माफियातंत्र का किला भेदेंगे अजय

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड की अस्थाई राजधानी में सीओ और एसपी सिटी की पारी खेल चुके नवनियुक्त पुलिस कप्तान के लिए अवैध खनन और भू-माफियाओं का किला जरूर भेदेंगे ऐसी उम्मीद राजधानीवासियों को उनसे दिखाई दे रही है। खनन-भू-माफियाओं के सिंडिकेट को कप्तान अजय कैसे रौंदेंगे यह देखना दिलचस्प होगा? शहर की यातायात व्यवस्था हमेशा से ही हर पुलिस कप्तान के लिए चुनौती रहा है और यह चुनौती सरकार के लिए भी हमेशा सिरदर्द रही है इसलिए शासन स्तर पर शहर की यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्लान तैयार हो रहा है। नये पुलिस कप्तान के लिए राजधानी का अपराध और माफियागिरी कोई नई बात नहीं होगी क्योंकि यहां वर्षों तक उन्होंने अपराधियों और माफियाओं का गठजोड देखा हुआ है? अब सबसे अह्म सवाल यह है कि सरकार के मुखिया बार-बार खनन और भू-माफियाओं पर नकेल लगाने का आदेश देते रहे लेकिन उसके बावजूद भी माफियातंत्र की नाक मंे नकेल डालने में राजधानी पुलिस सफल दिखाई नहीं दी और यदा-कदा खनन के छोटे-छोटे पयादों पर पुलिस ने कार्यवाही कर उनके वाहनों को सीज किया और कुछ भू-माफियाओं पर गैंगेस्टर एक्ट भी लगाया लेकिन उसके बावजूद भी माफियातंत्र बेलगाम नजर आता रहा जिससे आवाम के मन में यह सवाल उठते रहे कि पुष्कर राज में तो ऐसे माफियातंत्र को सिस्टम नेस्तनाबूत करने के लिए आगे आये लेकिन ऐसा नहीं हुआ? अब नये पुलिस कप्तान से उम्मीद जगी है कि वह खनन और भू-माफियाओं के सिंडिकेट पर वार कर उन्हें पुष्कर सरकार का इकबाल दिखाने की जरूर पहल करेंगे जिससे माफियाओं का सिंडिकेट यह समझ सके कि अब पुष्कर राज में उनका खेल खत्म हो गया है। अब सवाल खडे हो रहे हैं कि सरकार का खनन चुराने वाले खनन माफियाओं पर जब तक खनन चोरी के मामले दर्ज नहीं होंगे तब तक उन पर नकेल लगना असम्भव ही दिखाई देता है क्योंकि खनन चोरी के मामले में सिर्फ चालान का दंड खनन माफियाओं के सिंडिकेट के मन में डर पैदा नहीं करता?
राजधानी में नये पुलिस कप्तान अजय सिंह की तैनाती हुई है और उन्होंने सीओ से लेकर एसपी सिटी की तैनाती के दौरान शहर मंे होने वाले अपराध और माफियागिरी को काफी करीब से देखा है इसके साथ ही वह एसटीएफ के प्रभारी भी रहे हैं इसलिए दून का सारा मिजाज वह अच्छी तरह से पहचानते हैं और उन्हें इस बात का भी इल्म है कि राजधानी में किस तरह के अपराध घटित होते हैं और राजधानी की जनता पुलिस से क्या उम्मीद करती है। अपराधियों और माफियाओं पर नकेल लगाने मंे नये पुलिस कप्तान के सामने कोई चुनौती नहीं रहेगी क्योंकि वह राजधानी में होने वाले अपराधों के पैटर्न को अच्छी तरह से पहचानते हैं। यातायात समस्या एक निश्चित समस्या बनी हुई है और इसका हल शासन स्तर पर ही सम्भव नजर आता है क्योंकि यातायात का दबाव शहर के अन्दर इतना बडा हो चुका है कि उसे सीमित सडकों पर सुधारना पुलिस के लिए हमेशा एक बडी चुनौती ही देखने को मिलती रही है। पुलिस कप्तान को आवाम के मन से खाकी का वो भय भी निकालना होगा जिसके चलते वह थाने व चौकी में अपनी शिकायत लेकर जाने से भी डरते रहते हैं क्योंकि अकसर देखने को मिलता है कि जब भी कोई व्यक्ति कई थाना व चौकी क्षेत्र में अपनी शिकायत लेकर जाता है तो उसे यह कहकर वहां से टरका दिया जाता है कि थाना व चौकी प्रभारी के आने के बाद ही उसकी शिकायत पर कोई कार्यवाही होगी। राजधानी के अन्दर पुलिस कप्तान के लिए सबसे बडी चुनौती खनन व भू-माफियाओं के सिंडिकेट पर नकेल लगाने की होगी? राजधानी में इन दो तरह के सिंडिकेट हमेशा सिस्टम से अपने आपको बडा समझते रहे हैं और सरकार के मुखिया के बार-बार दिये गये अल्टीमेटम के बावजूद भी जिस तरह से खनन माफियाओं का सिंडिकेट आये दिन नदियों का सीना चीरने के मिशन में आगे बडा हुआ है वह उनकी हिटलरशाही का संकेत ही माना जा रहा है? राजधानी में भू-माफियाओं का भी एक बडा कॉकस है और इसे तोडना हमेशा सिस्टम के लिए एक बडी चुनौती रहा है। राजधानी के अन्दर सैकडों लोग ऐसे देखने को मिलते रहे हैं जिनकी खाली पडी जमीनों के भू-माफियाओं ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें लाखों में बेच डाला और उसके बाद जमीन मालिकों के सामने अपनी जमीनों पर काबिज होना एक बडी चुनौती बनता रहा है। जमीनों को कब्जाने वाले भू-माफियाओं पर बडा शिकंजा कसना और उन्हें यह आभास कराना कि पुष्कर राज में अब यह सम्भव नहीं है कि वह किसी की भी जमीन को अपना बताकर उसे बेचकर आजाद धूमते रहेंगे? आज पुलिस कप्तान ने राजधानी का कार्यभार संभाल लिया और अब वह उन बेखौफ माफिया सिंडिकेटों पर अजय सिंह की रडार जरूर उन पर धूमेगी और उनके सारे नेटवर्क को भेदकर उन्हें खाकी के इकबाल से वह जरूर रूबरू करायेंगे।

