धामी के विकास की खूब मच रही धूम

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देहरादून। उत्तराखण्ड की जनता आज यह कहती हुई नजर आ रही है कि काश उन्हें युवा मुख्यमंत्री एक दशक पहले मिल गया होता तो आज उत्तराखण्ड की तस्वीर और तकदीर दोनो बदली हुई नजर आती और उत्तराखण्ड विकास की उस ऊंचाई पर खडा होता जहां देश का कोई भी राज्य खडा नहीं हो सका था? मुख्यमंत्री ने सियासत की एक नई परिभाषा रची है जिस पर वह सरकार चलाने के लिए दिन-रात आगे बढते जा रहे हैं और आज राज्य के किसी भी जनपद में यह शोर सुनाई नहीं देता कि उत्तराखण्ड में बेलगाम ब्यूरोक्रेसी राजनेताओं व आवाम को अपने हिटलरशाही से उन्हें दर्द दे रही हो। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने गढवाल, कुमांऊ की वर्षों से चली आ रही खाई को जिस अंदाज में खत्म किया उसके चलते आज राज्य के अन्दर सिर्फ एक उडान उडी हुई है और वह राज्य का विकास ही देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने पहाडों में अफसरों को रात्रि विश्राम के साथ वहां के विकास का सच जानने के लिए उतारा हुआ है उससे मुख्यमंत्री को आज राज्य के अन्दर सियासत का बादशाह माना जा रहा है और सियासत के इस बादशाह ने आवाम के दिलों में राज करने का जो हुनर अपनाया है उसका अक्स इन दिनों निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री की जनसभाओं और उनके रोड-शो में देखने को मिल रहा है जहां सिर्फ एक ही आवाज गूंज रही है कि धामी जी हम आपके साथ हैं। जनमानस ने मुख्यमंत्री को राज्य का भाग्य विद्याता मानकर उनके पीछे चलने का जो सिलसिला शुरू किया है उसके चलते पर्यटन, तीर्थाटन से लेकर सरकार हर क्षेत्र में एक नई अलख जगाते हुए नजर आ रही है और बच्चे से लेकर बडे-बूढे भी आज युवा मुख्यमंत्री के फलावर रूप में सरकार चलाने के अंदाज पर फिदा हैं।
उत्तराखण्ड को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिस दिन से दिया है तबसे मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के बताये गुरूमंत्र पर सरकार चलाने का हुनर दिखा रखा है। मुख्यमंत्री ने अपने तीन साल के कार्यकाल में राज्य की जनता के साथ किये गये एक-एक वायदे को पूरा करने का जो धाकड फैसला उन्होंने धरातल पर उतारा है उसी का परिणाम है कि आज राज्य की जनता को मुख्यमंत्री के दिये जा रहे हर वचन पर अभेद यकीन है कि मुख्यमंत्री जो कहते हैं वो करते हैं। उत्तराखण्ड के अन्दर किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि जो राज्य बाइस सालों से देश के अन्दर विकास की वो उडान भरी है जिसकी राज्यवासियों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर सेक्टर मे विकास का जो नया पैमाना तय कर उसे धरातल पर उतारने का दौर शुरू किया हुआ है उसके चलते आज देशभर में उत्तराखण्ड के विकास की खूब धूम हो रही है। मुख्यमंत्री के अगर तीन साल के देश-विदेश और उत्तराखण्ड में दौरों का लेखाजोखा देखा जाये तो उसे देखकर यह आश्चर्य होगा कि पुष्कर सिंह धामी पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो तीन सालों से सुपरमैन बनकर उत्तराखण्ड के विकास के लिए एक बडी लकीर खींचकर उस विकास के आईने को आम जनमानस के सामने रखते आ रहे हैं।
