संक्षिप्त रूप से मनाया व्यास पूजा और गुरुपूर्णिमा उत्सव

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मसूरी (संवाददाता)। आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन भारत के तत्वावधान में मसूरी स्थित भगवान शंकर आश्रम में आज व्यास पूजा और गुरुपूर्णिमा उत्सव बेहद साधारण और संक्षिप्त रूप से मनाया गया। कोविड प्रावधानों के दृष्टिगत सीमित संख्या में पूरे नियमों के अनुपालन के साथ यह पर्व सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर 6 नए संयोगियों को गुरु दीक्षा और 11 पूर्व दीक्षित संयोगियों को गुरूमंत्र दीक्षा से निष्णात किया गया।
प्रख्यात आध्यात्मिक गुरू और प्रतिष्ठान के प्रमुख आचार्य प्रोफेसर पुष्पेंद्र कुमार आर्यम के सानिध्य और अनुकम्पा के मध्य सभी शिष्यों ने आनंद उत्सव में डुबकियाँ लगाई। इस अवसर पर शक्तिपात और पुनर्जागरण विधि में सभी शिष्यों ने स्वयं को अनुगृहीत अनुभव किया। इस अवसर पर कुलप्रमुख आर्यम महाराज ने अपने सभी उपस्थित और अनुपस्थित शिष्यों को आशीर्वाद प्रदान किए। ज्ञातव्य हो कि गुरुश्रेष्ठ के मार्गदर्शन में आश्रम द्वारा हिंदुत्व के उत्थान , प्रतिष्ठा और विस्तार के लिए अनेकानेक महत्त्वपूर्ण कार्य सम्पादित किए जा रहे है। गुरूश्रेष्ठ आश्रम स्थित शक्ति संधान केंद्र के मुख्य अधिष्ठाता और तथास्तु कीलन के सर्वोच्च प्रभारी है। उनके सानिध्य और देखरेख में देश विदेश के हजारों लोगों का सत्य सनातन वैदिक धर्म में अनुराग और समर्पण उदित हो रहा है।लोग बहुत तेजी से रूपांतरित होकर अपने जीवन को सन्मार्ग पर सक्रिय कर रहे हैं।
गुरु श्रेष्ठ आर्यम महाराज ने बताया कि हमने इस वर्ष कोविड के दृष्टिगत बहुत कम और आसपास के लोगों को ही इस पर्व में शामिल होने की अनुमति दी है।हजारों की संख्या में दीक्षा और सैंकड़ों की संख्या में गुरूमंत्र दीक्षा हेतु निवेदन प्राप्त हुए थे , जिनमें से बहुत कम लोगों को इस बार चुना गया, शेष को क्रमश: आगामी उत्सवों में शामिल किया जाएगा। आज उपस्थित सभी आर्यम संयोगियों ने अपने जीवन को धर्म और संस्कार से युक्त पथ पर चलाने का प्रण लिया।उन्होंने सभी प्रकार के दुर्गुणों और व्यसनों से बचे रहने का संकल्प भी लिया। आर्यम ने बताया कि गुरु गोरखनाथ और गुरू गोविंद सिंह के उपरांत सिर्फ उन्होंने ही मोरपंखी नीले रंग को दीक्षा हेतु अग्रसारित किया है। उन्होंने बताया कि यह रंग प्रचंड शक्ति और ऊर्जा का स्रोत है, यही सहत्ररार चक्र का रंग होने से आध्यात्मिक जगत में उछाल के लिए अत्यंत सहयोगी भी है। गुरुश्रेष्ठ के देश विदेश में हजारों अनुयायी हैं जो उनकी प्रेरणा और शिक्षा पर चलकर अपना जीवन सार्थक और सुखी बना रहे है। आज के उत्सव में सामवेद और ऋग्वेद के विशेष मंत्रों के अनुपालन में आत्म प्रतिष्ठा की गयी। आज आर्यम संयोगी के रूप में 6 नए आत्मन दीक्षित हुए जिनमें वंशिका जज (दिल्ली), प्रणपाल मौर्य , (बरेली),मीना,पुराण,प्राची,प्रियांशु(देहरादून), हैं।जबकि मंत्र दीक्षा में 11 संयोगी निष्णात किए गए जिनमें दीपाली, वरुण देव, अनिता, अलिंद्र देव, प्रविंद्र देव, प्रीतेश देव, सुनील देव, मीना, सैम देव, दीप्ति, रामदेव प्रमुख हैं।
समारोह के आयोजन में राहुल गुप्ता , कमल शर्मा, मोहित, रश्मि आर्य, शिवम् आर्य, कुसुम मौर्य , हेमलता जज, रुचि आदि का विशेष योगदान रहा। आगामी दीक्षा समारोह कार्तिक पूर्णिमा 19 नवम्बर 2०21 को आयोजित किया जाएगा।

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