देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड में 2022 में होने वाले चुनाव में अब भ्रष्टाचार-घोटाले पर राजनीतिक पार्टियां अपनी चुप्पी साधकर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का घोषणा पत्र में आवाम को लॉलीपॉप देने के लिए जरूर आगे आयेंगी? 20 साल के इतिहास में सभी राजनीतिक पार्टियां भ्रष्टाचार व घोटालों को आवाम के बीच लाकर उन्हें इमोश्नल बनाकर उनके साथ छल करती आ रही हैं जिसको लेकर हमेशा मौजूदा सरकार आवाम के निशाने पर रहती है लेकिन अब ऐसी सम्भावना दिखाई दे रही है जिस तरह से कोरोना काल में प्रचंड बहुमत की सरकार आये दिन हो रही सैकडों मौतों को रोक पाने में जिस तरह से फिस्ड्डी साबित हो रही है उससे राज्य की जनता में सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक नया संग्राम शुरू हो गया है और यह तय माना जा रहा है कि 2022 के चुनाव में कुछ राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र में सबसे बडा मुद्दा स्वास्थ्य महकमें को मजबूत बनाने का होगा। उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड के पहाडों में रहने वाले लाखों गांववासियों को मैदानी जिलों के सरकारी व प्राईवेट अस्पतालों पर ही निर्भर रहना पडता है और उनका कोई मरीज अगर गम्भीर बीमारी की जकड में आता है तो पहाड में उसका इलाज नमुमकीन हो जाता है जिसको लेकर पहाडवासियों के मन में इस बात को लेकर बडी पीडा है कि आखिर जिस उद्देश्य से राज्य का गठन किया गया था वह उद्देश्य तो पहाडवासियों के लिए आज भी एक सपना बना हुआ है और पहाड के लोग आज भी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत होने की चाहत का सपना देखने में लगे हुये हैं।
Home Uncategorized विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार- घोटाले नहीं स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मचेगा संग्राम!