उत्तराखण्डवासियों ने अधिकांश पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल मे भ्रष्टाचार और घोटालों का जो जहर पिया था वह किसी से छिपा नहीं था और आवाम को हमेशा यह दर्द रहता था कि वह एक लम्बे अर्से से जो भ्रष्टाचार और घोटाले सहने का जहर पी रहे हैं उससे उन्हें कौन राजनेता निजात दिलायेगा। उत्तराखण्डवासियों के मन मे हमेशा यही पीडा रहती थी कि उत्तराखण्ड का निर्माण इसलिए किया गया था कि उनके राज्य मे किसी को भी अपने सही काम कराने मे कोई परेशानी का सबब नहीं झेलना पडेगा। हालांकि उनकी यह सोच उन्हें अधिकांश पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल मे धडाम सी दिखाई दी और यही कारण है कि उत्तराखण्ड मे अधिकांश सरकारों मे पनपते रहे भ्रष्टाचार और घोटालों की गूंज उत्तराखण्ड से लेकर देशभर मे हमेशा गंूजती रहती थी। उत्तराखण्ड की कमान जैसे ही युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी को सौंपी गई थी तो उन्होंने राज्य को एक नया राज्य बनाने का खुला संकल्प लिया और उन्होंने यह फरमान भी जारी कर दिया था कि अगर किसी ने भी उनके राज मे भ्रष्टाचार और घोटाले करने का दुसाहस किया तो उसे किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जायेगा। सबसे अह्म बात यह है कि उत्तराखण्ड मे एक लम्बे युग तक गढवाल व कुमांऊ के बीच कुछ पूर्व मुख्यमंत्री इतनी बडी खाई पैदा करते रहे थे कि ऐसा लगता था कि मानो गढवाल व कुमांऊ अलग-अलग राज्य हों लेकिन जबसे पुष्कर सिंह धामी ने सत्ता संभाली तबसे उन्होंने उत्तराखण्ड मे गढवाल व कुमांऊ की खाई को पाटने की दिशा मे एक बडे विजन के साथ काम किया। मुख्यमंत्री ने अपने अब तक के कार्यकाल मे गढवाल व कुमांऊ मे एक जैसा विकास करने का जो पैमाना तय किया उससे राज्य के अन्दर गढवाल व कुमांऊ की जो खाई खोदी गई थी वह अब पूरी तरह से भर चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुपरमैन बनकर सरकार चलाते हुए नजर आ रहे हैं और वह गढवाल व कुमांऊ के हर जिले मे जितने दौरे अपने अब तक के कार्यकाल मे कर चुके हैं वह हैरान करने जैसे ही दिखाई देते हैं क्योंकि किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री ने गढवाल व कुमांऊ के जिलों मे रात बिताकर वहां चौपाल लगाने की कभी कोई कोशिश की ही नहीं थी। हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढवाल मे जहां अलग-अलग जिलों मे रातें बिताकर वहां आवाम के बीच चौपाल लगाकर उनके साथ वहां के विकास को लेकर बडा खाका खींचा तो वहीं कुमांऊ के जनपदों मे भी उन्होंने ऐसी ही चौपाल लगाकर आवाम को संदेश दिया था कि वह राज्य के मुख्यमंत्री नहीं बल्कि जनसेवक हैं और जनसेवक हमेशा जनता के बीच रहकर ही राज्य के विकास का खाका खींचता है। मुख्यमंत्री के कार्यकाल मे जहां पर भी बडी-बडी आपदायें आई वहां मुख्यमंत्री सुपरमैन बनकर पहुंचे और उन्होंने अपनी टीम के साथ वहां मोर्चा संभालकर आपदा मे फंसे एक-एक इंसान को बचाने का जो जज्बा दिखाया हुआ है उसी को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आवाम धरातल पर सच मे सुपरमैन की भूमिका मे देख रही है और यही कारण है कि वह मुख्यमंत्री के इस रूप को देखकर उनकी कायल हो रखी है।
मुख्यमंत्री का उत्तराखण्ड के चप्पे-चप्पे पर राजनीतिक इकबाल इतना बुलंद हो चुका है कि वह जहां पर भी रैली, रोड-शो या जनसभा करने के लिए जाते हैं तो वहां आम जनमानस का सैलाब सडकों पर उमड आता है और राज्य में मुख्यमंत्री के साथ युवा पीढी से लेकर मातृशक्ति में सैल्फी लेने का जो क्रेज देखने को मिल रहा है उससे समझा जा सकता है कि आज उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री की विकास उडान आम जनमानस को कितना सुकून दे रही है।

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