खाकी को ललकार रहा कुख्यात रामवीर

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देहरादून(संवाददाता)। रूपये के लेनदेन को लेकर हुये विवाद के बाद नेहरूग्राम क्षेत्र गोलियों की तड-तडाहट से गूंज उठा और रात के अंधेरे मे किसी को इस बात की भनक भी नहीं लगी कि वहां एक बडा संग्राम हुआ है। दिन निकलते ही एक नाले में एक युवक की खून से सनी लाश और उसके दो साथियों के शरीर से बह रहे खून के बाद इलाके मे हडकम्प मच गया और आनन-फानन मे जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि तीन लोगों को गोलियों से भूना गया है जिसमे एक युवक की मौत हो चुकी थी जबकि दो गम्भीर रूप से घायल थे इनमे से एक युवक पूर्व मे पत्रकारिता करता था लेकिन मौजूदा दौर मे वह प्रोपर्टी डीलिंग का काम करता था। तीन लोगों को गोलियों से भूनने की खबर ने राजधानी मे एक दहशत फैला दी और कुछ ही देर मे इस बात से पर्दा हट गया कि इस गोलीकांड को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक कुख्यात ने अपने साथियों के साथ अंजाम दिया है। इस खूनी खेल की पटकथा ब्याज का धंधा करने वाले दबंग के यहां लिखी गई थी और पुलिस ने चंद लोगों को गिरफ्तार भी किया है लेकिन युवकों पर गोलियां दागने वाला शातिर पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया जिसको लेकर इलाके के लोगों मे बडी नाराजगी देखने को मिली और पहले माह लोगों ने इलाके के विधायक के खिलाफ अपनी नाराजगी दिखाई और उसके बाद उन्होंने शव को सड़क पर रखकर जमकर बवाल किया लेकिन बाद मे इलाके के विधायक ने आवाम को समझाते हुए वहां जाम खुलवाया और उन्होंने ब्याज का धंधा करने वाले लोगों के खिलाफ कडी कार्यवाही करने के लिए पुलिस कप्तान से बात की।
मिली जानकारी के अनुसार,रायपुर क्षेत्र निवासी रवि बडोला ने अपनी कार डोभाल चौक के पास रहने वाले देवेंद्र शर्मा उर्फ भारद्वाज को दी थी। इस कार के रवि बडोला चार लाख रुपए मांग रहा था, लेकिन भारद्वाज ने कार का सौदा साढ़े तीन लाख रुपए में कर दिया। इस बात से नाराज रवि बडोला अपने दो साथियों सुभाष क्षेत्री और मनोज नेगी के साथ अपनी कार लेने के लिए भारद्वाज के घर जाने लगा। इस दौरान किसी ने भारद्वाज को सूचना दे दी कि बडोला उसे मारने के लिए आ रहा है। भारद्वाज ने भी अपने साथियों को बुला लिया। जैसे ही बडोला और उसके साथी वहां पहुंचे तो भारद्वाज के साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला दी। इसमें बडोला, क्षेत्री और नेगी तीनों को गोली लग गई। बडोला गोली लगते ही भाग गया और कहीं नाले में गिर गया। जबकि, क्षेत्री और नेगी घायल हो गए। पुलिस ने दोनों को कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस मामले मे दो-तीन लोगों को अपनी गिरफ्त मे लिया है। वहीं इस सनसनीखेज घटना को अंजाम देने वाला पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदमाश रामवीर फरार हो गया और इस रामवीर का अपराधिक इतिहास किसी से छिपा नहीं है और लम्बे अर्से से उसने राजधानी को अपने अपराध की स्थलीय बना रखा है। अपने ही साथियों को मौत की नींद सुलाने के लिए कुख्यात बना रामवीर हमेशा राजधानी पुलिस के लिए एक बडी चुनौती रहा है और वह हमेशा पिस्टल से जिस तरह से अपराध करने का आदी हो रखा है उससे राजधानी मे उसका डर हमेशा देखने को मिलता रहा है और अब देखने वाली बात होगी कि क्या राजधानी पुलिस को हमेशा अपनी ताकत का अहसास कराकर एक के बाद एक कई हत्यायें कर चुके रामवीर पर पुलिस कोई सख्त एक्शन ले पायेगी?

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