प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री ने 2०25 तक उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने का जो संकल्प लिया हुआ है उसे धरातल पर उतारने के लिए राजधानी के पुलिस कप्तान ने खुद मोर्चा संभाल रखा है और वह ऐसे पुलिस कप्तान है जो खुद अपराधियों को खोज निकलने के लिए रात में सड़कों पर निकल पडते हैं। पुलिस कप्तान ने अपराधियों के खिलाफ जिस आक्रमकता से अपना प्रहार शुरू कर रखा है उससे आज राजधानी के अन्दर अपराधी यही बोलते हुए नजर आ रहे हैं कि मैं अजय के दून में कभी भी अपराध करने के लिए नहीं जाऊंगा। धामी के अपराधमुक्त विजन में कप्तान ने जिस बुलंदी के साथ झंडे गाड़ दिये हैं उससे राजधानीवासियों के मन में पुलिस कप्तान की कार्यशैली ने उन्हें भयमुक्त बना दिया है। शहर की सडकों पर देर रात भी अगर कोई परिवार निकलता है तो उसे यह भय नहीं रहता कि कोई असमाजिक तत्व या अपराधी उसके साथ कोई वारदात करने का दुसाहस कर पायेगा। रात के तीन बजे तक पुलिस कप्तान शहरवासियों को सुरक्षित रखने के लिए खुद सडकों पर निकल रहे हैं तो उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस कप्तान मुख्यमंत्री के अपराधमुक्त विजन को लेकर किस शैली से महकमे को चला रहे हैं। राजधानी में नशा तस्कर, अपराधियों, गौ तस्करों के खिलाफ पुलिस कप्तान का आक्रामक रूख उनमें एक भय पैदा किये हुये है और यही कारण है कि जहां सारी सरकार मौजूद है उस राजधानी में अब अपराध का साया खत्म होने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उत्तराखण्ड के कुछ जिलों में अपराधियों का वर्चस्व एक आम इंसान को भय के वातावरण में जीने के लिए मजबूर करता रहा है और यही कारण है कि उत्तराखण्डवासियों के मन में यह पीडा रहती थी कि आखिरकार वह कब भयमुक्त होकर अपने घरों मे रह सकेंगे और सडकों पर उन्हें किसी अपराधी का कोई भय नहीं रहेगा। उत्तराखण्ड की कमान जबसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में आई तो उन्होंने उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने का बडा संकल्प लिया हुआ है और नशा तस्करों से लेकर अपराधियों के खिलाफ उन्होंने एक बडी जंग का ऐलान कर रखा है जिससे कि राज्यवासी अपराधियों के खौफ मे जीने के बजाए आजादी के साथ भयमुक्त होकर शांतवादियों का आनंद ले सकें। मुख्यमंत्री ने राजधानी की कमान उस आईपीएस अजय सिंह के हाथों में दे रखी है जिन्होंने अपने सीओ, एसपी सिटी और पुलिस कप्तान के रूप में जिलों के अन्दर अपराधियों का संहार करने मे कभी अपने आपको पीछे नहीं रखा। अजय सिंह ने अपराधियों से दर्जनों बार खुद मोर्चा लिया और वह कभी भी अपने जनपद में अपराधियों को पनपने नहीं देते और यही कारण है कि आज राजधानीवासी अपराधियों, भूमाफियाओं और गौ तस्करों से भयमुक्त नजर आने लगे हैं तो उन्हें इस बात का भी सुकून है कि आज राजधानी में नशा तस्करों पर जो पुलिस कप्तान ने बडी नकेल लगाने के लिए खुद चाबुक अपने हाथ मे लिया हुआ है उससे नशा तस्करों का नेटवर्क धीरे-धीरे नेस्तनाबूत होता हुआ नजर आ रहा है।
पुलिस कप्तान अजय सिंह ने अपनी समूची टीम को अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाने का खुला संदेश दिया हुआ है और वह सभी अधिकारियों और थाना प्रभारियों को अपने क्षेत्र मे रात तीन बजे तक गश्त करने के आदेश देकर अपराधियों के मन में पुलिस का एक भय पैदा करने मे सफल हो चुके हैं। रात दो बजे तक खुद पुलिस कप्तान सडकों पर गश्त करते हुए नजर आते हैं और उनमें अपनी पुलिस के इकबाल को बुलंद करने का जो जज्बा देखने को मिल रहा है वह आवाम को खूब रास आता है क्योंकि पुलिस कप्तान सर्द हवाओं में सडकों पर रात्रि ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों को चाय की पियाली थमाने के लिए अपनी टीमों को हर रात सड़कों पर उतारते हैं जिससे कि चौराहों पर पिकेट करने वाले पुलिसकर्मियों को चाय और बिस्कुट देकर उन्हें यह आभास कराया जाता है कि सारा पुलिस तंत्र एक है और सबका विजन अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ बडी लडाई लडने का है। पुलिस कप्तान ने अपने अब तक के कार्यकाल में बडे से बडे नशा तस्करों को जहां सलाखों के पीछे पहुंचाने का सिलसिला शुरू कर रखा है वहीं वह अपराध करने वाले अपराधियों और गौ तस्करों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए हमेशा अगली पक्ति मे खडे हुये नजर आ रहे हैं। पुलिस कप्तान के आक्रामक रूख से आज अपराधियों, माफियाओं, नशा तस्करों व गौ तस्करों में पुलिस कप्तान का एक बडा डर देखने को मिल रहा है क्योंकि अपराधियों और गौ तस्करों ने जब भी पुलिस पर सीधी गोली चलाने का दुसाहस किया तो अजय की टीम ने भी अपराधियों को उन्हीं की भाषा मे जवाब देकर अस्पताल पहुंचाया। राजधानीवासी मानने लगे हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद को ऐसा पुलिस कप्तान दिया है जो हर फरियादी की फरियाद सुनकर उन्हें सुकून दे रहा है और वह जनपद में भयमुक्त होकर रह रहे हैं।