– कोरोना पोजिटिव को नहीं मिल रही है दवा
– विभागों में नही है तालमेल
देहरादून(संवाददाता)। जहाँ राज्य में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है वही स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना से पीडितो के साथ घिनौना मजाक कर रहा है। ताजा मामला अगस्त्यमुनि विकास खंड के न्याय पंचायत सारी का है जहाँ पर कोरोना से संक्रमित रोगी को विभाग समय पर दवा नहीं दे पा रहा है। जबकि शासन प्रशासन बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे कर रहा हैं,जो हवा हवाई सिद्द हो रही है। हैरानी वाली बात है कि कुछ जिलों के अफसर आये दिन दुकानों के समय में परिवर्तन करने के लिए एसओपी जारी कर रहे हैं। दुकानों का समय कम किये जाने से वहां अपार भीड़ होने के कारण कोरोना का खतरा तेजी से बढने लगा है ऐसे में सरकार को मंथन करना चाहिए कि उत्तराखण्ड के अन्दर जिस तरह से उनका सिस्टम हवा में चल रहा है वह सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं है?
मरीज 27 अप्रैल को जिला चिकित्सालय जाँच हेतु आया तथा तीन दिन बाद रिपोर्ट आने के बाद ही कोरोना की सही जानकारी होगी,लेकिन एक सप्ताह बाद जाँच रिपोर्ट पोजिटिव आयी जिसमें मरीज को बताया गया कि दवाये आशा कार्यकत्री लेकर आयेगी,लेकिन दो दिन गुजरने के बाद भी मरीज को दवा नहीं मिल सकी जिससे मरीज अपने को ठगा महसूस कर रहा है। मरीज ने बताया कि यदि विभाग ने दवा नहीं भेजनी थी तो हम बाजार से खरीद कर अपनी जान बचाते आखिर कौन मरना चाहता है।
पूर्व में भी मरीज ने 104 कर्मी का धन्यवाद किया था, कहा कि मैं मानती हूँ कि इस समय काम बहुत है चौबीसों घंटे सब जनता की सेवा में लगे है,लेकिन जिला प्रशासन को ग्राम प्रधानो,आशा व आगंनबाडी कार्यकत्रियो के साथ तालमेल बनाना चाहे जिससे कोविड दवा वितरकों पर बोझ कम हो सके तथा उन्हें निकट के सरकारी अस्पतालों में किट उपलब्ध करानी चाहिए जिससे समय पर दवा मिल सके।