एम्स ऋषिकेश में 6०० भर्तियों की हो सीबीआई से जांच

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देहरादून(नगर संवाददाता)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा सरकार पर सरकारी संस्थानों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की राज्य सरकार द्वारा जिस प्रकार एम्स ऋषिकेश में गुजरात के गांधीनगर बेस राजदीप इंटरप्राइस को मानव संसाधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है वह सरकारी संस्थाओं में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने कहा कि लगातार ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को जिम्मेदारियां दी जा रही है। इस दौरान उन्होंने गुजरात के किसी बड़े नेता दबाव में टेंडर देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश में पूर्व में हुई 6०० भर्तियों की भी सीबीआई से जांच होनी चाहिए।
यहां कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि राजदीप इंटरप्राइस नामक जिस कम्पनी को ऋषिकेश जैसे विश्व स्तरीय चिकित्सा संस्थान में मुख्य काम सौंपा गया है और वह न्यायालय के आदेश पर तीन प्रमुख राज्यों क्रमश: गुजरात, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में ब्लैक लिस्टेड है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा संचालित हॉस्पिटल में पैसों की अनियमितता तथा नर्सिंग स्टाफ की तनख्वाह में की गई हेराफेरी के चलते कोर्ट द्वारा इस फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद इस फर्म को एम्स जैसे चिकित्सा संस्थान में बडी जिम्मेदारी दी गई जहां पर कम्पनी ने आते ही अपना रंग दिखाना शुरू भी कर दिया जब 12०० नर्सिंग स्टाफ में से 6०० पदों पर केवल राजस्थान के लोगों को भर दिया गया तथा एक ही परिवार के छह लोगों को रोजगार दे दिया गया। उन्होंने इस पर भाजपा के राजस्थान प्रभारी रहे नेता पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में दौरे के समय भाजपा के प्रदेश प्रभारी रहे नेता पर किसी हॉकम सिंह से मिली भगत का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि यह न केवल भ्रष्टाचार की बानगी है अपितु उत्तराखण्ड राज्य के प्रशिक्षित बेरोजगार नौजवानों के साथ भी छल किया गया है। इस अवसर पर करन माहरा ने कहा कि भाजपा शासन में ऋषिकेश स्थित एम्स पूरी तरह से भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है।
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी एम्स में वेसल सीलिंग उपकरणों की खरीद में भारी वित्तीय अनियमितता के चलते अपराध निरोधक शाखा में मुकदमा दर्ज किया गया था तथा सीबीआई, अपराध निरोधक शाखा द्वारा इसकी जांच भी की गई थी परन्तु उसकी जांच कहां तक पहुंची किसी को पता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 2०18 में एम्स में कंकाल और हड्डियों की खरीद तथा मेडिकल उपकराणों की खरीद में भी भारी घोटाले के चलते संस्थान को करोड़ों रूपये का चूना लगाया गया इसकी जांच भी सीबीआई द्वारा की गई परन्तु उसकी जांच का भी अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार खराब मेडिकल मेडिकल उपकरणों की खरीद में न केवल भारी घोटाले को अंजाम दिया गया बल्कि राज्य के लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ किया जा रहा है जिसके लिए भाजपा की भ्रष्ट सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में बिगडती कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में बढ रही अपराध की घटनाओं से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य की कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा चुकी है तथा अपराधियों के मन से कानून का भय समाप्त हो गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में पिछले डेढ वर्ष में घटी अपराध की घटनाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में महिला अपराध तथा अन्य अपराधों का स्तर कहां पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि समाज के अराजक तत्व और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों में उत्तराखंड पुलिस प्रशासन का डर और भय समाप्त होता हुआ साफ दिखाई पड़ रहा है तथा राज्य में जंगल राज कायम हो चुका है। उन्होंने कहा कि राजधानी देहरादून में लूट व महिलाओं के साथ घट रही अपराध की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड की जांच में सरकार एक भी कदम आगे नहीं बढ़ पाई है। उन्होंने कहा कि इस हत्याकाण्ड में सत्ताधारी दल के नेता की संलिप्ता के चलते सरकार सीबीआई से जांच कराने में कतरा रही है। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा राज्य में इन्वेस्टर सम्मिट का आयोजन किये जाने की बात पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि चाहे भाजपा की केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकारें वे केवल इन्वेस्टर सम्मिट के नाम पर जनता व बेरोजगार नौजवानों को गुमराह करने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार को पहले यह बताना चाहिए कि 2०18 की इन्वेस्टर सम्मिट में हुए एक लाख 25 हजार करोड़ रूपये के एमओयू में से कितनों पर धरातल में काम हुआ तथा कितने नये औद्योगिक संस्थान खुले तथा उनमें कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला और उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा सिडकुल के विकास की बात कही जा रही है परन्तु पहले राज्य सरकार को राज्य की जनता को यह बताना चाहिए राज्य के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी के प्रयासों से स्थापित सिडकुल से कितने उद्योग वापस चले गये। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि भाजपा सरकार में राज्य के विकास का पहिया पूरी तरह से जाम हो चुका है तथा राज्य में केवल भ्रष्टाचार, मंहगाई व अपराध का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार प्रदेश में डेंगू एक महामारी का रूप ले चुका है और सरकार ठोस पहल नहीं कर पा रही है और मौतों के आंकडे भी छिपाये जा रहे है और यह आरोप भी उन्होंने प्रदेश सरकार पर लगाये है। इस अवसर पर वार्ता में मथुरादत्त जोशी, पी के अग्रवाल, नवीन जोशी, दर्शनलाल, विकास नेगी, अमरजीत सिंह, शीशपाल सिंह बिष्ट, मोहन काला, आशीष नौटियाल आदि शामिल रहे।

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