कोरोना काल में राज्यवासी दाग रहे सवाल कहां गुम हो गये हुजूर!

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देहरादून। देश में बिगड़ते कोरोना के हालातों पर अब जनता का गुस्सा अपने जनप्रतिनिधियों पर उतर आया है। उनमें भी सीधा दिल्ली से देश चलाने वाले अपने सांसद की क्षेत्र में गैरमौजूदगी को लेकर ज्यादा हो रहा है। उत्तराखंड में पांच लोकसभा व तीन राज्यसभा सांसद हैं जिनमें हरिद्वार सांसद डॉ० रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री है लेकिन एक भी सांसद ने अभी तक अपने क्षेत्र की को कोई सूध नही ली है ना ही अपने किसी प्रतिनिधि या किसी हेल्पलाइन कॉन्टेक्ट को जारी नही किया है जिससे जनता को कोई राहत मिल सके। लगातार ऑक्सीजन, वेंटिलेटर से लेकर बेड तक को लेकर मची मारामारी के बीच सांसदों की और से कोई राहत मिलती दिखाई दे रही है। हरिद्वार सांसद तो भारीभरकम मंत्रालय को सम्भालते है ओर उनके प्रतिनिधियों की लम्बी लिस्ट है लेकिन जनता का आरोप है कि केवल योजनाओं का उद्धघाटन करने ही मंत्री जी आतें है या वोट मांगने आएंगे इसके अलावा मोदी की ढपली ही बजातें नजर आतें है हमारे सांसद। ऐसे ही हालात अन्य सांसदों के हैं। पीएम हाउस में सीधी दखल रखने वाले भाजपा के मीडिया चेयर पर्सन राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी की सक्रियता त्रिवेंद्र सरकार के समय बहुत हलचल करती दिखी लेकिन कोरोना के इस माहौल में वहां से भी कोई सन्देश उत्तराखंड की आवाम तक नही पहुंचा हैं। राज्य सरकार व भाजपा अध्यक्ष द्वारा जरूर हेल्पलाइन नम्बर व एक दल उतारा भी गया है लेकिन जनता का आरोप है कि देश की संसद में बैठने वाले इन सांसदों की भी जनता के प्रति कोई जवाबदेही बनती है या केवल मोदी के नाम पर वोट मांगने का ही अधिकार है। हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र की जनता का तो सीधा आरोप है कि देश के शिक्षा मंत्री जब से बने हैं हमारे सांसद तब से हरिद्वार में सामान्य जनता मिलन कोई कार्यक्रम व दौरा किया ही नही है। ऐसे सांसदों का कोई लाभ नही जो भारी महामारी के समय भी क्षेत्र को छोड़कर दिल्ली ही पड़ें है ऐसा ही हाल टिहरी की संसद माला राज्यलक्ष्मी का है जनता से कोई सरोकार करती नजर नही आ रही है जबकि वो सांसद होने के साथ साथ राजपरिवार की बहू भी हैं। वहां से भी देहरादून जो सबसे ज्यादा पीड़ित क्षेत्र है कोई राहत भरा सन्देश नही मिला है। देहरादून में ही निवास करने वाले राज्यसभा सांसद नरेश बंसल कहाँ है किसी को नही पता या उनके द्वारा कितनी व्यवस्था कराई गयी किसी को नही पता केवल सरकार के भरोसे ही अपनी वाहवाही जुटाने में लगे हैं। उसी प्रकार पौड़ी सांसद की बात करें वो स्वयं राज्य के मुखिया है तो कुमाऊ के दोनों सांसद अजय भट्ट व अजय टम्टा कब क्षेत्र में आते है कुछ चुनिंदा लोगो को ही पता होता है जबकि अजय भट्ट के क्षेत्र उधमसिंह नगर में भी हालत कम खराब नही है लेकिन एक भी सांसद ने अपनी ऐसी कोई जिम्मेदारी नही दिखाई की जनता को राहत दिखाई दे। मंचों व योजनाओं की शौभा बढ़ाने वाले सांसद बता भी नही पाएंगे कि कोरोना से जनता को राहत को उनका क्या रॉड मैप है वो सरकार को किस प्रकार सहायता कर सकते हैं उनके लिए वोट मांगने वाली उनकी निजी मैनजेमेंट वाली टीम के कितने सदस्यों को उन्होंने मैदान में उतारा है किसके नम्बर पर सम्पर्क कर आशा की कोई किरण दिख सके। एक लोकसभा क्षेत्र में 12/14 प्रतिनिधि कार्यालय चुनाव में खोलने वाले सांसद का एक भी कोरोना सहायता केंद्र किसी भी क्षेत्र में नही खुला हैं सांसद मौन हैं जनता हाहाकार कर रही हैं।

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