राज्य के विपक्षी दलों-जन संगठनों का सीएम को पत्र

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अब तो जाग जाओ सरकार
देहरादून(संवाददाता)। कोरोना काल में जिस तरह से सरकार को सोशल मीडिया पर आवाम कटघरे में खडा कर रहा है वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, राजनैतिक संगठनों व जन संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि अगर अभी भी सरकार न जागी तो लोग उसे जगाने के लिए अपनी आवाज उठायेंगे।
राज्य के विभिन्न जन संगठनों और छह विपक्षी दलों की और से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ईमेल द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था।  ज्ञापन द्वारा उन्हें बताया गया कि हजारों लोगों ने 3 मई, 8 मई और 11 मई को अपने घरों के अंदर ही धरना दे कर आवाज उठायी है। इस बीच मुख्यमंत्री से मिलने के लिए भी कोशिश  कि जा रही है।  फिर भी बुनियादी मुद्दों पर कोई कार्यवाही नहीं दिख रही है।  इसलिए इस ज्ञापन द्वारा सरकार के सामने कुछ ऐसे अति आवश्यक बिन्दुओं को रख रहे हैं, जिन्हें अगले दो दिन के अंदर अमल में लाया जा सकता है। जैसे हर जनपद में एक ही नंबर चलाया जाए, जिससे अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, टेस्ट और एम्बुलेंस की सही जानकारी मिल सकेय रात को भी मरीजों को ऑक्सिजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएय जितने भी राज्य में स्वास्थ्य कर्मी हैं, उन सब का वेतन बढ़ाकर उनको काम दिया जाना चाहिएय मुफ्त राशन का बंटवारा सब जगहों में बिना शर्त तुरंत शुरू किया जाए य पानी और बिजली के बिल्लों को पूरी तरह से माफ किया जाना चाहिएय निजी स्कूलों को तुरंत आदेश दिया जाए कि वे अपने फीस में कम से काम 20 प्रतिशत छूट देय एसएलबीसी की बैठक बुला कर उसके द्वारा केंद्र को प्रस्ताव भेजे कि ऋणों की वसूली पर रोक लगाए, अभी की अवधि मोरटोरियम के अंतर्गत लाए, और ब्याज को माफ किया जाए।
ज्ञापन के हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि अगर इन बुनियादी जरूरतों पर सरकार अभी भी खामोश रहेगी, राज्य के लोग फिर उनको जगाने के लिए आवाज उठाएंगे। मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वालों में राजनैतिक दलों की और से किशोर उपाध्याय(पूर्व राज्य अध्यक्ष), समर भंडारी राज्य सचिव(कांग्रेस पार्टी), डॉ एसएन सचान, राज्य अध्यक्ष (समाजवादी पार्टी) पी सी तिवारी, अध्यक्ष, (उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी) इंद्रेश मैखुरी, गढ़वाल सचिव, (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(मा- ले) राकेश पंत, राज्य संयोजक (तृणमूल कांग्रेस) सतीश काला (उत्तराखंड क्रांति दल) जन संगठनों की और से (उत्तराखंड लोक वाहिनी) उत्तराखंड महिला मंच चेतना आंदोलन, जन संवाद समिति, वन अधिकार आंदोलन,उत्तराखंड विमर्श, परिवर्तनकामी छात्र संगठन,हिमालय बचाओ आंदोलन, गंगा बचाओ आंदोलन,उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति, जिला चाय बागान मजदूर सभा,नौजवान भारत सभा, युगवाणी देहरादून।

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