जनता उठा रही मांग उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचारमुक्त बनाये मोदी

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2017 के विधानसभा चुनाव में राज्यवासियों से उत्तराखण्ड की देखरेख का किया था वायदा
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड में 2017 में हुये विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यवासियों से वायदा किया था कि प्रदेश को डबल इंजन की सरकार दो तो वह राज्य को भ्रष्टाचारमुक्त बना देंगे और राज्य की देखरेख भी वह खुद करेंगे। प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचारमुक्त देश के विजन को देखते हुए राज्यवासियों ने उत्तराखण्ड में भाजपा को प्रचंड बहुमत की सरकार दी थी लेकिन प्रचंड बहुमत सरकार के चार साल बीत जाने के बाद भी उत्तराखण्डवासी आज भी भ्रष्टाचार व घोटाले का दंश झेल रहे हैं और राज्य के दर्जनों अधिकारी व कुछ राजनेता जिस तरह से रात-दिन अपना खजाना भरने के मिशन पर आगे बढे हुये हैं उससे अब जनता देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आस लगाये बैठी है कि वह अपने वायदे के अनुसार उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के लिए कंगाल से करोडपति बन चुके सफेदपोशों व उत्तराखण्ड के अन्दर तैनात दर्जनों अधिकारियों जिनके पास भ्रष्टाचार से कमाई गई दौलत के खजाने भरे पडे हैं उन पर प्रहार करें। अब देखने वाली बात होगी कि क्या देश के प्रधानमंत्री राज्य में भ्रष्टाचार के दलदल में धस चुके सफेदपोशों व दर्जनों अफसरों के भ्रष्टाचार से कमाई गई दौलत की कुंडली को खंगालकर उन पर ऐतिहासिक चाबुक चलायेंगे?
उत्तराखण्ड में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अगर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रचार करने के लिए नहीं आते तो भाजपा के सामने सरकार बनाने का एक बडा संकट खडा होता क्योंकि जिस तरह से भाजपा नेताओं की कार्यशैली को लेकर राज्य की जनता में अकसर नाराजगी देखने को मिलती थी वह नाराजगी नरेन्द्र मोदी के किये गये वायदे से खत्म हो गई थी। उत्तराखण्डवासियों ने सिर्फ मोदी का चेहरा और उनके वायदे को देखकर राज्य में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनाई थी। सरकार के पूर्व मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दम भरा था कि राज्य में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के तहत काम किया जायेगा लेकिन उनका यह दावा राज्य के अन्दर चार साल तक एक जुमला ही बना रहा। अब 2022 में उत्तराखण्ड के अन्दर विधानसभा चुनाव होने हैं उसको देखते हुए उत्तराखण्डवासियों की मोदी से आस है कि वह राज्य में भ्रष्ट हो चुके सफेदपोशों व भ्रष्टाचार के दलदल में धसते जा रहे अफसरों को बेनकाब करने के लिए उनकी अकूत सम्पत्तियांे की कुंडली तैयार करवाकर उनके खिलाफ एक बडा एक्शन किया जाये जिससे राज्य को भ्रष्टाचारमुक्त का तमका मिल सके।

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