल्प कार्यकाल मे उत्तराखण्ड को उस उडान पर उडा दिया है जहां कोई भी सरकार ऐसी उडान भरने का कभी साहस भी नहीं कर पाई थी?

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