अजय बोलेः सीएम के नशामुक्त विजन पर होगा काम
राजधानी के नवनियुक्त पुलिस कप्तान जब अपने कार्यालय में कार्यभार संभालने के लिए आये तो माथे पर तिलक लगाये हुये थे और साफ नजर आ रहा था कि वह भगवान से आशीर्वाद लेकर अपनी नई पारी की शुरूआत करने के लिए आगे बढ़े हैं। कप्तान ने मीडिया के साथ रूबरू होते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2025 तक उत्तराखण्ड को नशामुक्त करने का जो संकल्प लिया है उस संकल्प को वह राजधानी में धरातल पर पूरा करेंगे और कहा कि स्ट्रीट अपराध पर पुलिस का तुरंत एक्शन होगा जिससे कि भविष्य मंे होने वाले ऐसे अपराधों पर पुलिस अपनी रणनीति के तहत आगे बढ़ सके। अजय सिंह ने कहा कि जनसहभागिता के लिए प्रत्येक शनिवार को शहर में चौपाल लगायी जायेगी जिसमें जनता की समस्याओं को सुन उसका निराकरण किया जायेगा।
कप्तान ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता शहर में होने वाले अतिक्रमण व यातायात रहेंगे जिसके लिए वह रूपरेखा तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को गम्भीरता से लेते हुए उसपर तत्काल कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि जनसहभागिता के लिए शहर में प्रत्येक शनिवार को चौपाल लगायी जायेगी जहां पर लोगों की समस्याएं सुनकर उनका तत्काल निस्तारण किये जाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शहर में नशा तस्करों पर शिकंजा कसा जायेगा तथा जो कोई भी पुलिस को इसके बारे में जानकारी देगा उसका नाम गुप्त रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी में जो लोग बार-बार पकडे जायेंगे उनकी सम्पत्ति कुर्क की जायेगी। जमीनी फर्जीवाडे के मामले में उन्होंने कहा कि सम्पत्ति के फर्जीवाडा करने वालों पर भी शिकंजा कसा जायेगा। थाने चौकिंयों में लोगों की सुनवायी नहीं होती ऐसे सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनके कार्यालय में एक रजिस्टर तैयार किया जायेगा जिसमें जो भी पीडित यहां पर आयेगा तो उससे उसका थाना पूछा जायेगा और वह थाने पर गया था तो उसके साथ क्या व्यवहार किया गया इसके बारे में पूछकर रजिस्टर में लिखा जायेगा और प्रत्येक माह उस रजिस्टर की समीक्षा की जायेगी और जिस थाना चौकी की अधिक शिकायत होगी उसपर कार्यवाही की जायेगी। यातायात पर उन्होंने कहा कि यह जनता से जुडी समस्या है इसपर भी कार्ययोजना बनायी जायेगी। क्योंकि यातायात में सबसे ज्यादा छात्र व अभिभावकों को दो चार होना पडता है। इसपर भी ध्यान दिया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जहां पर विकास होता है वहां समस्याएं तो आती ही हैं।

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