हर जनपद में बनाया जाये कंट्रोल रूम
देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड में कोरोना से मच रही हाहाकार के चलते राज्य के विपक्षी दलों व जनसंगठनो का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के मुख्यमंत्री से मिला और उन्हें एक पत्र सौंपते हुए मांग की कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस वायरस की रेसिंग और ट्रैकिंग के लिए विशेष अभियान चलाया जाये तथा सामान्य बुखार, खांसी के लिए तत्काल दवाई का वितरण सुनिश्चित किया जाये इसके लिए मोबाइल टेस्टिंग व्यवस्था की जाये इसके साथ ही हर जनपद में एक कंट्रोल रूम बनाया जाये जिसमें सारी जानकारियां कोरोना मरीज को मिल सकें।
आज राज्य के विपक्षी दलों एवं जन संगठनों की और से एक प्रतिनिधि मण्डल आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मिला। मुख्यमंत्री को पत्र सौंपते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण होने वाले बीमारी- मौतों के बारे में आपके पास सारी सूचनायें हैं। इस बीमारी ने हमारी स्वास्थय व्यवस्था की कमियों को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। उत्तराखंड में यदि ऑक्सीजन और दवा न मिल पाने से यदि मृत्यु होती है तो हम सब के लिए कलंक है। इसलिए पिछले कुछ सप्ताहों से हम लोग और राज्य की जनता कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री से मांग की गई कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस वायरस की ‘ट्रेसिंग और ट्रैकिंग’ के लिए विशेष अभियान चलाया जायेय तथा सामान्य बुखार -खांसी के लिए तत्काल गांवों में ही दवाई का वितरण सुनिश्चित किया जाये। इसके लिए मोबाइल टेस्टिंग की व्यवस्था की जाये। मुख्यमंत्री से मांग की कि हर जनपद में एक कण्ट्रोल रूम बनाया जाये, जिसके पास अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, टेस्ट और एम्बुलेंस की सही जानकारी हो, ताकि इन सुविधाओं का उचित इस्तेमाल किया जा सके। यह व्यवस्था देश के अनेक हिस्सों में की गयी है। उत्तराखंड में भी कुछ हद तक व्यवस्था करने की कोशिश की गई है लेकिन वह ठीक से काम नहीं कर पा रही है। इसके साथ साथ सरकार एक ही फोन नंबर चलाये, जिससे वहां अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, टेस्ट और एम्बुलेंस की रियल टाइम में सही एवं सटीक जानकारी मिले। पत्र में कहा गया कि प्राथमिक स्वास्थय केंद्रों को तत्काल ठीक करने की जरूरत है जिनमें ऑक्सीजन बेड, प्ब्न् बेड और वेंटीलेटर के साथ पूरा स्टाफ भी हो। राज्य में स्वास्थय कर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर अपनी जान जोखिम में डाल कर, अपनी जिमेदारी का निर्वाह कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में आपसे निवेदन है कि उन्हें च्च्म् किट के साथ अतिरिक्त वेतन-भत्ता उपलब्ध करवाया जाये। राज्य के स्वास्थ कर्मियों के लिए स्वास्थ और जीवन बिमा योजनाओं को सरकार तुरंत बना दे।
पत्र में कहा गया कि अक्सर लोगों की शिकायत है कि उन्हें पता ही नहीं चल रहा है कि आईसीयू वार्ड में उनके मरीज की क्या स्थिति है, तथा कई बार शिकायत यह भी आ रही है कि कुछ स्वास्थय कर्मी मरीज के साथ भेदभाव कर रहे हैं, मरीज को पानी तक नहीं दिया जा रहा है। इसलिए प्रत्येक आईसीयू वार्ड में सीसीटीवी लगाया जाये, जिससे लोग कम से कम अपने मरीज को देख तो सकें। अगर किसी भी मरीज को कोरोना जैसे लक्षण आ रहा है ,उनका इलाज निशुल्क होना चाहिए। राज्य में टीकाकारण के लिए युद्ध स्तर पर व्यवस्था की जाये, गांव – मौहल्ला और वार्ड स्तर पर टीकाकरण किया जाये। छोटे कस्बों और बाजारों में विशेष टीकाकरण कैंप लगाए जाएँ। प्रतिनिधि मंडल में किशोर उपाध्याय, पूर्व राज्य अध्यक्ष, कांग्रेस पार्टीय समर भंडारी, राज्य सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टीय डॉ सचान, राज्य अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी, निर्मला बिष्ट, उत्तराखंड महिला मंचय और राकेश पंत, राज्य संयोजक, तृणमूल कांग्रेस शामिल रहे।