मसूरी के रेस्तरा नहीं मानते शासन का आदेश!

0
105

रेस्तरा पर ही खाना परोसने का पढा रहे पाठ
देहरादून(प्रमुख संवाददाता)। पहाडों की रानी मसूरी भी कोरोना कफ्र्यू में सुनसान पडी हुई है ऐसे में वहां रह रहे सैकडों लोगों के सामने खाने का एक बडा संकट खडा हो गया है। भले ही शासन ने रेस्तराओं में होम डिलीवरी के लिए दो कम्पनियों को अधिकृत किया हुआ है कि होम डिलीवरी इन्हीं के द्वारा की जायेगी लेकिन मसूरी के दो तीन रेस्तरा शासन का आदेश मानने को तैयार नहीं है और जब भी कोई व्यक्ति इनसे खाना भेजने की मांग करता है तो वह सीधे यह जुमला छेड देते हैं कि अगर उन्हें खाना चाहिए तो उन्हें रेस्तरा में आकर लेना पडेगा। हैरानी वाली बात है कि एक ओर तो शासन ने कोरोना कफ्र्यू में किसी भी व्यक्ति को सडक पर निकलने के लिए पाबंद कर रखा है वहीं मसूरी के दो-तीन रेस्तरा मालिक अपनी हिटलरशाही के चलते जिस तरह से शासन द्वारा निर्धारित की गई दो कम्पनियों के कर्मचारियों से होम डिलीवरी कराने से साफ इंकार कर रहे हैं वह यह बताने के लिए काफी है कि मसूरी में किस तरह से चंद रेस्तरा मालिक लोगों का शोषण कर रहे हैं अगर यह रेस्तरा मालिक होम डिलीवरी देने से इंकार कर रहे हैं तो फिर इलाके की पुलिस ऐसे रेस्तराओं को सीज करने के लिए क्यों आगे नहीं आ रही है यह हैरान करने वाली बात है?
उल्लेखनीय है कि पिछले काफी समय से राजधानी में कोरोना कफ्र्यू लगा हुआ है और सभी व्यापार बंद पडे हैं लेकिन खाने की होम डिलीवरी के लिए रेस्तरा मालिकों को छूट मिली हुई है लेकिन यह होम डिलीवरी शासन द्वारा निर्धारित दो कम्पनी के कर्मचारियों से ही कराई जा सकती है लेकिन मसूरी के चंद रेस्तरोंओं में शासन के आदेशों की आये दिन धज्जियां उडाई जा रही हैं। मसूरी में रहने वाले चंद लोगों का कहना है कि जब वह दो-तीन रेस्तराओं में होम डिलीवरी के लिए कॉल करते हैं तो उन्हें रेस्तरा मालिक द्वारा जवाब मिलता है कि जिसे भी खाना चाहिए वह रेस्तरा में आकर ले वह होम डिलीवरी नहीं करेंगे। ऐसे में इन हिटलर बने रेस्तराओं को आखिर क्यों सील करने के लिए आगे नहीं आ रही है यह समझ से परे है।

LEAVE A REPLY