तो क्या ऐसे कोरोना से जंग लडेगा सिस्टम
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार के माथे पर कोरोना के बढते मामलों को देखते हुए चिंता की लकीरें पडी हुई हैं और मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि राज्य में लॉकडाउन नहीं लगेगा लेकिन जिस तरह से आज से राजधानी में तीन मई तक के लिए कर्फ्यू की घोषणा की गई है उससे यह आशा बंधी थी कि राजधानी में कोरोना की चैन तोडने में आसानी होगी लेकिन सिस्टम की यह सोच आज डिस्पेंसरी रोड व तहसील चौक पर लगे लम्बे जाम और वहां फंसे सैकडों लोगों के हुजूम को देखते हुए यह सवाल खडे हो रहे थे कि क्या ऐसे कोरोना की चैन तोडने का सपना राजधानी के सिस्टम ने देखा है? इस इलाके में घंटो लगे जाम को देखते हुए सवाल उठने शुरू हुये कि आखिर पुलिस कहां सो गई कि उसे इस बात का इल्म ही नहीं हुआ कि कोतवाली के आस-पास किस तरह से सैकडों वाहन जाम में फंसे हुये हैं और जिस तरह से वह एक दूसरे के साथ खडे हुये दिखाई दिये उससे तो यह शंका भी पनप गई कि राजधानी में यह जाम कहीं कोरोना का एक बडा विस्फोट न कर दे जिसका खामियाजा दर्जनों परिवारों को उठाना पडे।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने आज शाम सात बजे से तीन मई तक के लिए कर्फ्यू की घोषणा की है और इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की दुकानें शाम चार बजे तक खोलने के भी आदेश दिये गये हैं इससे किसी भी व्यक्ति को सामान खरीदने में कोई दिक्कत नहंी आयेगी और न ही सामान लेने वाले दुकानों पर उमडेंगे यह सोच सरकारी सिस्टम ने अपने मन में बना रखी है। हालांकि आज सुबह से ही कोतवाली क्षेत्र के डिस्पेंसरी रोड व तहसील चौक से आने जाने वाले मार्गों पर सैकडों वाहनों पर सवार लोग खरीदारी के लिए बाजार में उमड आये और इतनी बडी संख्या में आई भीड के कारण पूरा इलाका जाम हो गया और इस मार्ग से स्कूटर निकालना तक दुभर हो गया। सुबह से ही लगे इस विशाल जाम को देखकर हर कोई सोचने पर मजबूर हो गया कि अगर इसी तरह से आये दिन बाजारों मंे भीड उमडती रही तो कोरोना एक बडा विकराल रूप ले लेगा जिसका खामियाजा आम जनमानस को उठाना पडेगा। हैरानी वाली बात तो यह है कि इस मार्ग पर लगे जाम ने पुलिस सिस्टम की कलई खोलकर रख दी और यह सवाल उठने लगे कि आखिरकार क्या पुलिस का सारा सिस्टम सो गया है जिसे इस मार्ग पर लगा घंटो जाम दिखाई ही नहीं दिया? अगर ऐसे जामों के लगने का सिलसिला आये दिन बरकरार रहा तो सरकारी सिस्टम ने जो कोरोना की चैन तोडने का सपना मन में संजोया है वह धरातल पर धडाम हो जायेगा और ऐसे जाम से कोरोना एक बडा विस्फोट न कर दे इसमें भी कोई दो राय नहीं है?
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अकसर तहसील चौक व डिस्पेंसरी रोड के साथ ही आढ़त बाजार में जाम लगना एक आम बात होती है लेकिन इस जाम से लड़़ने के लिए पुलिस कोई रणनीति के तहत आगे आने को क्यों तैयार नहीं रहती यह हैरान करने वाली बात है? एक ओर तो सरकार दो गज की दूरी है जरूरी का नारा दे रही है वहीं इन मार्गों पर आये दिन सैकडों वाहनों पर सवार लोगों का हुुजूम जिस तरह से उमडकर आ रहा है वह कोरोना के मामलों को बढाने की एक बडी दावत देता हुआ नजर आ रहा है? ऐसे में सरकारी सिस्टम को इस बात के लिए मंथन करना पडेगा कि बाजारों में इस तरह की भीड़ न उमड पाये।