मां की आस्था में सम्मिलित हुये श्र(ालुगण

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देहरादून(संवाददाता)। माँ कालिका जी का अभिषेक हुआ, गुलाबी रंग के वस्त्र धारण कराये गए। भक्त समाज मां के लिए चुन्नी व माला लेकर आते हैं उसको पहले सैनीटाइज किया गया तत्पश्चात मां को अर्पण की गई दोपहर में होने वाले भंडारे में केवल मां अन्नपूर्णा में ब्राह्मण समाज ही भोजन प्रसाद ग्रहण किया। बाकी सभी को पैक हुआ प्रसाद दिया गया, मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा मंदिर में सभी देवी देवताओं को आमंत्रित कर उनका पूजन किया गया जिसमें सर्व प्रथम गणेश पूजन, माँ कालिका जी का पूजन, घंटी पूजन, शंख पूजन, सूर्य पूजन, गणेश पूजन लक्ष्मी पूजन, व नवग्रह पूजन अनादि देवताओं का पूजन पुजारी द्वारा किया गया। तत्पश्चात मां दुर्गा की ढोल बाजे के साथ अपार भक्तों द्वारा मां की सामूहिक आरती हुई। मंदिर समिति द्वारा बार-बार मंदिर में एलाउंसमेंट किया जा रहा है कृपया मास्क लगाकर रखें उचित दूरी बनाकर रखें और मंदिर में कम से कम लोग प्रवेश करें दर्शन कर कर स्वयं ही बाहर चले जाएं मंदिर प्रांगण में ज्यादा समय न रुके यही प्रार्थना आप सभी भक्तों से की जाती है। मंदिर समिति द्वारा आमंत्रित किए गए उत्तराखंड से विद्वान 27 ब्राह्मणों को तिलक किया गया तत्पश्चात सभी ब्राह्मणों ने मां दुर्गा सप्तशती का पाठ व माँ दुर्गा का जाप प्रारंभ किया। 27 ब्राह्मणों द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ व जाप प्रात: एवं सायकल दोनों समय हो रहा है। मंदिर के पुजारी चंद्र प्रकाश ममगई द्वारा मां कालिका यज्ञशाला में दैनिक यज्ञ के साथ आज दुर्गा सप्तशती गायत्री मृत्युंजय, श्री विष्णु सहस्रनाम, नवग्रह अनादि मंत्र के माध्यम से समस्त विश्व कल्याण हेतु उपद्रव शांति हेतु आहुतियां प्रदान की गयी.श्री सिंदुरिया हनुमान मंदिर में मंदिर के ही मुख्य पुजारी के नितृत्व मे श्री राम चरित्र मानस का नवहन पाठ प्रारंभ हुआ जिसमें भी घट पूजन, गणेश पूजन, लक्ष्मी पूजन,भगवान शंकर पूजन, सूर्य पूजन, नवग्रह पूजन अनादि देव का पूजन मंदिर के पुजारी द्वारा किया गया। प्रात: साढे नौ बजे से मां अन्नपूर्णा में सर्वप्रथम पधारे हुए 27 ब्राह्मणों व संत समाज ने जलपान प्रसाद ग्रहण किया। 68 वॉ ध्वजारोहण महोत्सव शक्ति महासम्मेलन आज प्रात: दैनिक कार्यक्रम के बाद श्री गीता एवं श्री रामायण पाठ के साथ त्रि-दिवसीय महासम्मलेन आरम्भ हुआ जैसे कि प्रथा है सम्मलेन के दूसरे दिवस श्री गुरुवाणी का पाठ कीर्तन कई वर्षो से होता आ रहा है आज भी गुरमीत सिंह एवं उनके रागी जत्था द्वारा कीर्तन हुआ। राम राम बोल बोल, खोजते बढ़ भागी स कोई बोले राम राम कोई खुदाए, कोई देवे गुसईयाँ, कोई अल्लाह स तों कृपा से सुख पाया, एक एक एक तू है एक एक नूर पाया। इन शब्द कीर्तन का श्रवन कराया गया। शक्ति तत्व पर निम्न संतों ने अपने अपने विचार रखे… दिल्ली के स्वामी हरि ओम काका जी महाराज, अहमदाबाद के स्वामी सर्वेश बापू जी महाराज, कुरुक्षेत्र के स्वामी शुक्रदेवाचार्य जी महाराज आज के दिवस शक्ति के बारे में बताया माता पिता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म और श्रद्धा है जिस मानव ने अपने मात पिता की सेवा की भगवान भी उसी घर में विराजते हैं प्रभु सागर हैं हम उनके हंस हैं ऐसी भावना सत्संग से मिलती है सत्संग संत कृपा से मिलता है स सत्संग से संस्कार खोजने का रास्ता मिलता है जिस पर संत कृपा हो वही सत्संग का भागी बनता है। सत्संग से कृष्ण और कृष्णा का भेद मालूम होता है ये दोनों शक्ति और शक्तिमान एक ही हैं। अपनी इन्द्रियों पर विजय इन्ही सम्मलेन के माध्यम से मिलती है स माया के कारण हमें इसका ज्ञान नहीं हो पाता पूज्य महाराज श्री द्वारा 68 वर्षों से यह सम्मेलन होता आ रहा है ये सब उनकी महती कृपा से ही हो रहा है। साढे बारह बजे मंदिर प्रांगण में विशेष भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे सभी भक्तो को पैक हुआ प्रसाद दिया गया। सायकल पांच बजे मंदिर खुलने के पश्चात 27 ब्राह्मणों द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रारंभ हुआ जो कि सात बजे तक चला तत्पश्चात मां जगदंबा की सामूहिक आरती 27 ब्राह्मण व अपार भक्तों द्वारा की गई। आरती से पूर्व मंदिर के पुजारी चन्दर प्रकाश ममगई जी ने सर्वप्रथम दुर्गा चालीसा दुर्गा कवच का पाठ किया तत्पश्चात मां की आरती हुई आरती के पश्चात प्रसाद वितरण हुआ। इस अवसर पर समिति के ट्रस्टी जय किशन कक्कर, रमेश साहनी, नरेश मैनी, अशोक लांभा, राम स्वरुप भाटिया,विजय अरोरा, राजेंदर जैस्वाल, कमल गुलाटी, हरीश भाटिया, महेश डोरा, सतीश कक्कर, कमल स्वरुप गुप्ता, दीपक बिस्ट, उमेश मिनोचा, प्रेम आनंद, , शैंकी डोरा, साहिल आहूजा, मुरली, प्रदुमन मैनी अनिरुद्ध गुप्ता, नीरज जिंदल, प्रेम बजाज, सतीश मेहता, सिद्धार्थ आनंद, उमेश मारवाह, स्वर्ण कालरा , अभिषेक वाधवा, संजय आनंद, व अपार भक्त समाज उपसित था।

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