‘क्राईम स्टोरी’ से बातचीत मे लिया था संकल्प

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कातिल न पकडे गये तो दे दूंगा इस्तीफा
मुख्यमंत्री की कसौटी पर अव्वल आये अभिनव
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। बाबा तरसेम सिंह की उनके ही डेरे मे दिन निकलते ही 315 बोर की रॉयफल से दो गोलियां मारकर उनकी हत्या किये जाने के बाद सरकार के मुखिया और डीजीपी ने इस हत्याकांड को एक बडी चुनौती के रूप मे लिया और जब मुख्यमंत्री ने इस हत्याकांड को लेकर डीजीपी के सामने पुलिस के फेल होने की नाराजगी दिखाई तो उसके बाद डीजीपी ने संकल्प ले लिया था कि वह बाबा तरसेम सिंह के कातिलों को न पकड पाये तो वह डीजीपी पद से इस्तीफा दे देंगे। इस संकल्प का खुलासा उन्होंने ‘क्राईम स्टोरी’ से बातचीत मे किया था और वह इस बात को लेकर भी काफी तनाव मे थे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री धर्मगुरू की हत्या के बाद से इतने व्याकुल थे कि उनकी आंखो से जब आंसू छलके थे तो वह पुलिस मुखिया के लिए एक बडा चिंता का विषय बन गया था कि बाबा के कातिलो को पाताल से भी खोज निकालने के लिए वह रात-दिन एक कर दें। मुख्यमंत्री की कसौटी पर अव्वल आने के लिए डीजीपी ने ‘ऑपरेशन कातिल’ चलाया और अपनी टीमों के साथ वह संकल्प लिये हुये थे कि जब तक कातिलो को खोज नहीं निकालेंगे तब तक वह चैन से नहीं बैठेंगे।
रूद्रपुर के नानकमत्ता गुरूद्वारे के डेरा प्रमुख रहे बाबा तरसेम सिंह की उनके ही डेरे मे हत्या ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हिलाकर रख दिया था क्योंकि यह हत्या एक ऐसे धर्मगुरू की हुई थी जिसकी लाखो लोग पूजा कर उन्हें अपना आदर मानते हैं। मुख्यमंत्री जो कि फ्लावर और फायर रूप मे हमेशा उत्तराखण्ड के अन्दर दिखाई देते रहे हैं वह बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद वहां उन्हें जब श्रद्धांजलि देने गये तो उनकी आंखो से निकले आंसू डीजीपी अभिनव कुमार को बेचैन किये हुये थे। डीजीपी ने इस हत्याकांड को एक बडी चुनौती के रूप मे लिया और उन्होंने एसटीएफ के तेज तर्रार इंस्पेक्टर आरबी चमोला को टीम के साथ कातिलों की खोज मे रवाना किया था और यहां तक अल्टीमेटम दिया था कि जब तक वह कातिलों को खोज नहीं लेंगे तब तक वह उत्तराखण्ड की सीमा मे प्रवेश नहीं करेंगे। डीजीपी ने चंद दिन पूर्व ‘क्राईम स्टोरी’ से बातचीत मे यह संकल्प लिया था कि वह अगर बाबा तरसेम सिंह की हत्या मे शामिल कातिलों को जल्द न खोज पाये तो वह डीजीपी पद से इस्तीफा दे देंगे। डीजीपी का यह संकल्प अपने आप मे यह दर्शा रहा था कि वह मुख्यमंत्री के आंसूओं को लेकर कितने तनाव मे है कि उनके डीजीपी पद पर होने के दौरान कैसे शूटर बाबा तरसेम सिंह की हत्या उनके डेरे मे करके भाग गये थे। डीजीपी ने यह भी सौगंध ली थी कि अगर कातिलों ने उत्तराखण्ड पुलिस को ललकारा है तो उनकी इस ललकार को वह स्वीकार कर उन्हे यह सबक जरूर सिखा देंगे कि अब उत्तराखण्ड बदल रहा है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने का जो संकल्प लिया हुआ है उसे शत-प्रतिशत वह धरातल पर उतारेंगे।

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