विधायक बोले बनाएंगे हॉस्पिटल जनता बोली अब तक कहा थे—

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हरिद्वार। हरिद्वार से भाजपा के विधायक बोल रहे हैं अब बनाएंगे हॉस्पिटल, हरिद्वार के आधा दर्जन भाजपा विधायकों के इस बयान से बखेड़ा खड़ा हो गया है। जनता कोरोना के वर्तमान हालातों से गुस्से में हैं हरिद्वार नगर के विधायक व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन कौशिक तो दो-दो बार सरकार मंत्री रहे है चार बार के विधायक है अभी तक क्या लोगो के मरने का इंतजार कर रहे थे। मदन कौशिक के नेतृत्व में दो-कुम्भ सम्पन्न हुए है लेकिन हरिद्वार को कोई स्थाई सभी सुविधाओं से युक्त हॉस्पिटल नही मिला है। जिला अस्पताल में हमेशा चिकित्सकों का टोटा तो नारायणदत्त तिवारी की देन 1०० बिस्तरिय मेला अस्पताल अपनी हालात पर रो रहा है। हालात बद से बदत्तर है। कभी उनकी सूध नही ली गयी है।
ये ही हाल अन्य विधायकों का है जिनका दूसरा कार्यकाल है लेकिन एक ने भी कोई प्रयास नही किया। कुम्भ से पहले नगर निगम हरिद्वार की जमीन पर 5०० बेड का हॉस्पिटल एक माह में तैयार करने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में हुई थी लेकिन अब वो योजना ठंडे बस्ते में है। अब हरिद्वार ग्रामीण से दो बार के विधायक यतीश्वरानंद सरकार में राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार है लेकिन उनका कोई लाभ क्षेत्र की जनता को तो नही मिला लेकिन महाराज का आलीशन बंगला गंगा किनारे खड़ा हो गया है। महाराज यतीश्वरानंद अपनी सरकार रही हो या कोंग्रेस की हल्ले मचाने के चौंपियन है।
ऐसे ही हालत रानीपुर विधायक आदेश चौहान का है जो जनता से मिलने से ही डरते है। जिनको जनता कोई काम बताये तो उस पर विधायक जी के सवालों की बौछार या सीधे असमर्थता जता दी जाती है। इन विधायक जी की भी शानदार कोठी खड़ी हो गयी लेकिन हॉस्पिटल की सोची भी नही, नाही क्षेत्र के पूर्व से बने हॉस्पिटलस व सामुदायिक केंद्रों का हाल सुधार सकें। इनके क्षेत्र में लघु भारत बसता है। सिडकुल व भेल जैसे बड़े संस्थान है लेकिन आज तक विधायक जी ने कोई लाभ क्षेत्र की जनता को नही दिलाया। सामुदायिक केंद्रों में चलने वाले चिकित्सा केंद्रों में कभी विधायक ने झांका भी नही ऐसा आरोप स्थानीय जनता का है।
इसके अलावा रुड़की के विधायक प्रदीप बत्रा तो शिक्षा नगरी से विधायक है तो अपने स्कूल,दुकान व प्रोपर्टी डीलिंग से बाहर आने की ही फुर्सत नही है। रुड़की में सेना के हॉस्पिटल के साथ साथ निजी अस्पतालों के अंबार है इसलिए उनको थोड़ी राहत मिल जाती है।बात करें झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल की तो ये बड़े वाले बयान वीर है उनको क्षेत्र की जनता से ज्यादा अपने जाती प्रमाण देने की रहती है। जो लंबे लम्बे वादे करते है लेकिन अपने पूरे परिवार के कोरोना संक्रमित हो जाने पर अस्पताल को तरसते रहे उसके बाद भी क्षेत्र की जनता को कुछ राहत देंने की कोई योजना तक भी नही बनाते दिखे। बात करें खानपुर के विधायक व क्षेत्र के राजा साहब कुँवर प्रणब चौंपियन का भी ये ही हाल है ष्मस्तराम मस्ती में – आग लगे बस्ती मेंष् राजा साहब पीढिय़ों से क्षेत्र के पालक है लेकिन महल से बाहर के जीवन का दर्द उनको नही ये भी चार बार के विधायक है दो-दो सरकारों की मलाई चाटि है। राज्य मंत्री भी रहे लेकिन जनता के स्वास्थ्य के लिए केवल भाषण दिये हैं। अपनी ताकत का एहसास करातें है। अपने हरकतों से विवादों से नाता रखते है। कोरोना की इस हालात में जनता से नदारद है।
लक्सर के विधायक का हाल ही गजब है विधायक जी दो बार के विधायक है और दूसरा चुनाव जीतने के बाद अपने क्षेत्र से दूर हरिद्वार नगर में अपनी आलीशान कोठी बना ली पर जनता के लिए साधारण चिकित्सालय भी नही बनवाया। शेरों शायरी व बेतुकी बातों से अपने क्षेत्र के ष्कपिल शर्माष् कहे जाते हैं। संजय गुप्ता की गम्भीरता कभी सार्वजनिक भी नही दिखती केवल हिंदूवाद व स्वर्ण वोटों के ध्रुवीकरण के कारण विधायकी मिल रही हैं। शोशल मीडिया पर विधायको के हॉस्पिटल बनाए जाने के बयान पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है। लोग कुम्भ का हीसाब तो कोई विधायकों के आलीशान बंगलों का हिसाब मांग रहा है। एक फेसबुक यूजर लिखता है ष्मुख्यमंत्री गिराने व बनाने में मिली रकम से ही हॉस्पिटल बना देतेष्। वही एक फेसबुक यूजर लिखता है ष्तीन दिन के कुम्भ मीडिया सेंटर को अभी भी कोविड अस्पताल बनाना पड़ा पहले ही बनवाया जा सकता था। 6 करोड़ का अस्थाई कोविड सेंटर,अच्छी कमाई है। एक दूसरे यूजर का कहना है कि अखाड़ो को 1-1 करोड़ लूटा दिये गए जिनका कोई हिसाब नही दिया। जनता के आक्रोश को समझते हुए विधायकों ने अपने चेलों को मैनेज करने में लगाया है लेकिन जनता के आक्रोश के सामने विधायकों के चेलो को भगा दिया गया। जनता बोली हम अपने परिजनों को बचाने में सक्षम है। झूठी सहायता नही चाहिए। जनता का कहना है ये सरकारों का बड़ा फेलियर है अब वोट उसी को जो क्षेत्र में सर्वसुविधायुक्त अस्पताल बनवायेगा।

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