कामगार मजदूरों की जिम्मेदारी लो सरकार: किशोर

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देहरादून(संवाददाता)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उत्तराखंड भर में राहत को ले कर लोगों ने आवाज उठायी – कामगारों मजदूरों की जिम्मेदारी लो सरकार! को समर्थन देते हुये कहा कि समाज के अन्तिम कोने पर बैठे वर्ग की सरकार मारने पर उतारू है। अक्टूबर में वैज्ञानिकों ने इस स्टर्न के बारे में चेता दिया था, लेकिन सरकार सोयी रही।गावों की बहुत ही बुरी दशा है और सरकारों ने लोगों को भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है।
आज सुबह 11 बजे से 12 बजे तक उत्तराखंड में हजार से ज्यादा कामगारों के साथ सात विपक्षी दल, राज्य के विभिन्न जन संगठन, और राज्य के बुद्दिजीवियों तक अपने घरों के अंदर ही धरना दिए, इस नारा के साथ – ठप्प मजदूरी, बंद रोजगार, कामगारों मजदूरों की जिम्मेदारी लो सरकार!।  राज्य के हर जिला से लोग जुड़ गए थे। और लोगों ने अपना पर्सनल फेसबुक पेजके द्वारा भी शेयर किये हैं। पहले राज्य भर लोगों ने स्वास्थ्य को ले कर आवाज उठाई। लेकिन राज्य में बेरोजगारी और सरकार की नाकामी से भी गंभीर स्थिति बन रही है।  काम बंद होने के कारण लाखों दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार है और दूसरी तरफ एक लाख से ज्यादा उत्तराखंडी युवाओं को राज्य में मजबूरी में  वापस लौटना पड़ा है। कोई भी आज कमा नहीं पा रहे हैं। लेकिन लोगों को राहत देने के बजाय सरकार अपना राजस्व बचाने में लगी है।  बिजली और पेट्रोल के दाम, दोनों को बढ़ा दिए हैं। अतिरिक्त राशन  छोड़ कर कहीं राहत का कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि पानी और बिजली बिलों को पूरी तरह से माफ करे!, प्रवासी मजदूरों के लिए निशुल्क राशन की व्यवस्था की जाये!, मनरेगा के अंतर्गत काम के दिनों को 2०० दिन तक बढ़ाया जाये!, शहरों और पहाड़ों में दिहाड़ी मजदूर और लौटे हुए उत्तराखंडियों के लिए तुरंत रोजगार योजना बनाया जाये! , राज्य में हर मजदूर या गरीब परिवार को न्यूनतम 6००० रुपये प्रतिमाह सहायता दी जाये। इस आवाज का साथ जनहस्ताक्षेप राजनीतिक दलों की ओर से और जनसंगठनों की ओर किया गया।

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