लालकुआ।विभिन्न जनसंगठनों और विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के आह्वान पर आज पूरे उत्तराखंड राज्य में एक साथ हजारों लोग आवाज उठा रहे हैं। आज अपने घर पर धरना देते हुए नारा बुलंद किया गया और कहा कि हर मरीज सरकार की जिम्मेदारी है वह बीमारों का इलाज करे या गद्दी छोड़े। उत्तराखण्ड के अधिकांश जिलों में इस प्रदर्शन की गंूज ने उत्तराखण्ड सरकार की नींद उडाकर रख दी है।
भाकपा (माले) जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, उत्तराखंड सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए कुछ नहीं किया है और लोग अपने व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों से ही कुछ राहत पा रहे हैं। यह सरकार इस महामारी से जनता को बचाने में पूरी तरह फेल साबित हुई है। जनसंगठनों ने अपने आह्वान में आरोप लगाया कि सरकार ने अब तक जनता को मजबूत बनाने के बजाय मजबूर बनाने का ही काम किया है जिसकी बानगी है। कॉल सेंटर चला कर हर जनपद में मरीजों को एक ही नंबर द्वारा बेड, ऑक्सीजन, टेस्ट की जानकारी देने के बजाय मरीजों को दस, बीस, चालीस नंबर को फोन करने की मजबूर करना, बेड्स की जानकारी के नाम पर वेबसाइट बना कर उसको ठीक से अपडेट न करना, ऑक्सीजन प्लांट हर जिला में बना कर उनको बंद छोडऩा, टीका घोषित कर उपलब्ध कराने में अनिश्चित विलम्ब कराना चाहिए। उत्तराखण्ड के अन्दर जिस तरह से इस मिशन को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद हुई है उससे कहीं न कहीं सरकार के माथे पर बल पड गये हैं?