उद्यान घोटाले पर सियासत मे भूचाल!

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विकासनगर(संवाददाता)। उत्तराखण्ड की सियासत मे हमेशा भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर भूचाल मचता रहा है और जैसे ही राज्य मे उद्यान घोटाले की गंूज राजनीतिक गलियारों मे सुनाई दी थी। उसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर सख्त एक्शन करते हुए भ्रष्टाचार के मकडजाल मे फंसे उद्यान विभाग के आला अफसर को निलम्बित कर दिया था और यह मामला जब न्यायालय मे गूंजा था तो इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश से एक बडा हडकम्प मच गया था। अब सीबीआई ने उद्यान घोटाले मे अपनी जांच को नई दिशा देते हुए बीते रोज उत्तराखण्ड के अन्दर अपनी दस्तक देकर कुछ लोगों से पूछताछ की तो एक बार फिर उद्यान घोटाले पर सियासत मे भूचाल आता हुआ दिखाई दे रहा है। उद्यान विभाग में हुये घोटाले को लेकर जन संघर्ष मोर्चा ने महकमे के मंत्री को ही कटघरे मे खडा करते हुए उन पर आरोपों की झड़ी लगाई है और उन्होंने सरकार से मांग की है कि मंत्री का नार्को टेस्ट कराकर उन्हें बर्खास्त किया जाये। जन संघर्ष मोर्चा के इस आरोप से एक बार फिर उद्यान विभाग मे हुआ घोटाला आवाम के सामने तेजी के साथ गूंजने लगा है।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने 1द्मद्भद्मह्यद्ब 43द्म;द्म कि उद्यान घोटाले ने कृषि(उद्यान) मंत्री गणेश जोशी एवं निदेशक एच एस बवेजा की पोल पट्टी खोलकर रख दी है, जिसमें उनकी जुगलबंदी ने करोड़ों रुपए की बंदरबाट/फर्जीवाड़ा कर प्रदेश की छवि को तार-तार करने का काम किया। नेगी ने आरोप लगाह्म्ह्य द्दह्न, स्रद्दद्म कि इस घोटाले की पटकथा यह थी कि इस उद्यान घोटाले की जांच की मांग को लेकर नौगांव विकासखंड के किसानों ने मंत्री गणेश जोशी से घोटाले का पर्दाफाश करने की मांग की,तो सिंघम की तरह आनन -फानन में जोशी ने सचिव को जांच के निर्देश दिए, लेकिन उनको मालूम नहीं था कि यह घोटाला उनके स्रद्भद्धष्द्ध बबेजा का है। कर्मठ सचिव द्वारा जिलाधिकारी आदि को तत्काल जांच के निर्देश दिए गए,जिसके क्रम में मात्र एक-दो के भीतर ही जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई्र ह्वह्य3द्ध ह्वह्य 1द्मद्भद्मह्यद्ब 43द्म;द्म कि जांच बैठाए जाने के मामले में बवेजा ने मंत्री से नाराजगी जाहिर कि आपने जांच के निर्देश क्यों दिए, जबकि आपका भरपूर आर्थिक ख्याल रखा गया ! रधुनाथ नेगी ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट आने के पश्चात मंत्री जोशी के पांव के नीचे की जमीन खिसक गई कि मैंने अपने पांव पर ही कुल्हाड़ी क्यों दे मारी! इस घोटाले को लेकर उच्च न्यायालय ने वर्ष 2०23 को सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे, लेकिन खुद व अपने अफसर को फंसता देख जग हंसाई कराने सीबीआई जांच निरस्त कराने जनवरी 2०24 को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने चले गए, जिस पर उनकी एसएलपी खारिज हो गई। मंत्री जोशी को किस बात का डर था कि सीबीआई जांच रोकने को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। दुर्भाग्य की बात है कि आज मंत्री गणेश जोशी बयान दे रहे हैं कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जबकि सारा घोटाला उनकी ही नाक के नीचे हुआ है। जोशी का बयान बहुत ही हास्यपद है, जिसकी जितनी निंदा की जाए उतनी ही कम है।
रधुनाथ नेगी ने आरोप लगाया कि सवाल इस बात का है कि इतना बड़ा घोटाला हो गया और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए मंत्री गणेश जोशी ने सरकार को अंधेरे में रखकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करवाना अपने आप में ही बहुत बड़ा घोटाला है। मंत्री जोशी कह रहे हैं कि निदेशक की नियुक्ति मेरे कार्यकाल में नहीं हुई, यह बयान और भी बहुत गैर जिम्मेदाराना है। यह मामला नियुक्ति का नहीं है बल्कि उनके कार्यकाल में हुए घोटाले का है। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि मंत्री गणेश जोशी का नार्को टेस्ट करवा कर बर्खास्तगी की कार्रवाई अमल में लाएं।

कृषि उद्यान मंत्री गणेश जोशी से नहीं हो पाया संपर्क
देहरादून(संवाददाता)। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि उद्यान घोटाले ने कृषि, उद्यान मंत्री गणेश जोशी एवं निदेशक एच एस बवेजा की पोल पट्टी खोलकर रख दी है, जिसमें उनकी जुगलबंदी ने करोड़ों रुपए की बंदरबाट फर्जीवाड़ा कर प्रदेश की छवि को तार-तार करने का काम किया है के आरोप लगाने के बारे में विभागीय मंत्री गणेश जोशी से उनका पक्ष जानना चाहा लेकिन जब उन्हें फोन किया गया तो उनके सहयोगी ने बताया कि मंत्री का फोन उनके पास रह गया है और वह दूसरी गाड़ी में सफर कर बड़कोट जा रहे है और नेटवर्क भी नहीं आ रहा है जिससे कृषि उद्यान मंत्री गणेश जोशी से संपर्क नहीं हो पाया।

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