देहरादून(संवाददाता)। कोरोना को दूसरी लहर में सबसे ज्यादा संक्रमण इस बार गांव में देखा गया है। खासकर पर्वतीय जिलों के गांव में, जहाँ के हालात ज्यादा खराब है। इन सबके लिए लोग सरकार की लचर व्यवस्था को जिम्मेदार मान रहे है। हालात ऐसे है कि स्वास्थ्य विभाग इन गाँव मे बुखार की सामान्य सी दवा पैरासिटामोल तक नही दे पा रहा है। बॉलीवुड स्टार राघव व पत्रकार उमेश कुमार पहाडी जिलों के दुरूस्थ गांव में दवाईयां व ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनिंग के उपकरण बांटकर गांव वालों को एक राहत देने के मिशन में जुटे हुये हैं उनका यह मिशन सरकार को आईना दिखा रहा है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत लगातार कोविड की समीक्षा कर रहे है। अधिकारियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे है कि गांव तक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जाय। लेकिन सोचने की बात है कि स्वास्थ्य महकमा गांव में इतनी छोटी सी दवा भी उपलब्ध नही करा पा रहे है। ऐसा नही है कि सरकार के पास संसाधनों की कमी हो, कमी है इच्छा शक्ति की। बॉलीवुड में अपनी अलग जगह बना चुके उत्तराखंड के उभरते हुए युवा कलाकार राघव जुयाल ने सरकार को जरूर आईना दिखाया है। राघव जुयाल इन दिनों उत्तराखंड के सुदूरवर्ती गाँव मे जाकर जरूरी दवा व ऑक्सीजन पहुंचा रहे है। जो काम सरकार को करना चाहिये था, वो काम इस युवा कलाकार राघव जुयाल ने कर दिखाया है। राघव जुयाल ने विगत दिन हेलिकॉप्टर से हालातों का जायजा लिया और जल्द से जल्द राहत सामग्री, दवाईयां, मैडिकल उपकरणों का वितरण करने के लिए बागेश्वर सहित 4 जिल्लों में पहुँचे। राघव जुयाल ने बताया कि इसके बाद बाकी बचे गढ़वाल क्षेत्र के जिलों का भी हेलिकॉप्टर से दौरा करूँगा, ताकी लोगों तक जल्द से जल्द राहत सामग्री व मैडिकल उपकरण पहुँच सके । ये सब काम सरकार भी कर सकती थी, जिसके पास संसाधनों की कमी नही है, लेकिन कमी है तो बस इच्छा शक्ति और सोच की। मुख्यमंत्री को ऐसे अधिकारियों को सख्त चेतावनी देनी होगी, ताकि गांव तक मदद पहुँच सके। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अपनी किचन कैबिनेट को भी मजबूत करना होगा। सलाहकार और दरबारियों के पेंच कसने होंगे, ताकि वो मुख्यमंत्री तक जमीनी हालात की सही जानकारी पहुंचा सके। जब तक मुख्यमंत्री तक सुदूर पर्वतीय गांव के सही हालात की जानकारी प्रदेश के मुखिया तक नही पहुंचेंगे तब तक सही मायने में आम आदमी को राहत सरकार से राहत नही मिलेगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि राघव जुयाल के प्रयासों की सरकार द्वारा सराहना की जाएगी, साथ ही राघव की पहल से सरकार भी जागेगी और कुछ ऐसे ही प्रयास अब सरकारी सिस्टम द्वारा की जायेगी।