माननीय का टूटा सपना विधायक नही बनेंगे महामण्डलेश्वर

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हरिद्वार। आज हरिद्वारकुम्भ से एक बार फिर ‘क्राईम स्टोरी’ की खबर की हलचल के बाद सन्त जगत से खबर आयी कि माननीय विधायक सुरेश राठौड़ निरंजनी अखाड़े के महामण्डलेश्वर नही बनेंगें।
हरिद्वार निरंजनी अखाड़े के महन्तों ने घोषणा की थी कि हरिद्वार जिले की ज्वालापुर विधानसभा से दलित विधायक सुरेश राठौड़ को निरंजनी अखाड़े से महन्तों ने महामण्डलेश्वर बनाने की घोषणा की थी। कुम्भ पर्व 14 अप्रैल को ये सब प्रक्रिया सम्पन्न भी होनी थी लेकिन निरंजनी अखाड़े की घोषणा के बाद से ही संत जगत से लेकर आमजन में नाराजगी का माहौल था कि गृहस्त व्यक्ति को महामण्डलेश्वर बनाकर धर्म का मजाक बनाया जा रहा है। दरसल सुरेश राठौड़ एक दलित पीठ के पीठाधीश्वर है जिनकी पहचान रविदासाचार्य के रूप में भी है और रविदास महाराज की कथाएँ भी करतें है लेकिन इन सब के बाद भी सुरेश राठौड़ गृहस्त जीवन में ही हैं उन्होंने सन्यास नही लिया है। जबकि सन्यासी व्यक्ति ही महामण्डलेश्वर बनाया जा सकता है। हरिद्वार के एक संत मातृ सदन के परमाध्यक्ष शिवानन्द महाराज ने तो कोर्ट तक जाने की धमकी दी थी।
‘क्राईम स्टोरी’ ने भी खबर छापी थी कि ‘विधायक की चरणवन्दना करेंगे माननीय!’ जिसे सत्ता के गलियारों में भी हकचल बढ़ी की मंत्री न बन पाने के कारण ही सुरेश राठौड़ ने यह खेल खेला है। जिस पर आवाज आयी कि सुरेश राठौड़ अब राजनीति से सन्यास भी ले रहे हैं। आज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के ही महंत नरेंद्र गिरी ने ऐलान किया कि सुरेश राठौड़ ने सन्यास लेने की शर्त पूरी नही कर रहे हैं इसलिए उनको महामण्डलेश्वर नही बनाया जाएगा। जिसे इस प्रकार भी देखा जा रहा है कि ज्यादा किरकिरी के बाद ही निरंजनी अखाड़े ने अपने कदम पीछे खिंचे हैं। इस सब पर सुरेश राठौड़ का कहना है कि मुझे फैसले की जानकारी नही है और मेरा 14 अप्रैल को महामण्डलेश्वर बनना तय है और हम पेशवाई भी निकाल चुकें हैं।

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