चिरंजीव सेमवाल
उत्तरकाशी। विश्व प्रसिद्ध त्रिमूर्ति धाम के कपाट आज 12त्न15 पर बिना श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। मां यमुना की डोली शुक्रवार प्रात: शीतकालीन प्रवास खरसाली अपने भाई शनिवार महाराज के साथ यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। मां यमुना की डोली यमुनोत्री पहुंचने के बाद तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां यमुना की पूजा अर्चना करने के बाद यमुना जी की भोग मूर्ति 12त्न15 पर अभिजीत मुहूर्त के अनुसार यमुनोत्री मन्दिर के गर्व गृह में स्थापित कर दिया है। जहां अगले 6 महीने तक मां यमुना की पूजा अर्चना विधिवत चलती रहेगी ,लेकिन इस वर्ष भी वैश्विक कोरोना महामारी के चलते श्रद्धालु मां यमुना के तीर्थ उद्घाटन के मौके पर श्रद्धालु उपस्थित नहीं हो सके मात्र प्रशासन द्वारा 25 लोगों को ही परमिशन दी है।
इस दौरान तीर्थ पुरोहित सहित उप जिलाधिकारी बड़कोट चतर सिंह चौहान उपस्थित रहे है। इधर मां गंगा की डाली भी अपने शीतकालीन प्रवास मुखवा से गंगोत्री के लिए रवानगी हो गई है । माँ गंगा की भोग मूर्ति आज रात्रि भैरवघाटी स्थित भैरव मंदिर में प्रवास करेगी तथा दी जाएगी कोविड के फैलते संक्रमण को देखते हुए दोनों धामों में 25-25 तीर्थ पुरोहित ही जलसे में शामिल हुये तथा दर्शनार्थियों को भी कोविड के कारण दर्शन नही कर सके।
इधर गंगोत्री में इधर गाना गंगा गंगा की डोली के साथ मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, राजेश सेमवाल ,रविंद्र सेमवाल सहित अन्य तीर्थ पुरोहित एवं प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे है।